हुक्का बार” संचालन से अनभिज्ञ क्यो बनी रहती है वाराणसी पुलिस ?

“हुक्का बार” संचालन से अनभिज्ञ क्यो बनी रहती है वाराणसी पुलिस ?

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@आखिर कमिश्नर के आदेश पर ही क्यो हुई कार्यवाही, क्या सम्बंधित थाने की पुलिस को नही थी जानकारी कि उनके क्षेत्र में चल रहा है “हुक्का पार्लर”

श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी

वाराणसी / जनपद में वर्तमान समय मे हुक्का बार की बाढ़ सी आ चुकी है। जनपद का कोई भी ऐसा इलाका नही है जहां दो चार हुक्का बार न हो और सम्बंधित थाने की पुलिस को इसकी जानकारी न हो ऐसा माना नही जा सकता या यूं कहा जाये कि सब कुछ जानते हुये थाने की पुलिस अपनी आंखें बंद किये रहती है। जबकि हुक्का बार के संचालन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने रोक लगा रखा है। इसके बावजूद हुक्का बार का संचालन इसके संचालकों के द्वारा बेधड़क किया जाता है।

वहीं जब कोई घटना या दुर्घटना होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आती है तो कार्यवाहियों का दौर चालू हो जाता है जो मात्र कुछ दिन ही चल पाता है। वही ऐसा लगता है कि जब तक कोई वरिष्ठ अधिकारी थाना प्रभारियों को उक्त पर कार्यवाही का आदेश या निर्देश नही देते तब तक थाने की पुलिस कार्यवाही के लिये आगे नही बढ़ती।

जनपद के विभिन्न इलाकों में प्रतिबंध के बावजूद हुक्का बार का संचालन खुलेआम हो रहा है। इसकी आड़ में गांजा, शराब और बियर तक पिलाई जाती है। यहां नशे की हालत में युवतियों से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं के साथ मारपीट भी होती है। जिसका ताजा प्रमाण मंगलवार को शिवपुर में अवैध हुक्का बार के संचालक की हत्या ने इस अवैध धंधे की पुष्टि कर दी। स्थानीय लोगों का कहना था कि जानकारी होने के बावजूद शिवपुर थाने की चांदमारी पुलिस चौकी आंखें मूंदे रही।

वहीं शहर के लंका और भेलूपुर के अलावा चितईपुर थाना अंतर्गत हैदराबाद गेट के पास हुक्का बार का संचालन हो रहा है। लंका के सामनेघाट चौराहे पर अभी हाल में खुले एक कैफे में भी हुक्का बार का संचालन किया जा रहा है। भेलूपुर के अस्सी और गुरुधाम चौराहे से रविन्द्रपुरी कालोनी के रास्ते पर कारागार नाम से हुक्का बार व रेस्टुरेंट का संचालन किया जा रहा है।

इसीलिए क्रम में महमूरगंज मार्ग पर तीन हुक्का बार संचालित हो रहे हैं। इसमें एक तो कामर्शियल बिल्डिंग के बेसमेंट में चल रहा है। सिगरा, शिवपुर, पांडेयपुर और अर्दली बाजार में इस तरह के हुक्का पार्लर की भारी भरमार है। यहां नए ग्राहकों के मोबाइल लाने पर भी प्रतिबंध है। यहां 400-500 रुपये प्रति दो क्वाइल फ्लेवर लगाया जाता है। रविंद्रपुरी से भदैनी जाने वाली गली में खुले एक कैफे में 250 से 500 रुपये में हुक्का लगाया जाता है। यहां दावा किया जाता है कि पुलिस का छापा नहीं पड़ेगा। यहां कई बार स्थानीय लोगों से विवाद भी हो चुका है।

इसी क्रम में अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय व अपराध) सुभाष चंद्र दुबे से बात करने पर बताया गया कि हुक्का बार के संचालन पर पूरी तरह से रोक है, यदि कोई पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय है। वहीं जिस इलाके में हुक्का बार संचालन होते हुए मिला उस इलाके के थानेदार, चौकी इंचार्ज और पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। काशी और वरुणा जोन के थानेदारों को निर्देशित गया है कि हुक्का बार का संचालन करने वालों पर कार्रवाई करें।

हुक्का बार में कई तरह के फ्लेवर के साथ क्वाइल आता है। एक क्वाइल का दाम पांच से सात रुपये होते हैं, लेकिन हुक्का बार में 250 से 500 तक लिया जाता है। इसमें शराब व बीयर और गांजा जैसे मादक पदार्थ तक परोसे जाते है, जिसमे पहुंचने वालों की संख्या में युवक और युवतियों की संख्या अधिक होती है।

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