चंदन मिश्रा का मर्डर कर बादशाह बांग्लादेश क्यों भाग जाना चाहता था?

चंदन मिश्रा का मर्डर कर बादशाह बांग्लादेश क्यों भाग जाना चाहता था?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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पटना के पारस अस्पताल में सजायाफ्ता गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या करने की घटना में कोलकाता से गिरफ्तार मुख्य आरोपित तौसीफ रजा उर्फ बादशाह बांग्लादेश भागने की फिराक में था।

कोलकाता पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की पूछताछ में उसने यह बात स्वीकार की थी। बिहार और बंगाल एसटीएफ की संयुक्त टीम ने तौसीफ सहित चार लोगों को शनिवार देर रात कोलकाता के आनंदपुर इलाके में एक गेस्ट हाउस से दबोचा था। एक महिला को भी हिरासत में लिया गया था, लेकिन उसे बाद में छोड़ दिया गया।

शेरू सिंह ने जेल से रची थी हत्या की साजिश

इस घटना में कोलकाता के दो ठिकानों से मुख्य आरोपित सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बंगाल की पुरुलिया जेल में बंद गैंगस्टर शेरू सिंह ने जेल से इस हत्या की साजिश रची थी और अपने एक खास गुर्गे यानी कोलकाता से पकड़े गए मुख्य आरोपित शूटर तौसिफ रजा उर्फ बादशाह को इसकी सुपारी दी थी।

अस्पताल में इलाज करा रहा था चंदन

मालूम हो कि बक्सर जिले के रहने वाले चंदन मिश्रा की गुरुवार सुबह पटना के अस्पताल के आइसीयू वार्ड में घुसकर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। चंदन हत्या के एक मामले में सजायाफ्ता कैदी था। परोल पर बाहर आकर वह अस्पताल में अपना इलाज करा रहा था। उस पर 12 से ज़्यादा हत्याओं समेत 24 आपराधिक मामले दर्ज थे।

अपराधी चंदन मिश्रा हत्याकांड में शामिल मुख्य शूटर तौसीफ रजा और उसके चचेरे भाई समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं। तौसीफ को मंगलवार सुबह से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इस अपराध की साजिश रचने, शूटरों को पैसे देने, हथियार और बाइक का इंतजाम करने में कई लोगों की भूमिका हो सकती है।

सूत्रों की मानें तो बलवंत ने तौसीफ समेत अन्य को हथियार मुहैया कराए थे। शूटरों को भी वही वहां लाया था। वह पश्चिम बंगाल की पुरुलिया जेल में बंद शेरू सिंह के संपर्क में भी था। पुलिस को शुरू से ही शेरू सिंह पर शक था।

इस अपराध को अंजाम देने के लिए मास्टरमाइंड ने चंदन के किसी करीबी से हाथ मिलाया था। सूत्रों की मानें तो शेरू ने कहा था कि वह अपराध को अंजाम देने के बाद शूटरों को पांच-पांच लाख रुपये देगा। चंदन को जेल के अंदर या बाहर गोली मारना आसान नहीं था।

पैरोल पर बाहर आने के बाद उसके करीबी हमेशा उसके आसपास ही रहते थे। ऐसे में जैसे ही साजिशकर्ताओं को पता चला कि चंदन इलाज के लिए राजा बाज़ार स्थित पारस अस्पताल जा रहा है।

तौसीफ और निशु अस्पताल के चप्पे-चप्पे से वाकिफ

गैंगस्टर हत्याकांड में गिरफ्तार निशु खान और उसके चचेरे भाई तौसीफ़ को पारस अस्पताल के बारे में पहले से ही पता था। कुछ साल पहले निशु को गोली मारी गई थी। वह पारस में भर्ती था। तब तौसीफ़ उससे मिलने अस्पताल आता था। इस बीच, दोनों को अस्पताल के चप्पे-चप्पे की जानकारी थी। सीसीटीवी फुटेज में भी दिखा कि तौसीफ़ आगे-आगे चल रहा था और बाकी चार शूटर उसके पीछे थे।

पटना पुलिस इन सवालों के जवाब कब देगी?

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