परिवार मिशन विकास अभियान, पूर्णिया पूर्व पीएचसी में मेला का हुआ उद्घाटन:

 

परिवार मिशन विकास अभियान, पूर्णिया पूर्व पीएचसी में मेला का हुआ उद्घाटन:

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अस्थायी साधनों से नहीं होता है कोई साइड इफेक्ट: सिविल सर्जन
आगामी 24 सितंबर तक चलने वाले मेला के माध्यम से संदेश का होगा प्रचार-प्रसार: सीएस
दूसरे बच्चे के बीच कम से कम 3 वर्षो का अंतर जरूरी: डीपीएम
शादी के बाद परिवार नियोजन का रखें ख़्याल: डीसीएम
आशा कार्यकर्ता डोर टू डोर भ्रमण कर लोगों को करेंगी जागरूक: एमओआईसी

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

 


अस्थायी साधनों के इस्तेमाल करने से परिवार नियोजन में काफ़ी मदद मिलती है। जबकिं इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता हैं। इसीलिए अस्थायी साधनों के इस्तेमाल में किसी तरह का कोई संकोच नहीं करना चाहिए। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने परिवार मिशन विकास अभियान के तहत पूर्णिया पूर्व पीएचसी में आयोजित मेले के उद्घाटन समारोह में कही। मिशन परिवार विकास अभियान के तहत जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन मेला का आयोजन किया गया है। इसका विधिवत उद्घाटन पूर्णिया पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, स्थानीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरद कुमार, बीएचएम विभव कुमार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

 

आगामी 24 सितंबर तक चलने वाले मेला के माध्यम से संदेश का होगा प्रचार-प्रसार: सीएस
सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन मेला का आयोजन किया गया है। इसके माध्यम से योग्य, सक्षम एवं इच्छुक लाभार्थियों को जागरूक किया जाएगा। मेला के दौरान कोविड-19 संक्रमण को रोकने एवं सुरक्षित रहने के लिए प्रोटोकॉल का भी ख्याल रखा जाएगा। आज से शुरू हुए परिवार नियोजन पखवाड़ा आगामी 24 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान अभियान चलाकर लाभार्थियों तक पखवाड़े के संदेश को पहुंचाया जाएगा।

 

दूसरे बच्चे के बीच कम से कम 3 वर्षो का अंतर जरूरी: डीपीएम
डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से इस बात का ध्यान देना चाहिए कि पहला बच्चा तीन साल के बाद ही पैदा करें। दूसरे बच्चे के बीच कम से कम तीन वर्षो का अंतर आवश्यक है। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं। सबसे ख़ास बात यह है कि इससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफ़ी मजबूत होती है। जिस कारण वह भविष्य में होने वाली कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव एवं सुरक्षित रहने में सक्षम होता है।

 

शादी के बाद परिवार नियोजन का रखें ख़्याल: डीसीएम
डीसीएम संजय कुमार दिनकर ने बताया कि छोटा और खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन को अपनाना बेहद जरूरी है। जब आपका परिवार छोटा होगा तभी आपके पूरे परिवार के सपनों को साकार किया जा सकता है। इसके साथ ही आने वाली पीढ़ियों का उचित देखभाल एवं परवरिश भी की जा सकती है। छोटे बच्चों को सामाजिक स्तर पर रहन-सहन के साथ परवरिश की जाएगी। इसीलिए शादी के साथ ही परिवार नियोजन से संबंधित योजनाओं पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।

 

आशा कार्यकर्ता डोर टू डोर भ्रमण कर लोगों को करेंगी जागरूक: एमओआईसी
पूर्णिया पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरद कुमार ने बताया कि मेले में काफी संख्या में स्थानीय क्षेत्र के ग्रामीण आए हुए थे, जिन्हें सीमित परिवार सुखी का आधार, हम दो हमारे दो जैसे स्लोगन के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया। जागरूक करने के साथ-साथ परिवार नियोजन को लेकर अस्थायी सामग्री जैसे कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा दी गई। आगामी 24 सितंबर तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की आशा कार्यकर्ताओं से डोर टू डोर भ्रमण कर जागरूक करने के लिए कहा गया है। ताकि इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा सके।

 

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