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कौन हो सकता है गणतंत्र दिवस पर भारत का मुख्य अतिथि ? - श्रीनारद मीडिया

कौन हो सकता है गणतंत्र दिवस पर भारत का मुख्य अतिथि ?

कौन हो सकता है गणतंत्र दिवस पर भारत का मुख्य अतिथि?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

26 जनवरी अब नजदीक है और भारत गणतंत्र दिवस की तैयारियों में जुटा है. इस बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियंतो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. हालांकि, सरकार की ओर से इस यात्रा की आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है, क्योंकि इस मामले में काफी पेच फंसा हुआ है. यह पेच पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है. दरअसल, सुबियंतो भारत यात्रा के बाद पाकिस्तान जाना चाहते हैं, लेकिन भारत सरकार इसको लेकर चिंतित है.

भारत नहीं चाहता कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति भारत यात्रा के बाद सीधे पाकिस्तान के लिए उड़ान भरें, क्योंकि इससे गलत संदेश जा सकता है। खासकर जब पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते सीमा पार आतंकवाद और अन्य मुद्दों को लेकर खराब हैं. भारत ने इस मुद्दे को राजनयिक चैनलों के माध्यम से इंडोनेशिया के सामने उठाया है और उम्मीद कर रहा है कि सुबियंतो को गणतंत्र दिवस समारोह के बाद पाकिस्तान न जाने के लिए मनाया जा सके.

भारत नहीं चाहता पाकिस्तान की यात्रा

यह स्थिति इसलिए भी काफी संवेदनशील है क्योंकि पहले भी इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के भारत यात्रा के बाद पाकिस्तान जाने की घटनाएँ हो चुकी हैं. 2018 में, पूर्व राष्ट्रपति जोको विडोडो ने गणतंत्र दिवस के बाद पाकिस्तान की यात्रा की थी. भारत सरकार चाहती है कि इस बार ऐसा न हो, ताकि भारत और पाकिस्तान के बीच के तनावपूर्ण रिश्तों को और भी जटिल न किया जाए. इंडोनेशिया और भारत के बीच पारंपरिक रूप से अच्छे रिश्ते रहे हैं, और भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि यह यात्रा सकारात्मक रूप से संपन्न हो, बिना किसी विवाद के.

पहले भी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत के बाद पाकिस्तान की यात्रा कर चूकें हैं

इंडोनेशिया का बीते समय में आसियान देशों में सबसे बड़ा कारोबारी बनकर उभरा है. लेकिन रोचक बात ये भी है कि इंडोनेशिया का रिश्ता पाकिस्तान से भी अच्छा रहा है. पिछले कुछ महीने पहले पाकिस्तान के पीएम के साथ इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियंतो की मुलाकात भी हुई थी. साल 2018 में इंडोनेशिया भारत का गणतंत्र दिवस पर अतिथि रह चुका है. उस समय भारत ने आसियान देशों को आमंत्रित किया था. ये वही समय था जब पाकिस्तान का भी दौरा किया था.

दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश के चीफ ही गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे. भारत सरकार ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियंतो को रिपब्लिक डे पर चीफ गेस्ट के तौर पर इनवाइट किया है. मगर अब तक सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. माना जा रहा है कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को भारत बुलाने पर एक पेच फंस चुका है. इस पेच को दूर करने में भारत सरकार जुटी है. इसको दूर करने के बाद ही उनके आधिकारिक भारत दौरे की घोषणा हो सकती है.

अब सवाल है कि आखिर इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियंतो को रिपब्लिक डे के अवसर पर बुलाने में पेच कहां है? तो इसकी वजह पाकिस्तान है. जी हां, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत से सीधे पाकिस्तान जाना चाहते हैं. भारत सरकार यही नहीं चाहती है कि वह भारत यात्रा को पाकिस्तान दौरे के साथ कनेक्ट करें. माना जा रहा है कि भारत सरकार उन्हें मनाने की कोशश कर रही है कि वह भारत दौरे के बाद सीधे पाकिस्तान न जाएं. टाइम्स ऑफ इंडिया ने आधिकारिक सूत्र के हवाले से लिखा है कि सुबियंतो 26 जनवरी की परेड में मुख्य अतिथि होंगे. मगर अब तक यात्रा के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. आम तौर पर इस तरह की घोषणा महीनों पहले ही कर दी जाती है.

क्यों हो रही घोषणा में देरी
घोषणा में देरी की वजह यह है कि पाक मीडिया में यह खबर है कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति 26 जनवरी को तीन दिवसीय यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंच सकते हैं. पाकिस्तान से जब से रिश्ते पूरी तरह तल्ख हुए हैं, तब से भारत अपना कोई भी कनेक्शन उससे नहीं चाहता. भारत सरकार हाल के दिनों में विदेशी नेताओं को भारत यात्रा के दौरान अपने कार्यक्रम में पाकिस्तान को शामिल न करने और दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को अलग रखने के लिए प्रोत्साहित करती रही है.

भारत ने उठाया है यह मुद्दा

टीओआई की खबर के मुताबिक, भारत ने इंडोनेशिया के साथ इस मुद्दे को राजनयिक चैनल के माध्यम से उठाया है. भारत को उम्मीद है कि सुबियंतो को गणतंत्र दिवस समारोह के तुरंत बाद इस्लामाबाद के लिए उड़ान भरने से रोकने में कामयाबी मिलेगी. अगर रिपब्लिक डे परेड के कुछ ही घंटे बाद इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सीधे इस्लामाबाद के लिए उड़ान भरते हैं तो इससे भारत के लिहाज से गलत संदेश जाएगा. खासकर तब जब सीमा पार आतंकवाद जैसे कई मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध अच्छे नहीं हैं. जबकि इसके उलट भारत और इंडोनेशिया के बीच पारंपरिक रूप से मजबूत संबंध रहे हैं.

सुबियतों से पहले विडोडो भी जा चुके हैं सीधे पाकिस्तान
इंडोनिशेया बीते कुछ समय में आसियान क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी भागीदार बनकर उभरा है. हालांकि, यह भी सच है कि पाक और इंडोनेशिया की भी नजदीकियां बढ़ने लगी हैं. दिसंबर में मिस्र में सुबियंतों और पाक के पीएम शहबाज शरीफ के बीच मुलाकात हो चुकी है. दोनों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई थी.

सुबियंतो से पहले रिपब्लिक डे पर पूर्व राष्ट्रपति विडोडो 2018 में भारत आए थे. वो आसियान के नौ अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि थे. उन्होंने भी अपनी भारत यात्रा के तुरंत बाद पाकिस्तान की यात्रा की थी. यह तीसरी बार है जब भारत ने गणतंत्र दिवस के लिए किसी इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को न्योता भेजा. पहली बार 1950 में उद्घाटन समारोह में ऐसा हुआ था. मगर इस बार भारत नहीं चाहता कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सीधे इंडिया से पाकिस्तान जाएं.

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