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क्या नया डाकघर कानून से गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी? - श्रीनारद मीडिया

क्या नया डाकघर कानून से गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी?

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125 साल से चल रहा है पोस्ट आफिस कानून

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एक प्रावधान यह भी है कि केंद्र सरकार डाक से जा रहे किसी पार्सल की जांच कर सकती है और उसे खोल कर देख सकती है. इस पर कुछ आलोचना हुई है, पर राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य चिंताओं को देखते हुए इसे लाया गया है. पार्सल से अवैध हथियार, नशीले पदार्थ आदि भेजने के अनेक मामले सामने आ चुके हैं. पहले किसी भी सेवा को उपलब्ध कराने के तौर-तरीके और शुल्क में बदलाव की प्रक्रिया जटिल थी,
जिसके कारण निर्णय लेने में देर हो जाती थी. अब ऐसे किसी निर्णय का अधिकार डाक सेवाओं के महानिदेशक को दे दिया गया है. यह जगजाहिर तथ्य है कि आम लोग सरकारी सेवाओं पर अधिक भरोसा करते हैं. डाकघरों में बचत करने के पीछे यह मुख्य कारण है. चूंकि भारतीय डाक का नेटवर्क बहुत विशाल है, तो ग्रामीण क्षेत्रों और दूरदराज के लोग भी बैंकिंग के लिए निकट के डाकघर पर निर्भर रहते हैं.
हालांकि वित्तीय समावेशी नीतियों के चलते बैंकिंग सेवाएं आम जन को सुलभ हुई हैं तथा मोबाइल उपकरणों एवं लाभार्थी खाते में नगदी के हस्तांतरण की नीति से भी सेवाओं का विस्तार हुआ है, पर डाकघर पर अब भी भरोसा बरकरार है. डाकघरों में 26 करोड़ खाते हैं, जिनमें 17 लाख करोड़ रुपये जमा हैं. नये कानून से ऐसी सेवाओं की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी. हालांकि निजी कूरियर सेवाओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत रखा गया है, पर भारतीय डाक को इससे मुक्त रखा गया है. ऐसे में भारतीय डाक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सेवाओं की गुणवत्तापूर्ण उपलब्धता हो.

सरकार का मानना है कि पोस्ट ऑफिस अब सिर्फ डाक पहुंचाने वाले काम तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता से जुड़ी विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसलिए इसके कानून में भी बदलाव की जरूरत है।

1898 में बनाया गया था पोस्ट ऑफिस कानून

प्रचलित पोस्ट ऑफिस कानून 1898 में बनाया गया था। प्रस्तावित नए कानून में जनता से जुड़ी विभिन्न सेवा प्रदाता के रूप में पोस्ट आफिस को स्थापित करने की कोशिश है। प्रस्तावित कानून में राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में अधिकारी को पोस्ट ऑफिस के माध्यम से आने वाले डाक या सामान को खोलकर देखने का अधिकार होगा। डाक या सामान को अधिकारी डिलिवरी करने के बजाए उसे जब्त भी कर सकता है। इसके अलावा डाक विभाग के महानिदेशक को पोस्ट ऑफिस की तरफ से आवश्यकतानुसार नई सेवाओं को शुरू करने और उसके बदले में शुल्क निर्धारित करने का अधिकार होगा।

सेवा प्रदान करने वाला संस्थान बन गया है पोस्ट ऑफिसः वैष्णव

राज्य सभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पिछले साढ़े नौ साल में पोस्ट आफिस से लेकर पोस्टमैन और पोस्ट आफिस की सेवाओं में बड़ा बदलाव हुआ है और पोस्ट ऑफिस सिर्फ डाक पहुंचाने की जगह अब विभिन्न सेवा प्रदान करने वाला संस्थान बन गया है। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी आया था खासकर यूपीए के शासनकाल में, जब पोस्ट आफिस अप्रासंगिक लगने लगा था।

2014 से लेकर 2023 तक खोले गए 5000 नए पोस्ट ऑफिस

वैष्णव ने कहा कि वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक 660 पोस्ट आफिस बंद कर दिए गए, जबकि वर्ष 2014 से वर्ष 2023 तक 5000 नए पोस्ट आफिस खोले गए और 5746 पोस्ट ऑफिस खोलने की तैयारी है। इसके अलावा 1.6 लाख पोस्ट ऑफिस को कोर बैंकिंग व डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ दिया गया है। पोस्ट ऑफिस आधार सेवा केंद्र का भी काम कर रहे हैं।

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