भारत में तंबाकू की खपत को लेकर क्या तर्क है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) ने हाल ही में तंबाकू नियंत्रण उपायों पर एक व्यापक रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट एमपॉवर उपायों (तंबाकू के उपयोग तथा स्वास्थ्य पर इसके हानिकारक प्रभावों से निपटान हेतु WHO द्वारा विकसित रणनीतियों का एक समूह) की शुरूआत के बाद से विश्व स्तर पर हुई प्रगति का मूल्यांकन करती है।

एमपॉवर उपाय (MPOWER Measures): 

  • वर्ष 2008 में WHO ने एमपॉवर (MPOWER)- एक ऐसी योजना जिसमें छह सबसे महत्त्वपूर्ण एवं प्रभावी तंबाकू नियंत्रण विधियाँ शामिल थीं, की स्थापना की। छह एमपॉवर रणनीतियों में शामिल हैं:
    • M: तंबाकू के उपयोग और रोकथाम नीतियों की निगरानी करना (Monitor)
    • P: लोगों को तंबाकू के धुएँ से बचाना (Protect)
    • O: धूम्रपान छोड़ने के लिये सहायता प्रदान करना (Offer)
    • W: तंबाकू के खतरों के बारे में चेतावनी देना (Warn)
    • E: तंबाकू के विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन पर प्रतिबंध लगाना (Enforce)
    • R: तंबाकू पर कर बढ़ाना (Raise)

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:

  • वैश्विक तंबाकू नियंत्रण प्रगति:
    • पूरे विश्व में धूम्रपान का प्रचलन वर्ष 2007 में 22.8% से घटकर वर्ष 2021 में 17% रह  गया है, जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान में धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या में 300 मिलियन की कमी आई है।
    • WHO के MPOWER/एमपॉवर उपायों ने विगत 15 वर्षों में तंबाकू नियंत्रण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, अर्थात् WHO ने इस उपाय से कम से कम 5.6 बिलियन लोगों (वैश्विक आबादी का 71%) की रक्षा की है।
    • कम से कम एक एमपॉवर उपाय लागू करने वाले देशों की संख्या वर्ष 2008 में 44 से बढ़कर वर्ष 2022 में 151 हो गई है, जबकि चार देशों – ब्राज़ील, तुर्किये, नीदरलैंड और मॉरीशस ने सभी उपायों को सफलतापूर्वक लागू किया है।
  • चुनौतियों का समाधान:
    • यह रिपोर्ट उन चुनौतियों पर भी प्रकाश डालती है जिन्हें अधिक प्रभावी तंबाकू नियंत्रण के लिये संबोधित करने की आवश्यकता है।
    • विश्व में 44 देश अभी भी कोई एमपॉवर उपाय लागू नहीं करते हैं, जबकि 53 देशों की स्वास्थ्य सुविधाओं में धूम्रपान पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है।
      • इसके अतिरिक्त, केवल कुछ देश ही धूम्रपान-मुक्त कार्यस्थलों और रेस्टोरेंट्स पर इन उपायों को लागू करते हैं।
    • WHO, ई-सिगरेट के खतरों पर भी प्रकाश डालता है, क्योंकि तंबाकू उद्योग द्वारा हानिकारक विकल्प के रूप में ई-सिगरेट का सक्रिय प्रचार प्रगति को कमज़ोर करता है।
      • ई-सिगरेट, उपयोगकर्त्ता और उसके आस-पास के लोग दोनों के लिये जोखिम उत्पन्न करती है, मूलतः आतंरिक वातावरण (indoor environments) में।
  • सेकेंड-हैंड स्मोकिंग: 
    • प्रतिवर्ष अनुमानित 8.7 मिलियन मौतें तंबाकू से संबंधित हैं, जबकि इसमें से 1.3 मिलियन मौतें  गैर-धूम्रपान करने वालों से संबंधित हैं, जो कि सेकेंड-हैंड/अप्रत्यक्ष स्मोकिंग के संपर्क में आने से प्रभावित हुए हैं।
    • हृदय रोग के कारण होने वाली लगभग 400,000 मौतों का कारण सेकेंड-हैंड स्मोकिंग है। इसके अलावा निष्क्रिय धूम्रपान बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जिससे गंभीर अस्थमा, श्वसन पथ में संक्रमण और अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (Sudden infant death syndrome- SIDS) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
      • 20 वर्ष से कम उम्र के लगभग 51,000 बच्चों और किशोरों की मौत सेकेंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आने से होती है।
  • तंबाकू नियंत्रण को लेकर भारत की प्रगति:
    • भारत तंबाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य चेतावनी लेबल लागू करने और तंबाकू की लत को रोकने हेतु उपचार प्रदान करने में उत्कृष्ट है।
    • भारत में लगभग 85% सिगरेट पैकों पर आगे और पीछे दोनों तरफ स्वास्थ्य चेतावनियाँ लिखी होती हैं, जो चेतावनी लेबल आकार के मामले में देश को शीर्ष 10 में रखता है।
    • भारत ने ई-सिगरेट की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों में धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा दिया है।
    • बंगलूरू में सैकड़ों प्रवर्तन अभियानों, ‘नो स्मोकिंग’ साइन डिस्प्ले, धूम्रपान और सेकेंड-हैंड स्मोकिंग के धुएँ से उत्पन्न खतरों के बारे में व्यापक जागरूकता अभियानों के परिणामस्वरूप तंबाकू नियंत्रण में महत्त्वपूर्ण प्रगति देखी गई है।
      • शहर द्वारा किये गए प्रयासों से सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान में 27% की सराहनीय कमी देखी गई है।

भारत में तंबाकू उपभोग/खपत की स्थिति:

  • परिचय:
    • ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया, 2016-17 के अनुसार, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (15 वर्ष और उससे अधिक- सभी वयस्कों का 29%) तंबाकू का उपभोग करते हैं।
    • धुआँ रहित तंबाकू भारत में तंबाकू के उपयोग का सबसे प्रचलित रूप है।
    • यह भारत में कई बीमारियों और मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है और प्रत्येक वर्ष इससे लगभग 1.35 मिलियन लोगों की मौत होती है। भारत, तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक भी है।
  • सरकारी पहलें: 

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