विदेशी पर्यटकों का दो फीसदी से भी कम भारत क्यों आते है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

लक्षद्वीप विश्व पर्यटन मानचित्र पर छाते हुए दिख रहा है. चार जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप पर पहुंचे थे. उन्होंने अपनी तस्वीरें साझा कीं और भारतीयों से लक्षद्वीप घूमने की अपील करते हुए कहा कि जो लोग रोमांच पसंद करते हैं, उनके लिए लक्षद्वीप लिस्ट में टॉप होना चाहिए. वस्तुतः इसे प्रधानमंत्री मोदी का अप्रत्यक्ष रूप से यह संदेश माना गया कि लक्षद्वीप के शानदार समुद्री तट प्राकृतिक सौंदर्य के साथ शांति के मामले में भी मालदीव को टक्कर देते है.

इस पर मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कर दी, जिनकी तीखी आलोचना भारत की नामी हस्तियों ने की. देखते-देखते करीब 4000 भारतीय पर्यटकों ने मालदीव की होटल बुकिंग रद्द कर दी और 3000 भारतीयों ने हवाई टिकट वापस कर दिये. लक्षद्वीप के लिए होटलों और हवाई टिकटों की बुकिंग बढ़ती दिख रही है.

ऐसे सख्त रुख के बाद मालदीव सरकार सकते में आ गयी और उन तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया. दुनिया का यह पहला ऐसा मामला रहा, जब किसी अन्य देश के नेता पर टिप्पणी पर मंत्री निलंबित हुए हों. इस घटनाक्रम से देश-दुनिया में यह संदेश गया कि भारत के पास ऐसे पर्यटन स्थलों का बेजोड़ खजाना है, जहां कम समय और खर्च में विदेशी पर्यटन की चाह रखने वाले जा सकते हैं.

 

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