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विश्व टीबी दिवस- स्वास्थ्य संस्थानों के अधिकारी एवं कर्मियों ने चलाया जागरूकता अभियान: - श्रीनारद मीडिया

विश्व टीबी दिवस- स्वास्थ्य संस्थानों के अधिकारी एवं कर्मियों ने चलाया जागरूकता अभियान:

विश्व टीबी दिवस- स्वास्थ्य संस्थानों के अधिकारी एवं कर्मियों ने चलाया जागरूकता अभियान:

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प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए ग्रामीण स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता: सिविल सर्जन

टीबी को जड़ से मिटाने में विभागीय अधिकारी एवं कर्मियों को किया गया सम्मानित: सीडीओ

जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 13 अप्रैल तक टीबी खोज अभियान चलेगा: राजेश शर्मा

श्रीनारद मीडिया‚    पूर्णिया, (बिहार)

विश्व यक्ष्मा (टीबी) दिवस के अवसर पर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल स्थित जिला यक्ष्मा केंद्र में सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी एवं ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा के द्वारा संयुक्त रूप से टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान का शुभारंभ हस्ताक्षर अभियान चलाकर एवं निक्षय मित्र के बीच खाद्द सामग्रियों का वितरण कर किया गया। इस अवसर पर सीएस, सीडीओ, एसीएमओ डॉ आरपी मंडल, डॉ मिलिंद, एएनएम कॉलेज की प्राचार्या ऋचा ज्योति, जिला टीबी एचआईवी समन्वयक राजेश शर्मा, डीईओ अमित कुमार, सीफार के डीपीसी धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, रीच इंडिया के डीसी चंदन श्रीवास्तव, जीत परियोजना के डीसी अभय श्रीवास्तव, जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए टीबी विभाग के अधिकारी एवं कर्मी के अलावा एसटीएस, एसटीएलएस, टीबी परामर्शी, एलटी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए ग्रामीण स्तर पर कार्य करना अतिआवश्यक: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ चौधरी ने कहा कि भारत सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए 2025 का वर्ष निर्धारित किया है। जिसके लिए ग्रामीण स्तर पर कार्य करने के लिए सीएचओ को लगाया गया है। वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को भी समेकित रूप से इसमें सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाए जाने को लेकर विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के अधिकारियों को अपने स्तर से प्रयास करना होगा। ताकि प्रधानमंत्री के सपने को पूरा किया जा सके। इसके लिए सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मी तथा कई अन्य सहयोगी संस्थाएं कार्य कर रही हैं। सभी संगठन अपने-अपने स्तर से अधिक से अधिक टीबी मरीज़ों की खोज एवं उपचार करा रहे हैं।

टीबी जैसी बीमारी को जड़ से मिटाने में विभागीय अधिकारी एवं कर्मियों को किया गया सम्मानित: सीडीओ
ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ झा ने बताया कि जिले में सबसे अधिक 894 टीबी मरीजों को खोजने वाले कसबा एवं डीटीसी के एसटीएस राकेश कुमार सिंह को प्रथम श्रेणी में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं 252 के साथ द्वितीय स्थान पाने वाले अमौर के एसटीएस उमेश कुमार, 235 मरीजों को खोज कर तृतीय स्थान पाने वाले बनमनखी के एसटीएस अनिलानंद झा जबकिं बायसी की एसटीएस नूर आफसा 211 के साथ चौथे स्थान के अलावा मीडिया सहयोग के लिए सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के डीपीसी धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, निजी चिकित्सक सुनील कुमार शास्त्री एवं प्रशांत कुमार, विभिन्न कार्यक्रमों में सहयोग करने के लिए धीरज कुमार निधि, तपन मिश्रा, राजनाथ झा, जयदेव कुमार, रीच इंडिया के चंदन श्रीवास्तव, जीत परियोजना के अभय श्रीवास्तव, टीबी परामर्शी कुमारी श्वेता, एलटी काशिफ़ रज़ा, एसटीएलएस प्रिया कुमारी सहित कई अन्य को सिविल सर्जन द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

 

जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 13 अप्रैल तक टीबी खोज अभियान चलेगा: राजेश शर्मा
जिला टीबी एचआईवी समन्वयक राजेश शर्मा ने बताया कि जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर विश्व यक्ष्मा दिवस मनाया गया। इसके साथ ही आगामी 21 दिनों (24 मार्च से 13 अप्रैल) तक टीबी जांच एवं टीबी मरीजों की खोज अभियान चलाया जाएगा। क्योंकिं टीबी एक सामान्य बीमारी है और समय पर जांच कराने के बाद आसानी से इस बीमारी से निजात मिल सकती है। हालांकि इसके लिए मरीज को नियमित रूप से दवा का सेवन करना होगा। सरकारी अस्पतालों में टीबी रोगियों की मुफ्त जांच, परामर्श एवं समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। टीबी मुक्त अभियान की शत प्रतिशत सफ़लता के लिए केंद्रीय कारागार के 270 कैदियों की जांच की गयी है। जिसमें 27 लक्षण वाले कैदियों को टीबी जांच के लिए बलग़म संग्रह किया गया है।

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