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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का अगला कदम क्या होगा? - श्रीनारद मीडिया

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का अगला कदम क्या होगा?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देने के कुछ ही घंटों बाद भारत की कूटनीति तेज हो गई। पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनएसए ने जहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों स्थाई सदस्यों (अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से टेलीफोन पर बात कर भारत का पक्ष रखा।वहीं शाम को चार बजे विदेश मंत्रालय के साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में यूएनएससी के पांचों स्थाई सदस्यों और नौ अस्थाई सदस्यों के भारतीय राजदूतों को बुला कर ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की वजहों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए डोभाल ने कई देशों में स्थित अपने समकक्षों से बात की।

पाकिस्तान को मिला करारा जवाब

भारत का रूख साफ है कि उसने सीमा पार आतंकवाद पर जीरो-टोलेरेंस की नीति के तहत अपनी आत्मरक्षा में यह जवाबी कार्रवाई की है लेकिन अब उसकी मंशा तनाव को आगे बढ़ाने की नहीं है। हालांकि अगर पाकिस्तान कुछ करता है तो भारत उसका जवाब देने को भी पूरी तरह से तैयार है। यह बात भारत ने चीन को खास तौर पर बताई है।

जैसे-जैसे दुनिया भर में भारत की तरफ से पहलगाम हमले का बदला लेने के बाद पाकिस्तान के भीतर हमला करने की सूचना पहुंची, अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आने लगी। सबसे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें भारत की कार्रवाई की सूचना मिली है और उम्मीद है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच शांति स्थापित होगी।

डोभाल ने ट्रंप के मंत्री से की बात

  • ट्रंप के उक्त बयान के कुछ ही देर बाद एनएसए डोभाल ने अमेरिका के विदेश मंत्री व कार्यवाहक एनएसए मार्को रूबियो से बात की। रूबियो ने भी कहा कि उनकी नजर पूरे हालात पर है। मैं भारत व पाकिस्तान से आग्रह करता हूं कि वह संवाद जारी करें और तनाव को खत्म करें।
  • ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, यूएई, सउदी अरब, ब्रिटेन, रूस जैसे तमाम देशों ने दक्षिण एशिया के इन दो परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच के बढ़ रहे सैन्य तनाव पर गहरी चिंता जताई है और भारत व पाकिस्तान से कहा है कि वह अब कोई ऐसा कदम नहीं उठाएं जिससे हालात और खराब हो।
  • विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में जो बात कही, उसी आधार पर ही सभी देशों को बताया गया है। भारत ने सोच समझ कर, सटीक तरीके से आतंकी शिवरों पर हमला किया है लेकिन अब मौजूदा तनाव की स्थिति को और खराब नहीं करना चाहिए।

तुर्कीए दे रहा रोते पाकिस्तान को कंधा

अब आगे भारत की कार्रवाई पूरी तरह से पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। एनएसए ने यह बात चीन के विदेश मंत्री व एनएसए वांग यी को भी कही। डोभाल ने कहा कि, ‘भारत की इच्छा मामले को बिगाड़ने का नहीं है लेकिन अगर पाकिस्तान बिगाड़ता है तो भारत जवाब देने को भी पूरी तरह से तैयार है।’

चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसके विदेश मंत्री या राष्ट्रपति के साथ भारत का कोई संवाद नहीं हुआ है। 22 अप्रैल की घटना के बाद पीएम मोदी ने यूएनससी के पांच स्थाई सदस्यों में से चार सदस्यों के राष्ट्र प्रमुखों से और विदेश मंत्री ने 10 अस्थाई सदस्यों में से नौ के विदेश मंत्रियों से बात की है। उधर, पाकिस्तान को तुर्कीए ने भी पूरा समर्थन दिया है। तुर्कीए ने भारत के हमले की निंदा की है और इसे उकसावे की घटना बताया है।

भारतीय सेना पाकिस्तान सेना द्वारा किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघन पर कड़ी नजर रख रही है। भारतीय सेना प्रमुख लगातार स्थानीय संरचनाओं के संपर्क में हैं और पाकिस्तानी सेना की कार्रवाइयों पर नजर रख रहे हैं। नियंत्रण रेखा पर भारतीय नागरिकों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा तोपों के इस्तेमाल का उचित जवाब देने के लिए संरचनाओं को परिचालन स्वतंत्रता है।

कल रात भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में पांच आतंकी शिविरों पर सटीक निर्देशित विशेष हथियारों का इस्तेमाल करने के बाद पाकिस्तान ने नागरिक ठिकानों पर तोपखाने से गोलाबारी की है। तीनों सेनाओं के संयुक्त अभियान में कुल नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया।

 ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अब तक किसी भी अन्य सैन्य ऑपरेशन की तुलना में केवल इसलिए अलग नहीं कि इसने पाकिस्तान को हतप्रभ और हैरान कर दिया बल्कि इस लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है कि भारत ने आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान के लिए बालाकोट के बाद और बड़ी लक्ष्मण रेखा खींच दी है।
इस ऑपरेशन में पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ मिसाइल से हमला कर भारत ने साफ संदेश दिया कि आतंकवाद फैलाने वालों को न्याय की सूली पर चढ़ाने के लिए अब बड़ी सैन्य कार्रवाईयों से भी परहेज नहीं करेगा।

25 मिनट में 24 मिसाइलों से हमला

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ केवल 25 मिनट में 24 अत्याधुनिक क्रूज मिसाइलों से हमला इसका सबूत है और संभवत: संख्या के हिसाब से एक दिन में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की ओर किया गया सबसे बड़ा मिसाइल हमला है।

पाकिस्तान में चार और पाक अधिकृत कश्मीर में पांच आतंकी ठिकानों पर हमले से इस्लामाबाद इसलिए हतप्रभ रह गया कि भारत ने सात मई को अपने नागरिकों को युद्ध के दौरान बचाव के लिए ट्रेनिंग ड्रिल का आयोजन करने का राज्यों को निर्देश दिया था तो भारतीय वायुसेना ने राजस्थान की सीमा पर इसी दिन युद्धाभ्यास के लिए नोटम जारी किया था।

इस बार अलग थी स्ट्राइक

  • भारत की इन तैयारियों के मद्देनजर पाकिस्तान को शायद ही आशंका थी कि इससे पहले ही बुधवार आधी रात को भारतीय सेनाएं न केवल पीओजेके बल्कि पाकिस्तान के 100 किमी भीतर बहावलपुर जैसे आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर देगी। सैन्य ऑपरेशन में दुश्मन को हतप्रभ करने की इस रणनीति के साथ ही ऑपरेशन सिंदूर ऊरी के उपरांत सर्जिकल स्ट्राइक तथा पुलवामा के बाद बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक से आकार-प्रकार ही नहीं सामरिक रूप से भी बहुत बड़ा था।
  • संदेश साफ है कि पाकिस्तान में बैठकर आतंकवाद फैलाने वालों को पाकिस्तानी सेना का रक्षा कवच भी अब बचा नहीं पाएगा। निसंदेह आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर का बेलाग संदेह यही है। पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेनाओं की जहां पेशेवर तथा संयमित कार्रवाई का भी नमूना है क्योंकि इसमें केवल आंतकी कैंपों को ही निशाना बनाया गया।
  • पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों पर कोई कार्रवाई नहीं कर भारत ने दुनिया को यह भी संदेश दिया कि वह अग्रणी जवाबदेह राष्ट्र के रूप में युद्ध का पैरोकार नहीं है। इसीलिए केवल आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई कर पाकिस्तान को आगाह किया है कि वह आतंकवाद को भारत के खिलाफ अपनी राजसत्ता का हथियार बनाने की हरकत जारी रखेगा तो क्षेत्रीय शांति बनाए रखना अकेले उसकी जिम्मेदारी नहीं होगी।

सेना ने जारी किए वीडियो

ऑपेरशन सिंदूर की बेहद चुनौतीपूर्ण मगर सटीक कार्रवाई में इस बार सेनाओं ने इसका भी खास ख्याल रखा कि पाकिस्तान को दुनिया के सामने पर्दा डालने की कोई गुंजाइश न मिले। इसीलिए ऑपरेशन का ब्यौरा साझा करने के दौरान सैन्य कार्रवाई की कुछ वीडियो तथा सेटेलाइट भी भारतीय सेनाओं ने दिखाई। हालांकि यह अलग बात रही कि पाकिस्तानी सेना, सरकार, मीडिया तथा वहां के नागरिकों ने खुद बयानों तथा वीडियो के माध्यम से भारतीय सैन्य हमले से जान-माल को हुए नुकसान को खुलकर खुद ही साझा किया।

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