न्यायपालिका को भ्रष्ट करने में भाजपा का हाथ हैं- संजय राउत

न्यायपालिका को भ्रष्ट करने में भाजपा का हाथ हैं- संजय राउत

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से मिली भारी नकदी को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं उन्हीं के शासन में हो रही हैं।जज के घर से मिला 15-20 करोड़ कैश

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस वर्मा के घर से 15 से 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है। राउत ने इसे देश की न्यायपालिका पर गहरा धब्बा बताते हुए कहा कि यह न्याय व्यवस्था के भीतर मौजूद भ्रष्टाचार और दबाव की पोल खोलता है।

विवार को एक प्रेस वार्ता में राउत ने कहा, “सीजेआई ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है और दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा जस्टिस वर्मा के घर से कैश जलाने का वीडियो भी जारी किया गया है।”यह घटना किसके शासन में हो रही है? प्रधानमंत्री मोदी, जो कहते थे ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ उनके शासन में!” संजय राउत, शिवसेना (यूबीटी)

“इतनी नकदी तो एक दिन की कमाई लगती है”संजय राउत ने दावा किया कि जस्टिस वर्मा के आवास से मिली नकदी किसी एक दिन की कमाई जैसी प्रतीत होती है। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली में था जब इस खबर का खुलासा हुआ। यह एक गंभीर मामला है, खासकर जब यह राष्ट्रीय राजधानी की न्यायपालिका से जुड़ा हो।”

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने इस मुद्दे पर न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायपालिका दबाव में काम कर रही है और इसी कारण सुप्रीम कोर्ट में उनकी पार्टी को न्याय नहीं मिला। उन्होंने कहा, “यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने 40 बागी विधायकों को सुरक्षा दी, जो असंवैधानिक सरकार का समर्थन कर रहे थे।”

बीजेपी नेता नलिन कोहली की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और बीजेपी नेता नलिन कोहली ने इस घटना पर पारदर्शिता की मांग की। उन्होंने कहा कि इस एक मामले को लेकर पूरी न्यायपालिका की साख पर सवाल उठाना सही नहीं है।उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि शुरुआती बरामदगी के बाद नकदी का क्या हुआ, इस पर स्पष्टता नहीं है। उन्होंने कहा, “रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जब घर का दौरा किया तो वहां से नकदी गायब थी।”

सुप्रीम कोर्ट ने जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मामला गहराई से जांच का विषय है।

जस्टिस यशवंत वर्मा ने इन आरोपों को साजिश करार दिया और कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य का इस नकदी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस कमरे में आग लगी थी और जहां यह कैश मिला, वह मुख्य इमारत का हिस्सा नहीं था, बल्कि एक बाहरी स्टोररूम था।मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने जस्टिस वर्मा को निर्देश दिया है कि वे अपने फोन की सभी संचार सामग्री को सुरक्षित रखें, ताकि जांच में कोई बाधा न आए।

आग लगने के बाद सामने आया मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के घर आग लगने की घटना के दौरान फायर ब्रिगेड को यह नकदी मिली। जब दमकल कर्मियों ने आग बुझाई, तो उन्हें वहां भारी मात्रा में नकदी दिखाई दी। उस समय जस्टिस वर्मा अपने घर पर मौजूद नहीं थे।

 

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