क्या भारत नहर बनाकर चेनाब नदी का पानी डायवर्ट करेगा?
भारत सिंधु जल संधि पर विचार करें-पाकिस्तान
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
अब तक समझौता बहाल नहीं
नहर के दोहरीकरण से भारत 150 घन मीटर पानी डायवर्ट कर पाएगा। कश्मीर में 26 नागरिकों की हत्या के तुरंत बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था। यह समझौता सिंधु नदी प्रणाली के तहत जल बंटवारे का प्रबंधन करता है। भारत और पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम पर सहमत होने के बावजूद समझौते को बहाल नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अधिकारियों को चेनाब, झेलम और सिंधु नदी की परियोजनाओं के निष्पादन में तेजी लाने का आदेश दिया है। इनमें से एक प्रमुख योजना रणबीर नहर का दोहरीकरण है।
भारत ने पानी रोकना शुरू किया
- एक अधिकारी ने बताया कि इसको लेकर चर्चा पिछले महीने शुरू हुई थी और संघर्ष विराम के बाद भी जारी है। पाकिस्तान की लगभग 80 प्रतिशत खेती सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है और लगभग सभी जलविद्युत परियोजनाएं भी इसी पर स्थित हैं।
- इस्लामाबाद को इस बात का अंदाजा है कि भारत ने यदि बांध, नहर या अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर पानी को रोकना शुरू कर दिया, तो उसे किस तरह के दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
नहर के दोहरीकरण का यह होगा परिणाम
वर्तमान में रणबीर नहर लगभग 120 किलोमीटर लंबी है। इसका विस्तार किए जाने पर भारत हर सेकेंड 150 घन मीटर पानी चेनाब नदी से डायवर्ट कर सकता है, जबकि वर्तमान में यह मात्रा केवल 40 घन मीटर है। चेनाब नदी का पानी पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में खेती और पेयजल के लिए बेहद आवश्यक है। अगर भारत इस पानी को मोड़ने में सक्षम हो गया, तो पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है।
भारत सिंधु जल संधि पर विचार करें-पाकिस्तान
पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि स्थगित
कैबिनेट सचिव को मंत्रालय की ओर से भेजी गई मासिक रिपोर्ट में सचिव देवश्री मुखर्जी ने लिखा है कि पहलगाम में 22 अप्रैल को बर्बर और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में 1960 में की गई थी।
पाकिस्तान ने इस संधि पर फिर से बातचीत की इच्छा दोहराई
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