चंदन मिश्रा हत्याकांड में पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड

चंदन मिश्रा हत्याकांड में पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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पटना के अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या के मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में 5 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। यह जानकारी एक पुलिस अधिकारी के द्वारा दी गई है। बता दें कि पटना के पारस एचएमआरआई अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में घुसकर पैरोल पर आए गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या कर दी गई थी।

शुक्रवार को बिहार एसटीएफ और पटना पुलिस की संयुक्त टीम ने पश्चिम बंगाल में हत्याकांड में शामिल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया।गिरफ्तार आरोपियों से पश्चिम बंगाल में पूछताछ की जा रही है, कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें पटना लाया जाएगा। कुछ और आरोपियों के ठिकानों की जानकारी मिली है, वहां छापेमारी की जा रही है। इस घटना में सबसे पहले तौसीफ रजा उर्फ बादशाह का नाम सामने आया था।

उल्लेखनीय है कि पटना के पारस एचएमआरआई अस्पताल में गुरुवार को हुई हत्या के बाद कुख्यात चंदन मिश्रा का शव देर रात उसके गांव लाया गया। रात में ही जिला मुख्यालय में उसके अंतिम संस्कार की तैयारी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

इसे लेकर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ विरोध भी हुआ। इसके बाद परिजन शव को औद्योगिक थाना क्षेत्र स्थित पैतृक गांव सोनबरसा ले गए। शुक्रवार की सुबह उसका पार्थिव शरीर उसी क्षेत्र के ब्यास के डेरा गांव के पास गंगा नदी में विसर्जित कर दिया गया। इससे पहले उसके पिता मंटू मिश्रा ने चिता को मुखाग्नि दी, लेकिन शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया।

पारस अस्पताल में घुसकर गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या मामले में बिहार से लेकर बंगाल का जेल कनेक्शन सामने आया है। इस मामले में शुक्रवार को बंगाल के पुरूलिया जेल में बंद कुख्यात शेरू सिंह से भी पूछताछ की गई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शेरू ने हत्याकांड की साजिश बिहार की जेल में बंद उसके ही गिरोह के सदस्य के द्वारा रचे जाने की जानकारी पुलिस को दी है। पुलिस उसकी जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। जेल में बंद शेरू के उस शार्गिद से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है।

इस बीच चंदन की हत्या करने वाले शूटरों की तलाश जारी है। पुलिस की टीम रात भर बिहार और आसपास के राज्यों में छापेमारी कर रही है। एक-दो शूटरों को छोड़कर बाकी की पहचान कर ली गई है।

शेरू सिंह का वास्तविक नाम ओंकारनाथ सिंह है। वर्ष 2011 में सात से आठ हत्याकांड में चंदन और शेरू का नाम आया था। पिछले दिनों आरा में हुई तनिष्क लूट कांड में भी शेरू का नाम आया था। उसकी गिरफ्तारी नेपाल से हुई थी और फिलहाल वह बंगाल के पुरूलिया जेल में बंद है।

शूटरों के मददगारों की हुई पहचान, होगी कार्रवाई : एडीजी

चंदन मिश्रा हत्याकांड की पुलिस मुख्यालय के स्तर से भी लगातार समीक्षा की जा रही है। एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बताया कि अस्पताल में घुसकर हत्या करने वाले शूटरों के मददगारों की भी पहचान की जा रही है।

शूटरों को पटना में किसने आश्रय दिया, रहने-खाने और भागने के लिए गाड़ी का इंतजाम किसने किया, इन सब लोगों की पहचान की जा रही है। इनपर भी कार्रवाई की जाएगी। शूटर किस रास्ते से आए और भागे, इसका सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया है।

एडीजी ने बताया कि अब तक की जांच में वर्चस्व की लड़ाई में हत्या की बात समझ में आ रही है। प्राथमिक जांच में चंदन के पुराने सहयोगी और बाद में प्रतिद्वंद्वी बन गए शेरू सिंह के गिरोह का नाम हत्या में आ रहा है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

डीजीपी ने पटना आईजी और एसएसपी के साथ की समीक्षा :

डीजीपी विनय कुमार ने भी शुक्रवार को चंदन मिश्रा हत्याकांड में अब तक के अनुसंधान की समीक्षा की। डीजीपी ने पटना के आईजी जितेंद्र राणा और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा को तलब कर कार्रवाई का ब्योरा लिया। इस दौरान हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआइटी के वरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

पटना एम्स में ऑपरेशन से किया था मना

बेउर जेल प्रशासन की मानें तो चंदन को फिस्टुला की परेशानी पहले से थी। बीच में उसे उपचार के लिए पटना एम्स भी ले जाया गया था, लेकिन वहां उसने ऑपरेशन कराने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पैरोल पर बाहर आने के बाद चंदन 15 जुलाई की सुबह पारस एचएमआरआई अस्पताल में भर्ती किया गया था।

उसी दिन ऑपरेशन किया गया। फिर उसे उसे प्राइवेट वार्ड नंबर 209 में भर्ती किया गया था। डाक्टरों ने उसे बुधवार को ही डिस्चार्ज की अनुमति दी थी, लेकिन मरीज व स्वजन ने गुरुवार को अस्पताल से ले जाने बात कही।

जेल से बाहर चंदन पर फायरिंग आसान नहीं

सजायाफ्ता चंदन मिश्रा की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए शेरू का नेटवर्क काम कर रहा था। जैसे ही तीन जुलाई को बेउर जेल से पैरोल पर बाहर आया, उस बक्सर भी गया था, लेकिन चंदन खुद ही गैंगस्टर था और उसके आसपास हमेशा लोग होते थे।

पारस में उसे गोलियां तक मारी गई थी, जिस समय अस्पताल में लोगों की संख्या कम होती है या फिर अधिकांश लोग इधर उधर होते है। वहां चंदन पर अटैक होगा इसकी कल्पना भी उसके साथियों ने नहीं की थी। इसी का फायदा उठाने के लिए पटना के दो शूटरों बादशाह और एक अन्य को भी गिरोह में शामिल किया गया था।

शूटआउड को लीड कर रहा था बादशाह

चंदन की हत्या में शामिल पांचों शूटरों में सबसे आगे चल रहे शूटर की पहचान तौसीफ रजा उर्फ बादशाह के रूप में हुई है। वहीं शूटआउट को लीड कर रहा था। वारदात के बाद पांचों शूटर दो बाइक से फरार हो गए। इस दौरान एक जगह एक शूटर बाइक पर पिस्टल लहरा रहा था और मुस्कुरा रहा था। जैसे इन्होंने उपलब्धि हासिल कर ली हो।

“नाम से शहर डोलता है ये हम नहीं अखबार बोलता है”

तौसीफ मूलरूप से फुलवारीशरीफ का रहने वाला है। पटना के एक नामी स्कूल से पढ़ाई किया। वह इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहता है। एक्स, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर उसका तौसीफ बादशाह नाम से अकाउंट मिला। हालांकि एक्स पर 30 जून के बाद उसने कोई पोस्ट शेयर नहीं किया। कहीं पटना की सड़कों पर पैदल तो कभी कार में बैठकर रील बनाया, जिसमें अलग अलग फिल्मी डायलॉग है।

एक्स पर उसके जिनते भी रील पोस्ट किए गए, उसमें डायलाग के साथ शायरी भी लिखा। यहां तक की पूर्व में जब वह जेल से पेशी के लिए लाया गया था, तब भी उसका रील पोस्ट हुआ था। उसके कई रील में “नाम से शहर डोलता है ये हम नहीं अखबार बोलता है”, “जिस जंगल में तुम शेर बने घूमते हो उस जंगल के बेखौफ शिकारी हैं हम” इस तरह डायलॉग हैं।

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