कोरोना की तीसरी लहर की क्या है संभावना?

कोरोना की तीसरी लहर की क्या है संभावना?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एक तरफ जहां राज्य सरकारें कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दौरान मरीजों के बेहतर इलाज की व्यवस्था कर रही हैं वहीं केंद्र सरकार भावी लहर को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने में जुटी है। इसके लिए पूरे देश में 277 सेंटिनल साइट्स बनाए गए हैं, जो हर हफ्ते 15 सैंपल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजते हैं। इसके साथ ही सरकार अधिक संक्रमण दर वाले जिलों और आर नाट पर नजर बनाए हुए हैं।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डा. एसके सिंह ने कहा कि देश के हर जिले में कोरोना वायरस के सैंपल की लगातार जिनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है। जिनोम सिक्वें¨सग के मार्फत वायरस में म्युटेशन का पता लगाने की कोशिश तो की ही जा रही है, यह भी देखा जा रहा है कि म्युटेशन के बाद कोई वायरस कितना फैल रहा है। डा. सिंह ने डेल्टा प्लस वैरिएंट से तीसरी लहर की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि अप्रैल से अभी तक कुल 86 सैंपल में ही इस वैरिएंट को देखा गया है, जो पूरे देश में फैला हुआ है। किसी खास इलाके में इस वैरिएंट के बहुत ज्यादा केस आने के संकेत नहीं मिले हैं। लेकिन कोरोना वायरस के एक आरएनए वायरस होने के कारण उसमें लगातार म्युटेशन की आशंका बनी हुई है।

देश में तीसरी लहर की आशंका वाले वायरस के म्युटेशन की शुरू में ही पहचान लेने का ढांचा तैयार होने की जानकारी देते हुए डा.सिंह ने कहा कि इसके लिए पूरे देश में 277 सेंटिनल साइट्स बनाए जा चुके हैं और कुछ अन्य साइट्स को बनाने पर काम किया जा रहा है।

हर सेंटिनल साइट्स को दो-तीन जिलों से वायरस के सैंपल लेकर जिनोम सिक्वे¨सग वाले इंसाकाग लेबोरेटरी को भेजने की जिम्मदारी सौपी गई है। राज्यों को पांच जांच लेबोरेटरी और पांच मल्टी स्पेशलियटी अस्पतालों को हर साइट्स से जोड़ने को कहा गया है। हर सेंटिनल साइट्स को हर हफ्ते 15 सैंपल जिनोम सिक्वे¨सग के लिए भेजने को कहा गया है। जिन जिलों में नए केस कम आ रहे हैं, उन्हें 15 दिन में सैंपल भेजने की छूट दी गई है।

नए वैरिएंट का तुरंत चलेगा पता

डा. सिंह ने कहा कि इससे देश के हर कोने से कोरोना के नए वैरिएंट का पता चल सकेगा और साथ ही यह देखा जा सकेगा कि किस जिले में कौन सा वैरिएंट ज्यादा पाया जा रहा है। यदि किसी वैरिएंट की संख्या तेजी से बढ़ती है, तो वह पूरे देश में तीसरी लहर का कारण बन सकता है, जैसा कि महाराष्ट्र से शुरु हुए डेल्टा वैरिएंट के मामले में हुआ, जो पूरे देश में दूसरी लहर का मुख्य कारण बन गया। इंसाकाग में 28 प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें जिनोम सिक्वें¨सग का काम किया जा रहा है। जुलाई महीने सेंटिनल साइट्स से मिले 8,000 नमूनों की जिनोम सिक्वे¨सग की जा चुकी है।

तीसरी रोकने के लिए टीकाकरण जरूरी

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार की कोशिश दिसंबर तक देश में सभी पात्र वयस्कों के टीकाकरण करने की है। यदि कोरोना की तीसरी लहर जल्दी आ गई तो वैक्सीन से वंचित रह गई बड़ी आबादी को अपने चपेट में ले लेगी। कोरोना के वैरिएंट पर नजर रखने के साथ-साथ सरकार 10 फीसद से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों और आर नाट बढ़ने वाले राज्यों पर नजर रखे हुए हैं, उसे नियंत्रित करने में राज्य सरकारों की मदद की जा रही है।

44 जिलों में संक्रमण दर 10 फीसद से ज्यादा

उन्होंने कहा कि अभी भी देश में कुल 44 ऐसे जिले हैं, जिनमें संक्रमण दर 10 फीसद से अधिक बनी हुई है। लेकिन इनमें से 10 जिले केरल और 29 जिले पूर्वोत्तर के राज्यों तक सीमित है।

कई राज्यों में बढ़ रहा आर नाट

पंजाब और हिमाचल प्रदेश प्रत्येक में आर नाट 1.3 पहुंच गया है और यह बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में 1.1 और और आंध्र प्रदेश में 1.0 के साथ आर नाट में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं। जबकि गुजरात व मध्यप्रदेश और गोवा और नागालैंड में 1.0 पर आर नाट स्थिर बना हुआ है। आर नाट वह पैमाना है जिसके जरिये यह मापा जाता है कि एक संक्रमित व्यक्ति कितने स्वस्थ्य लोगों को संक्रमित कर रहा है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!