मणिपुर के सीएम ने क्यों दिया त्यागपत्र ?

मणिपुर के सीएम ने क्यों दिया त्यागपत्र ?

विधानसभा सत्र से एक दिन पहले बीरेन सिंह ने क्यों छोड़ी कुर्सी?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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 मणिपुर से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। पिछले कई महीनों से मणिपुर में हिंसा की वजह से स्थिति सामान्य नहीं है। इस बीच मुख्यमंत्री के इस्तीफे के कई मायने निकाले जा रहे थे। अब मणिपुर भाजपा की अध्यक्ष ए शारदा देवी ने इस्तीफे की असली वजह बताई है।भारतीय जनता पार्टी, मणिपुर की अध्यक्ष ए शारदा देवी ने एन बीरेन सिंह द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि, यह निर्णय क्षेत्र की शांति के लिए किया गया है।

क्या विधायकों के बीच है मतभेद?
मीडिया से बात करते हुए शारदा देवी ने बताया कि, एन बीरेन सिंह ने राज्य के लोगों के कल्याण के लिए अपना इस्तीफा दिया है। उन्होंने बताया कि, एन बीरेन सिंह ने केंद्र से मणिपुर के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध भी किया है। इस दौरान शारदा देवी ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि पार्टी के विधायकों के बीच कोई मतभेद है।
भाजपा नेता ए शारदा देवी ने कहा, “हमारे सीएम ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने राज्य के लोगों के लिए इस्तीफा दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य की अखंडता की रक्षा करने और अपने लोगों की रक्षा करने का भी अनुरोध किया है।

उनका इस्तीफा राज्य के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। पार्टी के विधायकों के बीच कोई मतभेद नहीं है। सीएम राज्य में शांति चाहते हैं और उन्होंने केंद्र से लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है।”

एन बीरेन सिंह के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए, असम के दरांग-उदलगुरी से भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने कहा, “मुझे अभी उनके इस्तीफे के बारे में जानकारी मिली है।

यह उनका निर्णय है। मैं अपने मंत्रिमंडल के साथ इस पर चर्चा करूंगा और हमारी पार्टी मणिपुर के संबंध में चर्चा के अगले पाठ्यक्रम पर फैसला करेगी। हम बस चाहते हैं कि मणिपुर प्रगति करे और शांति हो।”

हिंसा भड़कने के दो साल बाद सीएम का इस्तीफा
बता दें, बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसा भड़कने के लगभग दो साल बाद रविवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा है। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा 3 मई, 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) की एक रैली के बाद शुरू हुई थी।
यह रैली मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा राज्य को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश देने के बाद आयोजित की गई थी।
अपना इस्तीफा सौंपते समय बीरेन सिंह के साथ भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी, भाजपा के उत्तर पूर्व मणिपुर प्रभारी संबित पात्रा और कम से कम 19 विधायक मौजूद थे। सिंह ने अपने त्याग पत्र में कहा, “मणिपुर के लोगों की सेवा करना अब तक सम्मान की बात रही है।”

विधानसभा सत्र से एक दिन पहले बीरेन सिंह ने क्यों छोड़ी कुर्सी?

विधानसभा सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। राजभवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीरेन सिंह ने कुछ मंत्रियों और अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंप दियाराज्यपाल ने सिंह से कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में अपने पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। इससे पहले बीरेन सिंह ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। दिल्ली से लौटने के कुछ ही घंटों बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

सचिवालय में हुई थी बैठक

शनिवार को बीरेन सिंह ने सीएम सचिवालय में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के साथ बैठक की थी। यह बैठक विपक्षी कांग्रेस द्वारा उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारियों के मद्देनजर बुलाई गई थी।

बीरेन सिंह ने मणिपुर में भाजपा को पहली जीत दिलाने के बाद 15 मार्च, 2017 को राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला। 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सत्ता बरकरार रखी। हालांकि, राज्य में मई 2023 में मैतेयी और कुकी समुदाय के बीच भड़की जातीय हिंसा के कारण उनके दूसरे कार्यकाल पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।

बीरेन सिंह के इस्तीफे पर क्या बोले राहुल गांधी?

बीरेन सिंह के इस्तीफे पर राहुल गांधी ने तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि करीब दो साल तक बीरेन सिंह ने मणिपुर में विभाजन को बढ़ावा दिया। राज्य में हिंसा और जानमाल की हानि के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पद पर बने रहने दिया। अब उनके इस्तीफे से पता चलता है कि बढ़ते जन दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव ने उन्हें हिसाब-किताब करने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन, सबसे जरूरी प्राथमिकता राज्य में शांति बहाल करना और लोगों के घावों पर मरहम लगाना है।

मणिपुर में हिंसा में गई 250 लोगों की जान
राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि संभावना है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व राज्य के नेताओं से परामर्श करने के बाद अगले कुछ दिनों में नए मुख्यमंत्री की घोषणा कर देगा।

त्यागपत्र में बीरेन सिंह ने क्या लिखा?

राज्यपाल को लिखे पत्र में बीरेन सिंह ने कहा कि वह मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए समय पर की गई कार्रवाई, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार के प्रति अत्यंत आभारी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से सीमा पर घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने, अवैध घुसपैठियों को निकालने तथा मादक पदार्थों और नार्को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए नीति तैयार करने का भी अनुरोध किया।

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