क्या देश के अगले उपराष्ट्रपति नीतीश कुमार होंगे ?

क्या देश के अगले उपराष्ट्रपति नीतीश कुमार होंगे ?

नीतीश को रास्ते से हटाने की साजिश-राजद

बिहार चुनाव को देखते हुए बनाये जाएंगे उपराष्ट्रपति- कांग्रेस

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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कांग्रेस नेता ने भी ऐसी संभावनाओं की ओर इशारा किया है। उन्होंने कहा, “धनखड़ जी की त्यागपत्र की जो आकस्मिकता है। इसके अलावा जो टाइमिंग है वो कई कहानियां बयां करती हैं। इस्तीफे का क्या कारण है वो बहुत गहरा है और उस गहराई का स्पष्टीकरण केवल पीएम या जगदीप धनखड़ जी दे सकते हैं।

बिहार की राजनीतिक फिजा में जिन तीन नामों की चर्चा है, उनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे आगे हैं. इसके साथ ही राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही है. वहीं, जेडीयू के राज्यसभा सांसद और फिलहाल राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को भी मजबूत दावेदार बताया जा रहा है.  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर चर्चा ने इसलिए जोर पकड़ा है, क्योंकि बीजेपी की तरफ से ही कुछ विधायकों ने उनको उप-राष्ट्रपति बनाए जाने की वकालत की है. मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा कि अगर नीतीश कुमार बनते हैं तो इसमें क्या बुराई है, मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार का व्यक्ति अगर वाइस प्रेसिडेंट बनते हैं तो यह बिहार के लिए गर्व की बात होगा.

हालांकि जेडीयू के वरिष्ठ नेता और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने साफ कहा कि यह सब फालतू बात है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव में चेहरा हैं और चुनाव के बाद वे ही फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. हरिभूषण ठाकुर के बयान पर कहा कि ये उनकी राय हो सकती है लेकिन जनता चाहती है कि नीतीश कुमार बिहार में ही रहें.

“यह सब फालतू बात है. नीतीश कुमार 2025 में बिहार की जनता की खिदमत करेंगे. बिहार की जनता की सेवा करेंगे. इस चुनाव में 225 सीट नीतीश कुमार के नेतृत्व में जीतेंगे. जहां तक बीजेपी विधायक के बयान का सवाल है तो यह उनकी व्यक्ति राय हो सकती है.”- श्रवण कुमार, जेडीयू नेता सह मंत्री, बिहार सरकार

क्यों नीतीश के नाम की चर्चा?: जब जेडीयू ही नीतीश की दावेदारी को खारिज कर रहा है तो सवाल है कि बीजेपी विधायक क्यों उनको नाम को उछाल रहे हैं? इस सवाल पर राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण पांडे का कहते हैं नीतीश कुमार न केवल बीजेपी के लिए जरूरी हैं, बल्कि मजबूरी भी हैं. आज भी नीतीश के कारण ही पिछड़ा और अति पिछड़ा वोट एनडीए के पक्ष में गोलबंद है. इसलिए बीजेपी अपना मुख्यमंत्री तो चाहती है लेकिन साथ-साथ नीतीश को नाराज भी नहीं करना चाहती है. इसलिए उनकी सहमति से ही आने वाले समय में कोई फैसला होगा.

“यदि नीतीश कुमार बिहार की राजनीति से चले जाते हैं तो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के लिए पूरा चुनावी मैदान खाली हो जाएगा. पिछड़ा और अति पिछड़ा वोट में बड़ी सेंधमारी हो जाएगी. इसलिए भाजपा के लिए नीतीश कुमार न केवल मजबूरी हैं, बल्कि जरूरी भी हैं. इसलिए सोच-समझकर निर्णय लेना चाहती है.”- , राजनीतिक विश्लेषक

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है. वरिष्ठ पत्रकार र ने एक्स हैंडल पर दावा किया है कि नीतीश कुमार का अगला उपराष्ट्रपति बनना तय है. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि बीजेपी वहां अपना सीएम बनाकर चुनाव में जाएगा. वहीं नीतीश कुमार के बेटे बिहार के डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं.

नीतीश को रास्ते से हटाने की साजिश: आरजेडी

वहीं बिहार में आरजेडी ने मंगलवार को दावा किया कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा भाजपा की ओर से रची गई एक साजिश है। इसका मकसद विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘हटाना’ है।

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