साझा उपराष्ट्रपति के लिए उम्मीदवार उतार कर विपक्ष क्या देगा संदेश?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब देश के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। एक तरफ जहां संसद में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए के पास चुनाव में स्पष्ट बहुमत प्राप्त है, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां भी बीजेपी को टक्कर देने की तैयारी में हैं। सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि विपक्षी इंडिया गठबंधन उपराष्ट्रपति के चुनाव में साझा उम्मीदवार उतार सकता है।
एनडीए के उम्मीदवार पर अटकलें
बता दें कि संविधान के मुताबिक उपराष्ट्रपति के अचानक पद छोड़ने के बाद या किसी आपात स्थिति में जल्द से जल्द चुनाव कराने का निर्देश दिया गया है। धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब अगले उपराष्ट्रपति के चयन को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सत्तारूढ़ एनडीए के खेमे से खबरें आ रही हैं कि अगला उम्मीदवार बीजेपी का ही होगा। हालांकि इससे पहले जेडीयू के रामनाथ ठाकुर की दावेदारी की खबरें भी सामने आई थीं।
नंबर गेम में एनडीए आगे
भले ही इंडिया गठबंधन ने चुनाव के लिए कमर कस ली है, लेकिन नंबर गेम की बात की जाए तो एनडीए इस चुनाव को आसानी से जीत सकती है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में राज्यसभा और लोकसभा दोनों के सांसद वोट डालते हैं। संसद के दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या इस समय 782 है और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 392 वोट हासिल करने होंगे। एनडीए के पास लोकसभा में 293 सांसद, वहीं इंडिया गठबंधन के पास 234 सांसद हैं। वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा में लगभग 130 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है और इंडिया गठबंधन को सदन में 79 सदस्यों का समर्थन है। ऐसे में एनडीए स्पष्ट बहुमत के साथ चुनाव जीत सकती है।
जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद अब अगले वाइस प्रेसिडेंट के नाम की अटकलें लगने लगी हैं। अब तक संभावितों की लिस्ट में कई बड़े नेताओं के नाम सामने चुके हैं। अब इसमें एक और बड़ा व चौंकाने वाला नाम शामिल हुआ है। दरअसल, केंद्रीय राज्य मंत्री और जेडीयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने बुधवार शाम को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है, जिसके बाद अटकलें लगने लगी हैं कि वे भी उपराष्ट्रपति की रेस में शामिल हैं। रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं और इस समय जेडीयू कोटे से मोदी सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री हैं।
कौन हैं रामनाथ ठाकुर, रेस में क्यों हुए शामिल?
रामनाथ ठाकुर बिहार से आने वाले बड़े चेहरे हैं। वे राज्य के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर के बड़े बेटे हैं। वे लालू यादव की पहली कैबिनेट का भी हिस्सा रह चुके हैं और तब गन्ना मंत्री बनाया गया था। फिर साल 2005 से 2010 तक नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। उनके पिता कर्पूरी ठाकुर को कुछ समय पहले ही भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
रामनाथ ठाकुर के उपराष्ट्रपति की रेस में शामिल होने की कई वजहें बताई जा रही हैं। दरअसल, इसी साल के आखिर में बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में यदि एनडीए सरकार वहीं से आने वाले किसी नेता को उपराष्ट्रपति बनाती है तो चुनाव से पहले बड़ा मैसेज जाएगा और इसका फायदा मौजूदा सरकार को राज्य में मिल सकता है।
जेडीयू को साधने के लिए रामनाथ ठाकुर को बनाएगी उपराष्ट्रपति?
वहीं, रामनाथ ठाकुर को उपराष्ट्रपति बनाकर बीजेपी बिना किसी दिक्कत के पांच सालों तक केंद्र में सरकार चला सकती है। बीजेपी को इस समय अकेले दम पर लोकसभा में बहुमत नहीं है और जेडीयू व टीडीपी की मदद से सरकार चला रही है। इसी वजह से उपराष्ट्रपति का पद जेडीयू कोटे से किसी नेता को भी दिया जा सकता है।
पहले बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन बाद में उनका नाम रेस से लगभग बाहर हो गया। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश खुद को मुख्यमंत्री पद से दूर करना नहीं चाहेंगे। इसी वजह से अब उनकी जगह जेडीयू की ओर से रामनाथ ठाकुर का नाम रेस में आ गया है। यदि रामनाथ ठाकुर को एनडीए सरकार उपराष्ट्रपति बनाती है तो इससे नीतीश कुमार भी राज्य के अगले सीएम पद की रेस में बने रहेंगे और उपराष्ट्रपति जैसा बड़ा पद भी उनके ही दल के नेता को मिल जाएगा।
लिस्ट में और कौन-कौन से नाम हैं शामिल?
पिछले एक दशक से ज्यादा समय में मोदी सरकार हमेशा चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जानी जाती है। उसकी अगली रणनीति और फैसले के बारे में बहुत ही कम बार पहले से पता चल सका है। इसी तरह इस बार भी उपराष्ट्रपति पद के लिए विभिन्न नामों की अटकलें भले ही लग रही हैं, लेकिन कौन बनेगा, इसका पता तो तभी चलेगा, जब बीजेपी खुद इसका ऐलान करेगी। हालांकि, अभी कई नाम हैं, जो संभावितों की सूची में हैं। सबसे पहले नीतीश कुमार का नाम सामने आया, लेकिन अब उनकी संभावना बहुत कम है। उनके अलावा, हरिवंश नारायण सिंह, राजनाथ सिंह, मनोज सिन्हा जैसे नामों की भी चर्चा है।