संपूर्ण संसार सीताराममय है : आचार्य श्यामसुन्दर जी 

संपूर्ण संसार सीताराममय है : आचार्य श्यामसुन्दर जी

श्रीनारद मीडिया, सिधवलिया, गोपालगंज (बिहार):

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संपूर्ण संसार सीताराममय है, इस धरा पर जिस रूप मे कोई प्राणी है, जिसे हम देखते हैँ, वे सबमे परमात्मा का स्वरूप है l मनुष्य जीव का मूल उद्देश्य मात्र ईश्वर की प्राप्ति है l उक्त बातें सिधवलिया प्रखंड के कबीरपुर उज्जैनटोला गाँव मे नवनिर्मित संकटमोचन हनुमान मंदिर के प्रांगण मे आयोजित प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ मे प्रवचन देते कथावाचक वृन्दावन के आचार्य श्यामसुन्दर जी महाराज ने कही l

उन्होंने महायज्ञ के प्रथम दिवस कहा कि मानव जीवन का मूल उद्देश्य परमात्मा की प्राप्ति है l मनुष्य जो भी सत्कर्म यथा, प्रवचन सुननना, परिक्रमा, हवन,पूजन, सहित धरा पर प्रफुलित लत्ता, फूल, औषधियों के उगे पौधे या फूल, गाय, सर्प इत्यादि समस्त ईश्वर के स्वरुप हैँ, अनुभव करने मात्र से हर जीव मे मनुष्य को ईश्वर हीं दिखता है l

यह अनुभावन केवल स्वजन व्यक्तियों मे हीं होता है l उन्होंने भक्त प्रहलाद की उपमा देते हुए कहा कि भक्त प्रहलाद को बांध कर उनके पिता हिरणकश्यपू ने कहा कि बताओ तुम्हारा भगवान कहाँ है l अपने पत्ति को समझाने के बाद भी प्रहलाद की माँ कमाधू रो पड़ती है, और हिरणकश्यपू नहीं मानता है l

भक्त प्रहलाद बताते हैँ कि भगवान कण-कण मे सम्माहित हैँ, हमारे मे, आपमें, आपके तलवार मे, इस खम्भे मे भी, हर जगह ईश्वर का वास होता है l उन्होंने बताया कि अंतत: भगवान को उस खम्भे से हीं प्रकट होते हैँ और हिरणकश्यपू का वध कर देते हैँ l

प्रवचन मे,अंजन सिंह,सुनील साह,सिट्टू कुमार,रोहित,मृत्युंजय सिंह,गोलू सिंह,बिट्टू सिंह, लालबहादूर सिंह सहित अन्य श्रद्धालू उपस्थित थे l

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