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भारत का 76वां गणतंत्र दिवस - श्रीनारद मीडिया

भारत का 76वां गणतंत्र दिवस

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स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क्या अंतर है ?

श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार)


भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिन भारत के संविधान को अपनाने का प्रतीक भी है। इस दिन नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर परेड का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की शक्तियों की प्रदर्शन किया जाता है।

क्या है इतिहास?

वर्ष 1947 में 27 अक्टूबर को 299 सदस्यीय संविधान सभा ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करना शुरू किया था, जिसे अंततः 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था।

संविधान सभा को भारतीय संविधान को अंतिम रूप देने में तीन वर्ष लगे, जिसमें डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में काम किया। हालांकि, आधिकारिक तौर पर यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिसके साथ ही भारत की एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में शुरुआत हुई।

76वां या 77वां गणतंत्र दिवस?

कई लोग 1949 से गिनती करते हैं और सोचते हैं कि उसी दिन संविधान को अपनाया गया था, लेकिन इसका वास्तविक महत्त्व उस दिन में निहित है जब यह लागू हुआ। यह अधिनियम 1950 में लागू हुआ और 26 जनवरी 1950 को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की आधिकारिक तिथि बना दिया गया। यह राष्ट्रीय गौरव का दिन है, जिसे देश भर के नागरिक देशभक्ति की भावना के साथ मनाते हैं। इसलिए, भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 2025 को मनाएगा।

क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?

1950 में भारतीय संविधान को अपनाने के सम्मान में भारत में हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
यह दिन भारत के ब्रिटिश अधिपत्य से एक सम्प्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य में परिवर्तन का प्रतीक है। यह राष्ट्र के मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की स्थापना का प्रतीक है।

26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?

1930 में पूर्ण स्वराज की घोषणा के उपलक्ष्य में 26 जनवरी का दिन चुना गया। गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय गौरव का क्षण है, जो भारत की एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है। ऐसे में 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क्या अंतर है ?

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है, फिर खोल कर फहराया जाता है, जिसे ध्वजारोहण कहा जाता है क्योंकि यह 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने हेतु किया जाता है जब प्रधानमंत्री जी ने ऐसा किया था। संविधान में इसे अंग्रेजी में Flag Hoisting (ध्वजारोहण) कहा जाता है।

जबकि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है, संविधान में इसे Flag Unfurling (झंडा फहराना) कहा जाता है।

15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जो कि केंद्र सरकार के प्रमुख होते हैं वो ध्वजारोहण करते हैं, क्योंकि स्वतंत्रता के दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था और राष्ट्रपति जो कि राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख होते है, उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था। इस दिन की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति अपना सन्देश राष्ट्र के नाम देते हैं।

जबकि 26 जनवरी जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं

स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से ध्वजारोहण किया जाता है।

जबकि गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर झंडा फहराया जाता है।

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