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भारत में एयरबेस बनने से पाक में क्‍यों खलबली मची है ? - श्रीनारद मीडिया

भारत में एयरबेस बनने से पाक में क्‍यों खलबली मची है ?

भारत में एयरबेस बनने से पाक में क्‍यों खलबली मची है ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत में गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में बन रहे भारतीय वायु सेना के इस एयरबेस पर पाकिस्‍तान सेना की पैनी नजर है। सामरिक लिहाज से यह क्षेत्र भारत के लिए बेहद उपयोगी है। पाकिस्तान से नजदीक होने के लिहाज से वायु सेना का ये भारतीय वायु सेना के लिए यह एयरबेस काफी महत्वपूर्ण है।

इस एयरबेस से देश की सैन्य ताकत भी पहले से काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। आइए जानते हैं कि इस एयरबेस के बनने से पाकिस्‍तान की सेना में क्‍यों खलबली मची है। सामरिक लिहाज से यह भारत के लिए क्‍यों उपयोगी है। इस एयरबेस के बनने के बाद भारतीय वायु सेना की ताकत क्‍यों बढ़ जाएगी। इस एयरबेस से देश के कौन से राज्‍य पूरी तरह से सुरक्षित होंगे। इन सब मामलों में रक्षा विशेषज्ञों की क्‍या राय है।

पाकिस्‍तान सीमा से महज 130 किलोमीटर दूरी पर यह एयरबेस

गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में बनने वाला देश का यह नया एयरबेस 4,500 एकड़ में फैला है। इसकी खास बात यह है कि पाकिस्‍तान की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा से महत 130 किलोमीटर की दूरी पर है। इसलिए सामरिक लिहाज से यह भारतीय वायु सेना के काफी महत्‍वपूर्ण है। इस एयरबेस से भारतीय वायु सेना दुश्‍मन पर तेजी से और त्‍वरित जवाब देने की स्थिति में होगी। इस एयरबेस की खास बात यह है कि इसके रनवे नई पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की आवाजाही को संभालने के लिए सक्षम होगा। यह भारत का एक फारवर्ड एयरबेस है।

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एयरबेस पर नई पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की होगी तैनाती

यह माना जा रहा है कि भारतीय वायु सेना इस एयरबेस पर नई पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को तैनात करेगा। यानी वह अपने फ्रंट लाइन लड़ाकू विमानों की तैनाती करेगा ताकि दुश्‍मन के विमानों को रोका जा सके। यह एयरबेस एक तरह से उड़ान भरने वाले दुश्‍मन के युद्धक विमानों को रोकने के लिए एक दीवार का काम करेगा। पाकिस्‍तान और चीन के साथ सीमा विवाद को देखते हुए भारतीय वायु सेना का यह नया एयरबेस सामरिक रूप से बेहद उपयोगी है। इससे भारतीय वायु सेना को अपनी रणनीति तय करने में काफी आसानी होगी।

इस एयर बेस से पाकिस्‍तान की हर गतिविधि पर होगी नजर

रक्षा मामलों के जानकार डा अभिषेक प्रताप सिंह का कहना है कि भारतीय वायु सेना के इस नए एयरबेस के तैयार हो जाने से भारतीय वायु सेना के हाथ एक बड़ी ताकत लग जाएगी। जंग के दौरान इस एयरबेस से भारतीय वायु सेना दुश्‍मन पर सटीक और त्‍वरित प्रहार कर सकती है। इससे भारतीय वायु सेना का एयर डिफेंस सिस्‍टम बेहद मजबूत हो जाएगा, ज‍िससे भारत के लड़ाकू विमानों के लिए काफी आसानी होगी। इससे भारतीय वायु सेना के अटैक टाइम में कमी आएगी। यह कहा जा रहा है कि इस एयरबेस पर बोइंग सी-17 ग्‍लोबमास्‍टर को भी तैनात किया जाएगा। वायु सेना के विमानों से पाकिस्‍तान की गतिविधियों पर भी नजर रखा जा सकेगा।

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रूस यूक्रेन जंग भारतीय सेना के लिए सबक

डा अभिषेक का कहना है कि यूक्रेन जंग से भारत ने काफी सबक लिया है। यूक्रेन जंग के बाद मोदी सरकार ने देश की रक्षा के लिए कई कदम उठाएं हैं। इस दिशा में भारतीय सेना को स्‍वालंबी बनाने का प्रयास जारी है। सेना के आधारभूत ढांचे में तेजी से विकास किया जा रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज की तिथ‍ि में भारत न केवल सुरक्षा उपकरणों एवं हथ‍ियारों का आयात कर रहा है, बल्कि वह अपने हथ‍ियारों के निर्यात पर भी जोर दे रहा है।

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देश के पश्चिमी हिस्‍से की सुरक्षा के लिए अहम होगा यह एयरबेस

गुजरात के डीसा एयरफोर्स स्‍टेशन की नींव रखते हुए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वायु सेना का यह एयरबेस देश के पश्चिमी हिस्‍से की सुरक्षा में काफी अहम भूमिका अदा करेगा। खासकर पंजाब, महाराष्‍ट्र और राजस्‍थान की सुरक्षा के लिए यह काफी अहम है। उन्‍होंने कहा कि दुश्‍मन देश भारत पर टेढ़ी नजर करने से पहले कई बार सोचेगा। उन्‍होंने कहा कि इस एयरबेस के शुरू होते ही वहां पर युद्धक विमानों की एक लंबी कतार लग जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि इस एयरबेस से भारतीय वायु सेना एक पल में दुश्‍मन के हमले को विफल करने में सक्षम होगी। वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी ने कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में खुद को लगातार मजबूत कर रहा है।

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