Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
नार्मल और सीजेरियन डिलीवरी के बाद कब से शुरू करना चाहिए से..... - श्रीनारद मीडिया

नार्मल और सीजेरियन डिलीवरी के बाद कब से शुरू करना चाहिए से…..

 

नार्मल और सीजेरियन डिलीवरी के बाद कब से शुरू करना चाहिए से…..

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

चाहे डिलीवरी नॉर्मल हुई हो या सीजेरियन। डिलीवरी के बाद शरीर फिर से सामान्‍य होने में समय लेती है। इसलिए डॉक्‍टर भी डिलीवरी के बाद दोबारा से सेक्‍स करने से पहले कम से कम 4 से 6 सप्ताह तक गेप रखने के लिए सलाह देते हैं। इससे सर्विक्‍स को बंद होने का समय मिल जाता है और यदि शरीर में किसी प्रकार की हिलिंग की ज़रुरत है तो वो भी हो जाती है। प्रेगनेंसी के बाद महिलाएं न केवल शारीरिक रूप से बल्कि वह मानसिक रूप से भी थक जाती हैं। डिलीवरी के दौरान महिलाओं को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता हैं। मांसपेशियों में दबाव बने लग जाता है। क्योंकि, इस दौरान महिलाओं को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है, जिससे कि मांशपेशियां थक जाती हैं।

ऐसे में, अब बात यह आती है कि प्रसव के बाद महिलाएं कब से सेक्स करना शुरू कर सकती हैं। आमतौर पर शिशु के जन्म के करीब तीन सप्ताह बाद महिलाएं सेक्स करने के लिए तैयार होती हैं। क्योंकि, इस समय तक प्रसव के बाद होने वाले रक्तस्राव की समस्या खत्म हो जाती है। नॉर्मल डिलीवरी यदि बच्चा नार्मल हुआ हो तो, प्रसव के बाद कब सेक्स करना उचित है इसके लिए एक बार डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर होगा। क्योंकि, इस दौरान संक्रमण होने का खतरा बहुत अधिक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्लेसेंटा के बाहर निकलने से गर्भाशय पूरी तरह से जख्मी हो जाता है, और इसके घाव को भरने में थोड़ा समय लगता है।

ऐसे में, बिना डॉक्टर की सलाह के सेक्स करना उचित नहीं होगा। कम से कम छह हफ्तों का इंतजार कुछ मामलों में हसबैंड-वाइफ शिशु के जन्म के एक महीने के अंदर ही संभोग करना शुरु कर देते हैं। लेकिन, कुछ कपल ऐसे भी होते हैं जो सेक्स करने के लिए कम से कम छह सप्ताह तक का इंतजार करते हैं। खासतौर से, जिन महिलाओं का पेरिनियम क्षेत्र प्रसव के दौरान फट जाता या वहां चीरा लगाया जाता है उन्हें कुछ दिन का इंतज़ार जरूर करना चाहिए इसी में उनकी भलाई है। यदि सीजेरियन डिलीवरी हुई हैं तो कम से कम 6 हफ्तों बाद यौन संबंध बनाने चाहिए। लेकिन इसके वाबजूद एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ली जानी चाहिए। ताकि डॉक्टर इस बात की जाँच कर सकें कि आप के टांके ठीक से भरे हैं कि नहीं और आप की ऑपरेशन के बाद होने वाली ब्लीडिंग रुकी है कि नहीं। क्योंकि, प्रसव में ब्लीडिंग यूट्रस के अंदर से होती है, जहां पर प्लासेंटा स्थित होता है।

हालाँकि, यह ब्लीडिंग हर गर्भवती महिला को होती है, चाहे उस की डिलीवरी नॉर्मल हुई हो या सीजेरियन। डॉक्‍टर से बात जरुर करें इन सब जांच के बाद अगर डाक्टर आपको सेक्स की इजाजत दे देते हैं, तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि टांके पर किसी तरह का कोई दवाब न पड़े। क्योंकि, इस समय तक टांके पूरी तरह से ठीक नहीं होते हैं। ऐसे में सेक्स के दौरान अपने पोजीशन का जरूर ध्यान रखें। इसके अलावा, आप श्रोणि मांसपेशियों का व्यायाम करें, इससे आपकी योनि की मांसपेशियों की मजबूती लौटने में मदद मिलेगी। जिससे कि आप सेक्स को एन्जॉय कर सकती हैं। डिलीवरी के पहला सेक्‍स जब आप डिलीवरी के बाद पहली बार सेक्‍स कर रही हैं तो इन बातों का विशेष ध्‍यान रखें:

फोरप्ले: यह अद्भुत सेक्स के लिए एक मात्र मंत्र है। अगर आप पूरी तरह नही कर पाते हैं तो भी ये ठीक है। शुरुआत धीमी गति से करें।

पति को बताएं : यदि आपको कुछ तकलीफ हो रही है तो अपने पति को बताएं ताकि दोनों मिलकर उसका हल निकल सकें। लुब्रिकेट करें : स्तनपान और हार्मोनल परिवर्तन से आमतौर पर योनि में सूखापन आता है। इसलिए खुद को लुब्रीकेट करें।

तैयारी जरूरी है:  गर्म पानी से स्नान करें, शौचालय जाएँ , आराम करें और कुछ देर के लिए घर के काम के बारे में न सोचें। जरुरी है की सिर्फ उस क्षण में ही जियें। केगेल व्यायाम का अभ्यास: ये आपकी पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों में सुधार लाने का काम करता है। यह सिद्ध भी हो चुका है की पोस्ट-डिलीवरी ये बहुत लाभप्रद है।

स्थिति (पोजीशन)भी मायने रखती है: आपको पता लगाना होगा की कौन सी पोजिशन आपके लिए अब ज्यादा बेहतर है। उसे आजमाएं और देखें क्या सही है। एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात को ध्यान में रखें, एक समय औअगर ऐसा है तो डॉक्टर से सम्पर्क करें

Leave a Reply

error: Content is protected !!