देवी प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ को लेकर शोभा यात्रा के साथ  हुई जलभरी, पूरा इलाका भक्तिमय  

देवी प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ को लेकर शोभा यात्रा के साथ  हुई जलभरी, पूरा इलाका भक्तिमय

श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी, छपरा (बिहार):

WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
01
previous arrow
next arrow
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
01
previous arrow
next arrow


छपरा  ऊर्जानगर में स्थित शिवशक्ति मंदिर में स्थापित होने वाले अष्टभूजी दुर्गा देवी की प्राण प्रतिष्ठा व यज्ञ समारोह के लिए शोभा यात्रा में सैकड़ों नर नारियों घोड़े बैंडबाजे के साथ 108 कलश से में जलभरी की गई।जलभारी यात्रा में नर नारी बच्चे यज्ञ समिति सदस्य व आचार्य मण्डली ने हिस्सा लिया।सर्व प्रथम यज्ञ समिति सदस्यों ने पटना गंगा तट पे वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा अर्चना की।

इसके बाद कलश का संकल्प कराकर पटना लेखानगर देवी मंदिर पहुंचे। यहां से गंगाजल युक्त सैकरो कलश में जल लेकर शोभा यात्रा की शुरुआत हुई। शोभा यात्रा नगर परिभ्रमण करते मां की जयकारे और जय श्री राम के नारे लगाते ऊर्जानगर यज्ञ मंडप पहुंच कलश स्थापित की।इसके बाद पूजा अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किए।

शोभा यात्रा का नेतृत्व यज्ञ समिति के अध्यक्ष बिपिन बिहारी सिंह ने की इनके साथ समिति सदस्य प्रेम कुमार,ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी,विपिन सिंह,अरविंद सिंह,कन्हैया सिंह आदि सदस्य ने नेतृत्व में साथ दिया। जलभरी का संकल्प व वैदिक मंत्रोचार पंडित सुबोध ओझा और मुकेश तिवारी ने कराई।

प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ समारोह 22 जनवरी तक चलेगी  इसी दिन मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा व मां को छप्पन भोग अर्पित होगा ।संध्या में आम भक्तो के लिए भंडारा का आयोजन सुनिश्चित है। शोभा यात्रा में सामिल नर नारियों में मुन्नी देवी,सिंधु कुमारी, सुषमा देवी, ओजस्वी कुमारी,रेखा सिंह आदि सैकरो लोग सामिल थे।

यह भी पढ़े

राजेंद्र स्टेडियम छपरा में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन में जुटे हजारों कार्यकर्ता

स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम के तहत शिक्षकों का प्रशिक्षण शुभारंभ 

प्रेमी संग शादी रचाने को ट्रेन से गायब हुई थी युवती

Raghunathpur: डॉक्टर राणा मनीष ने FMGE परीक्षा पास कर हासिल किया मेडिकल का लाइसेंस

अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के प्रवर समिति व राष्ट्रीय कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक राँची में हुई

एक लंबी शृंखला है राष्ट्रवादी इस्लामिक विचारकों की……

इसीलिए कहते हैं…हारिए न हिम्मत..बिसारिए न राम!

क्या होती है खेतों की चकबंदी?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!