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राजनेता बचने के लिए क्यों बनाते हैं बीमारी का बहाना? - श्रीनारद मीडिया

राजनेता बचने के लिए क्यों बनाते हैं बीमारी का बहाना?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 

बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में जैसे ही ईडी के गिरफ्त में आए, उनकी तबियत खराब हो गई। उनका तुरंत बंगाल सरकार के एसएसकेएम अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराया गया। अस्पताल ने उन्हें तुरंत भर्ती किए जाने की जरूरत बताई। उनका मेडिकल चेकअप कहीं दूसरी जगह कराने के लिए अदालत से जांच एजेंसी ईडी की मांग स्वीकृत होते ही एक दूसरी तस्वीर सामने आई। ईडी ने जब भुवनेश्वर एम्स में मंत्री महोदय के स्वास्थ्य की जांच कराई तो वे कतई फिट निकले। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की कहानी तो और ही ज्यादा रोचक है। भ्रष्टाचार के मामले में घिरते ही उनकी तबियत खराब हो गई।

आननफानन में उन्हें दिल्ली सरकार के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वे स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। अब सत्येंद्र जैन की स्वतंत्र मेडिकल रिपोर्ट बनवाने के लिए ईडी ने अदालत का रुख किया। उसकी दलील है कि गिरफ्तारी के समय जैन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री थे, ऐसे में उन्हें एम्स, आरएमएल या सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए ताकि सच सामने आ सके।

दरअसल कानून के शिकंजे से बचने की यह प्रवृत्ति अब तेजी से बढ़ने लगी है। जैसे ही राजनेता जांच एजेंसी के घेरे में आते हैं तो उन्हें बीमार होने में ही अपनी जिंदगी दिखाई देती है। ऐसे में एक विचार यह भी उचित दिखता है क्यों न एक स्थायी निष्पक्ष मेडिकल बोर्ड बनाया जाए जो ऐसे मामलों में अपनी आधिकारिक रिपोर्ट पेश करे। ऐसे में जांच एजेंसियों के मनोबल पर प्रतिकूल असर डालने वाली इस प्रवृत्ति को रोकने की पड़ताल आज बड़ा मुद्दा है।

जांच एजेंसी के शिकंजे में आते ही बीमार पड़ जाने वाले नेताओं, नौकरशाहों और बाहुबलियों की सूची बहुत लंबी है। ऐसे हर मामले में मर्ज पर सवाल तो नहीं उठाया जा सकता है, लेकिन यह ट्रेंड कुछ सवालिया निशान तो लगाता ही है। एक अहम प्रश्न यह भी है कि ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्ति को किसी अस्पताल में फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं क्यों मिलनी चाहिए? साथ ही एक ऐसी व्यवस्था भी होनी चाहिए, जिससे इस तरह की स्थिति में पारदर्शी तरीके से जांच हो।

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अमरमणि त्रिपाठी

सजा मिलने के बाद अस्पताल जाने की बात हो तो अमरमणि त्रिपाठी का नाम जरूर आता है। हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे अमरमणि के बारे में 2015 में बड़ी जानकारी सामने आई थी। पुलिस की साठ-गांठ से वह लगातार दो साल से अवसाद व अन्य बीमारियों के नाम पर अस्पताल में आराम फरमा रहा था। अस्पताल में उसने एक वार्ड को अपने निजी कमरे जैसा बना लिया था।

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पप्पू यादव

बीमारी का हवाला देकर रियायत मांगने और सजा के दौरान समय-समय पर इलाज के लिए अस्पताल जाने के मामले में बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव का नाम भी आता है। एक मामले में सुनवाई के बाद उन्हें डीएमसीएच भेज दिया गया था।

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पूजा सिंघल

मनी लांड्रिंग मामले में ईडी के शिकंजे में आई झारखंड की आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल भी जांच की आंच पड़ते ही बीमार पड़ने वालों में से हैं। ईडी की पूछताछ के दौरान ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। फिलहाल जेल में बंद पूजा ने बीमारी के आधार पर जमानत की याचिका भी दी है।

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लालू प्रसाद यादव

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में सजा काट रहे हैं। इस बात में संदेह नहीं किया जा सकता है कि इस समय वह कई बीमारियों का सामना कर रहे हैं। लेकिन इस बात की अनदेखी नहीं की जा सकती है कि सजा के दौरान उनके बीमार होने और अस्पताल में भर्ती रहने की खबरें अक्सर आती रही हैं। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। इलाज के दौरान रिम्स में उनको मिलने वाली सुविधा पर विवाद भी हुआ था।

मुख्तार अंसारी

माफिया मुख्तार अंसारी का नाम भी सजा के दौरान अस्पताल में समय बिताने वालों में से है। पिछले साल पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान उसने तबीयत खराब होने की शिकायत की थी। तबीयत इतनी खराब थी कि उसे व्हीलचेयर पर ले जाना पड़ा था। हालांकि उसके कुछ ही समय बाद का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह पूरी तरह स्वस्थ और पैदल चलते देखा गया। मुख्तार के बीमार होने और अस्पताल में भर्ती होने की बातें कई बार आती रही हैं।

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