8वें वेतन आयोग में क्यों समय लग रहा है?

8वें वेतन आयोग में क्यों समय लग रहा है?

कर्मचारियों को 2028 तक करना पड़ सकता है इंतजार

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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 लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारकों 8वें वेतन आयोग के इंतजार में है। सरकार ने घोषणा तो कर दी है लेकिन अभी तक इसके बोर्ड मेंबर का गठन नहीं हुआ है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर वो क्या कारण हैं जिसकी वजह से 8वें वेतन आयोग में देरी हो रही है। आइए उन कारणों को जानते हैं जिनकी वजह से कर्मचारियों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है।

8वें वेतन आयोग में हो रही देरी के बड़े कारण

  1. सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति लंबित
  2. अभी तक नहीं तैयार हुई कार्य-परिधि (Terms Of Reference)
  3. 8वें वेतन आयोग को लेकर बजट का प्रावधान नहीं

ये वो बड़े कारण हैं जिसकी वजह से अभी तक 8वें वेतन आयोग के सदस्यों का गठन नहीं हुआ है। सरकार ने इसके गठन की घोषणा तो जनवरी 2025 में ही कर दी थी। लेकिन अभी तक ये तय नहीं हो पाया है कि इस आयोग में किन सदस्यों को रखा जाएगा। न ही इसके अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है। इसे भी हम 8वें वेतन आयोग में हो रही देरी का एक बड़ा कारण मान सकते हैं।

वेतन आयोग का गठन करना एक जटिल बड़ी लंबी प्रक्रिया है। पहले इसके सदस्यों की नियुक्ति होती है। अभी तक 8वें वेतन आयोग के Term of Reference (ToR) को भी नहीं तैयार किया गया है। इसका मतलब कार्य-परिधि है कि क्या-क्या चीजें करनी है। इसे हम 8th Pay Commission में हो रही देरी का एक कारण मान सकते हैं।

8वें वेतन आयोग को लेकर अभी तक कोई बजटीय प्रावधान भी नहीं हुआ है। वेतन आयोग से सरकार पर भारी बोझ पड़ता है। 7वें वेतन आयोग के गठन के बाद भी सरकार के खजाने पर हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार बढ़ा था। ऐसे में अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इसके लिए भी बजटीय प्रावधान करना होता है। हम इसे भी से 8वें वेतन आयोग में हो रही देरी का एक कारण मान सकते हैं।

कब तक लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?

8वें वेतन आयोग को लागू होने में लगभग 3 साल का समय लग सकता है। यानी 2028 तक यह लागू हो सकता है। क्योंकि 7वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद उसे लागू होने में लगभग इतना ही समय लगा था। यानी अभी केंद्रीय कर्मचारियों को 3 साल का लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

क्या है डिटेल

7वें वेतन आयोग में सरकार ने कई छोटे-मोटे भत्ते हटा दिए थे और उनकी जगह बड़ी कैटेगरी वाले भत्ते शामिल किए थे। इससे भत्तों की संख्या कम कर दी गई थी, ताकि पे-सिस्टम को आसान और पारदर्शी बनाया जा सके। अब 8वें वेतन आयोग में भी इसी तरह के कदम उठाए जाने की उम्मीद है।

जानकारों का मानना है कि यदि कुछ भत्ते हटाए जाते हैं, तो कर्मचारियों को सीधा नुकसान न हो, इसके लिए बेसिक वेतन या अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी की जा सकती है। फिलहाल सरकार ने आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन कर्मचारियों और पेंशनर्स में इसको लेकर उत्सुकता बनी हुई है।

किन भत्तों पर पड़ सकता है असर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अनुमान लगाए जा रहे हैं कि ट्रैवल अलाउंस, स्पेशल ड्यूटी अलाउंस, छोटे स्तर के रीजनल भत्तों और कुछ विभागीय अलाउंस को खत्म किया जा सकता है। हालांकि, इस बारे में फिलहाल सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

टर्म्स ऑफ रेफरेंस तय होने का इंतजार

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि 8वां वेतन आयोग सिर्फ भत्तों में बदलाव ही नहीं, बल्कि महंगाई भत्ता (DA), पेंशन और अन्य लाभों में भी सुधार लेकर आ सकता है। आने वाले महीनों में सरकार की ओर से टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) तय होने के बाद तस्वीर और साफ हो जाएगी।

8 वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा के बाद से लगभग सात महीने हो चुके हैं। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इसके कार्यान्वयन को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। लाखों कर्मचारी और पेंशनर्स इस बात को लेकर परेशान हैं कि आखिर यह आयोग कब लागू होगा। एक सवाल यह उठता है कि आखिर कर्मचारियों को सैलरी में इजाफे (government employees salary hike) के लिए और कितना इंतजार करना पड़ेगा।

सरकार ने इस साल जनवरी में घोषित 8वें वेतन आयोग को अंतिम रूप नहीं दिया है, जो वेतन और अन्य पहलुओं को संशोधित करने का आधार बनेगा। सात महीने बीत जाने के बाद भी सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति लंबित है।

8वें वेतन आयोग के गठन में हो रही देरी से सरकारी कर्मचारी बेचैन होते जा रहे हैं। उनकी यूनियनों और प्रतिनिधि निकायों ने केंद्र को पत्र लिखकर 8 वें वेतन आयोग के संदर्भ की शर्तों और संबंधित मामलों की प्रगति पर स्पष्टता के लिए कहा है।

इससे पहले इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि उसने मंत्रालयों, राज्यों और कर्मचारी समूहों सहित विभिन्न हितधारकों से इनपुट मांगा है। मंत्रालय ने कहा कि टीओआर को अंतिम रूप दिए जाने के बाद औपचारिक अधिसूचना जारी की जाएगी।

8th Pay Commission में कितना समय लग सकता है?

जनवरी 2025 में इसकी घोषणा के बाद से सात महीने से अधिक समय बीत चुका है और संदर्भ की शर्तें (टीओआर) अभी भी लंबित हैं। यह समझने के लिए कि इसे लागू होने में कितना समय लग सकता है, यह 7 वें वेतन आयोग की समयरेखा को देखने लायक है।

अगर हम 7 वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के गठन और सिफारिशों के कार्यान्वयन की प्रक्रिया को करीब से देखें, तो इसमें लगभग 3 साल लग गए।

  1. 7वें वेतन आयोग की घोषणा 25 सितंबर 2013 को हुई थी।
  2. टीओआर (Terms Of Reference) अधिसूचना – 28 फरवरी 2014 को जारी की गई थी।
  3. सदस्यों की नियुक्ति  4 मार्च 2014 को की गई थी।
  4. आयोग ने अपनी रिपोर्ट 19 नवंबर 2015 को की गई थी।
  5. सरकार द्वारा सिफारिशों का कार्यान्वयन – 29 जून 2016

7वें वेतन आयोग के टाइम पीरियड को देखे तो उसके अनुसार 8वें वेतन आयोग को लागू होने में करीब 3 साल से अधिक का समय लग सकता है। यह देखते हुए कि पिछले आयोग को कुल 44 महीने लगे थे, 8वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन की उम्मीद 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत में की जा सकती है।

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