मोदी-शाह से क्यों मिले राहुल गांधी?

मोदी-शाह से क्यों मिले राहुल गांधी?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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प्रधानमंत्री कार्यालय का एक कमरा और राहुल गांधी के साथ पीएम मोदी और अमित शाह की 88 मिनट तक चली बैठक बुधवार को चर्चा का केंद्र बनी रही। हालांकि यह पता था कि मुख्य सूचना आयुक्त के उम्मीदवारों पर चर्चा करने के लिए तीनों बड़े नेताओं की मुलाकात होनी है, लेकिन मीटिंग के ज्यादा देर तक चलने की उम्मीद नहीं थी।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी और अमित शाह से की मुलाकात

नियमों के मुताबिक, प्रधानमंत्री, PM द्वारा नॉमिनेटेड एक केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता ही मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त और विजिलेंस डिपार्टमेंट के टॉप लेवल अधिकारीयों की नियुक्ति के फैसला करते हैं।

राहुल गांधी दोपहर 1 बजे प्रधानमंत्री ऑफिस पहुंचे थे और मीटिंग 1:07 बजे शुरू हुई। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, सांसदों की भौहें तन गईं। उन्होंने मीटिंग के दूसरे संभावित एजेंडा पर चर्चा शुरू कर दी।

मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति पर हुई चर्चा

88 मिनट बाद, जब राहुल गांधी बाहर निकले, तो पता चला कि चर्चा सिर्फ मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति के बारे में नहीं थी, बल्कि आठ सूचना आयुक्त और एक विजिलेंस कमिश्नर की नियुक्ति के लिए भी थी। रिपोर्ट्स के अनुसार गांधी ने सभी अप्वाइंटमेंट पर अपनी आपत्ति जताई।

ऐसी मीटिंग में हिस्सा लेने वाले विपक्षी नेताओं की आपत्तियां आम तौर पर उम्मीद के मुताबिक होती हैं। हालांकि इस बार भी नतीजा अलग नहीं था, लेकिन 88 मिनट की मीटिंग में जो हुआ उसे लेकर संसद के गलियारों में जोरदार चर्चा हुई।

केंद्रीय सूचना आयोग में 8 पद खली

अभी केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में 8 पद खाली हैं, जिसमें मुख्य सूचना आयुक्त का पद भी शामिल है। ये अधिकारी ही RTI एप्लीकेंट की शिकायतों और अपीलों पर फैसला करते हैं।

13 सितंबर तक हीरालाल सामरिया भारत के मुख्य सूचना आयुक्त थे। उनके रिटायरमेंट के बाद से यह पद खाली है। सिर्फ दो सूचना आयुक्त आनंदी रामलिंगम और विनोद कुमार तिवारी ही यह काम संभाल रहे हैं।

CIC के 30,838 केस अभी तक पेंडिंग

CIC की वेबसाइट के मुताबिक, उसके पास 30,838 केस पेंडिंग हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 12(3) के तहत प्रधानमंत्री चयन समिति के अध्यक्ष होते हैं, जिसमें विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री भी शामिल होता है। ये सभी मिलकर मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नामों के चयन और सिफारिश करते हैं।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली इस चयन समिति में विपक्ष के नेता की उपस्थिति यह सुनिश्चित करती है कि नियुक्ति प्रक्रिया में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की राय भी शामिल हो। यह एक स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। राहुल गांधी का इस बैठक में शामिल होना इस बात का संकेत है कि सरकार विपक्ष को भी महत्वपूर्ण नियुक्तियों में शामिल करने का प्रयास कर रही है।

मुख्य सूचना आयुक्त और केंद्रीय सतर्कता आयोग में सतर्कता आयुक्त के चयन को लेकर बुधवार को अहम मीटिंग हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए। कांग्रेस सांसद ने इस दौरान ‘असहमति नोट’ सौंपा।

बैठक में क्या हुआ, डिटेल्स का इंतजार

प्रधानमंत्री कक्ष में हुई इस बैठक में क्या फैसला लिया गया, अभी इसकी डिटेल्स सामने नहीं आई है। हालांकि, मुख्य सूचना आयुक्त और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) में सतर्कता आयुक्त के चयन को लेकर ये बैठक अहम है। यह मीटिंग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्रीय सूचना आयोग में कई पद खाली होने से कामकाज प्रभावित है।

13 सितंबर से खाली है मुख्य सूचना आयुक्त का पद

आरटीआई आवेदकों को अपने मामलों के निपटारे के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। फिलहाल सीआईसी में 30838 मामले लंबित हैं। यह एक बड़ी संख्या है और इससे पता चलता है कि आयोग पर काम का काफी बोझ है। हीरालाल समरिया, पिछले मुख्य सूचना आयुक्त थे। उन्होंने 13 सितंबर को अपना पद छोड़ा था। उन्हें 6 नवंबर 2023 को मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया था। उनके जाने के बाद से यह पद खाली है।

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