आधी रात को अनंत सिंह और सोनू कैसे पहुंच गये जेल?

आधी रात को अनंत सिंह और सोनू कैसे पहुंच गये जेल?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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अनंत सिंह और सोनू के सरेंडर की कहानी किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है. इसमें सस्पेंस, रोमांच और पुलिस का एक्शन भी है. लेकिन, सब कुछ हुआ पर्दे के पीछे. पुलिस भले ही कुछ भी दावा कर ले, लेकिन, कुख्यात अपराधी पूरी रात पुलिस मुखबिर के साथ अपनी अपनी शर्तो पर सरेंडर करने की बात करते रहे. इधर, पुलिस भी प्लीन थ्री तैयार कर रखा था. जवाब सोनू- मोनू गिरोह की ओर से भी तैयार था. अनंत सिंह के लोग भी किसी भी कार्रवाई के लिए मैदन में खड़े थे. तनाव और दोनों की तैयारी को लेकर पुराने लोग गैंगवार को लेकर सहमे हुए थे.

पुलिस यह जान रही थी कि एक गलती मोकामा में कई लाश गिरा सकती है. यही कारण था कि अपने मुखबिर के सहारे पुलिस दोनों से संवाद कायम कर रखा था. दोनों पुलिस की बात मानने को तैयार थे. लेकिन दोनों के अपने अपने शर्त थे. अन्तत: शुक्रवार को अनंत सिंह और सोनू दोनों ने सरेंडर कर दिया. बुधवार की शाम में हुई दोनों के बीच गोलीबारी के बाद से ही पटना पुलिस इन दोनों गिरोह पर सरेंडर करने का दबाव बना रही थी. पटना पुलिस के दो अधिकारी दोनों गिरोह के सरगना के संपर्क में भी थे. लेकिन, पेंच पहले कौन सरेंडर करेगा इसको लेकर फंसा था. पुलिस मुख्यालय के अधिकारी ने तो साफ कर दिया था कि देर होने की स्थिति में गिरफ्तार कर लेंगे.

कौन करेगा सरेंडर

अनंत सिंह और सोनू मोनू गिरोह का कोई भी सदस्य पहले सरेंडर करने को कोई तैयार नहीं था. अन्तत: पुलिस मुख्यालय के सीनियर अधिकारी ने खुद इसकी जिम्मेवारी संभाल ली. बात फिर भी नहीं बनी. सोनू और अनंत सिंह के लोग इस बात पर अड़े हुए थे कि पहले हम सरेंडर नहीं करेंगे. सूत्रों का कहना था कि सोनू ने पुलिस को साफ कह दिया था कि अनंत सिंह के कोई एक साथी के सरेंडर करने के बाद ही हम सरेंडर करेंगे. सोनू के इस मांग के बाद मोकामा पुलिस ने अनंत सिंह समर्थक रौशन को गिरफ्तार कर लिया.

रौशन की गिरफ्तारी के बाद सोनू मोनू भी अपने किसी समर्थक को सरेंडर करवाने के लिए तैयार थे. इसको लेकर घर में सहमति भी बन गई थी. सोनू मोनू गिरोह का भी कोई सदस्य सरेंडर करता इससे पहले शुक्रवार को सुबह-सुबह उसके मैनेंजर अशोक के घर पर गोलीबार हो गई. इसका आरोप सोनू-मोनू गिरोह पर लगा. इसके बाद सोनू और उनके परिजनों ने सरेंडर पर अपनी रणनीति बदल दी. उन लोगों ने तय किया कि मोनू को सरेंडर करवा दिया जाए. लेकिन, सरेंडर कौन करेगा सोनू या मोनू इसपर बात बनते बनते बिगड़ गई.

सोनू- मोनू में कौन करेगा सरेंडर

सोनू -मोनू में सरेंडर कौन करेगा. इसको लेकर भी काफी देर तक विवाद होता रहा. अनंत सिंह गिरोह का कहना था कि मोनू नहीं सोनू के सरेंडर करने पर छोटे सरकार (अनंत सिंह) भी सरेंडर करेंगे. इसपर फिर बात बिगड़ गई. तब पटना के सीनियर ऑफिसर ने हस्तक्षेप किया. इसके बाद मामला बना और मोनू के बदले सोनू सरेंडर कर दिया. कहा जाता है कि सोनू के साथ उसके परिवार के भी कई लोग उसके साथ थाना गए थे.

सोनू के बाद अनंत पर बनाया दबाव

सोनू के सरेंडर करने के बाद अनंत सिंह पर सरेंडर करने का दबाव बनाया गया. अनंत सिंह इसके लिए तैयार हो गए. लेकिन, पुलिस ने अनंत सिंह के सरेंडर करने से इंकार करने पर उनकी गिरफ्तारी को लेकर भी अपनी पूरी तैयारी कर ली थी. इसको लेकर आस पास के कई थानों की पुलिस को बुला ली गई थी. सरेंडर और गिरफ्तारी को लेकर किसी प्रकार का बवाल होने से निपटने के लिए भी पटना पुलिस ने अपनी तैयारी पूरी की थी. लेकिन, इसकी जरुरत नहीं पड़ी.अनंत सिंह ने सरेंडर कर दिया.

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