Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
देश में हर रोज दुष्‍कर्म के 77 केस, प्रतिदिन 80 हत्याएं-राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो. - श्रीनारद मीडिया

देश में हर रोज दुष्‍कर्म के 77 केस, प्रतिदिन 80 हत्याएं-राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो.

देश में हर रोज दुष्‍कर्म के 77 केस, प्रतिदिन 80 हत्याएं-राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी ने विभिन्‍न अपराधों पर अपने आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में साल 2020 में दुष्‍कर्म के हर रोज औसतन करीब 77 केस दर्ज किए गए। देश में दुष्‍कर्म के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान में दर्ज किए गए जबकि उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा। देश में 2020 में हर रोज औसतन 80 हत्याएं हुई इसमें उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। साल 2020 में कुल 29,193 लोगों का कत्ल किया गया।

राजस्‍थान में दुष्‍कर्म के सबसे ज्‍यादा केस

समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक पिछले साल दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज किए गए। दुष्‍कर्म के सबसे ज्‍यादा केस राजस्थान में दर्ज किए गए। इन मामलों में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा। साल 2020 में देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 3,71,503 केस दर्ज किए गए जो 2019 में 4,05,326 और 2018 में 3,78,236 थे। सनद रहे पिछले साल कोरोना महामारी के चलते देशभर में लाकडाउन लगाया गया था।

सबसे ज्‍यादा अपनों ने ही छला 

साल 2020 में कुल दुष्‍कर्म पीड़िताओं में से 25,498 वयस्क जबकि 2,655 नाबालिग हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक दुष्‍कर्म के सबसे ज्यादा 5,310 मामले राजस्थान में जबकि 2,769 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। इसके बाद मध्य प्रदेश में 2,339 मामले, महाराष्ट्र में 2,061 मामले और असम में 1,657 मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में दुष्‍कर्म के 997 मामले दर्ज किए गए। सबसे ज्यादा 1,11,549 केस पति या रिश्तेदारों की ओर से अंजाम दिए गए थे।

तेजाब हमले के 105 मामले

एनसीआरबी की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं पर क्रूरता के मामलों में 62,300 केस अपहरण के थे। शील भंग के लिए हमला करने के 85,392 मामले जबकि 3,741 केस दुष्‍कर्म की कोशिश के थे। साल 2020 में देशभर में तेजाब हमले के 105 मामले दर्ज किए गए थे। दहेज की वजह से मौत के 6,966 मामले दर्ज किए गए। पीटीआइ की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में लाकडाउन के चलते चोरी, डकैती और बच्चों के खिलाफ हिंसा जैसे अपराध कम दर्ज किए गए।

यूपी में सबसे ज्‍यादा हत्‍याएं 

आंकड़े कहते हैं कि देश में साल 2020 में कुल 29,193 लोगों की हत्‍याएं हुईं। हर रोज औसतन 80 हत्याएं दर्ज की गईं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्‍यादा हत्या के 3779 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद बिहार में हत्या के 3,150 केस, महाराष्ट्र में 2,163, मध्य प्रदेश में 2,101 और पश्चिम बंगाल में 1,948 केस दर्ज किए गए। अपहरण के मामलों में 2019 की तुलना में 2020 में 19 फीसद की कमी दर्ज की गई है। 2020 में अपहरण के 84,805 मामले जबकि 2019 में 1,05,036 केस दर्ज किए गए थे।

सबसे ज्‍यादा अपहरण के मामले यूपी में

तुलनात्‍मक रूस से देखें तो साल 2019 की तुलना में साल 2020 हत्या के मामलों में एक फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2019 में हर रोज औसतन 79 हत्याएं दर्ज की गई थीं जबकि कुल 28,915 कत्ल हुए थे। अपहरण की वारदात की बात करें तो सबसे ज्यादा 12,913 मामले यूपी में दर्ज किए गए। इसके बाद पश्चिम बंगाल में अपहरण के 9,309 केस, महाराष्ट्र में 8,103, बिहार में 7,889, मध्य प्रदेश में 7,320, दिल्‍ली में 4,062 केस दर्ज किए गए।

अपहरण के मामलों में बच्‍चे सबसे ज्‍यादा पीड़ित

पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक देश में अपहरण के 84,805 मामलों में अधिकतर 56,591 पीड़ित बच्चे ही थे। एनसीआरबी के आंकड़े कहते हैं कि साल 2020 में बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों, चोरी, सेंधमारी, डकैती और लूट के तहत दर्ज मामलों में कमी आई। देश में साल 2020 में कुल 66,01,285 संज्ञेय अपराध के केस दर्ज किए गए। इन मामलों में 42,54,356 केस भारतीय दंड संहिता के तहत जबकि 23,46,929 केस विशेष एवं स्थानीय कानून के तहत दर्ज किए गए।

Leave a Reply

error: Content is protected !!