क्या केन्द्र द्वारा लगाये गए महंगाई भत्ते पर लगी रोक जल्द हटेगी?

क्या केन्द्र द्वारा लगाये गए महंगाई भत्ते पर लगी रोक जल्द हटेगी?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क 

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केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। इन सबके बीच महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को लेकर सरकार ने बड़ा अपडेट दिया है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों से संबंधित एक बड़े घटनाक्रम में, वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 अवधि के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) का बकाया जारी नहीं किया जाएगा।

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बेहद जरूरी खबर है। 8वें वेतन आयोग की चर्चा के बीच महंगाई भत्ते पर रोक पर केंद्र सरकार का बयान सामने आया है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 अवधि के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) के बकाया जारी नहीं किए जाएंगे। यह प्रतिक्रिया संसद में उठाए गए एक प्रश्न के बाद आई है, जिसमें पूछा गया था कि क्या जनवरी 2020 से जून 2021 तक लागू 18 महीने के डीए/डीआर पर रोक पर महामारी के बाद देश की आर्थिक सुधार को देखते हुए पुनर्विचार किया जाएगा।

संसद में वित्त मंत्रालय ने क्या जानकारी दी?

यह प्रतिक्रिया संसद में उठाए गए एक सवाल के बाद आई है, जिसमें सवाल किया गया था कि क्या जनवरी 2020 से जून 2021 तक लागू 18 महीने के डीए/डीआर फ्रीज पर देश की आर्थिक सुधार के बाद महामारी के मद्देनजर पुनर्विचार किया जाएगा। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने चिंता का समाधान करते हुए कहा, “2020 में महामारी के प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव और सरकार की ओर से उठाए गए कल्याणकारी उपायों के वित्तपोषण का वित्तीय भार वित्त वर्ष 2020-21 से आगे भी रहा। इसलिए, डीए/डीआर का बकाया देना संभव नहीं माना गया।”

वित्त राज्य मंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को 01.01.2020 (1 जनवरी, 2020), 01.07.2020 (1 जुलाई, 2020) और 01.01.2021 (1 जनवरी, 2021) से देय महंगाई भत्ते (डीए)/महंगाई राहत (डीआर) की तीन किस्तों को फ्रीज करने का निर्णय कोविड-19 के संदर्भ में लिया गया, जिससे आर्थिक व्यवधान उत्पन्न हुआ, ताकि सरकारी वित्त पर दबाव कम किया जा सके।”

8वें वेतन आयोग की मंजूरी के बाद डीए की चर्चा तेज

सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब आठवें वेतन आयोग को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं, जिसे जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। हालांकि, अभी तक इस आयोग का औपचारिक गठन नहीं हुआ है। गौरतलब है कि जब नया वेतन आयोग लागू होता है, तो मानक प्रक्रिया के अनुसार, डीए घटक को शून्य कर दिया जाता है। वर्तमान में, सातवें वेतन आयोग के तहत डीए मूल वेतन का 55% है।

क्या था सवाल

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस चिंता का समाधान करते हुए कहा, “2020 में महामारी के प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव और सरकार द्वारा उठाए गए कल्याणकारी उपायों के वित्तपोषण का वित्तीय भार वित्त वर्ष 2020-21 से आगे भी जारी रहा। इसलिए, डीए/डीआर का बकाया देना संभव नहीं माना गया।” महंगाई भत्ता (डीए) सरकारी कर्मचारियों को मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने में मदद के लिए प्रदान किया जाता है, जबकि पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (डीआर) भी इसी उद्देश्य से दी जाती है।

वित्त राज्य मंत्री ने आगे कहा, “केंद्र सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को 01.01.2020 (1 जनवरी, 2020), 01.07.2020 (1 जुलाई, 2020) और 01.01.2021 (1 जनवरी, 2021) से देय महंगाई भत्ते (डीए)/महंगाई राहत (डीआर) की तीन किस्तों को रोकने का निर्णय कोविड-19 के कारण उत्पन्न आर्थिक व्यवधान को देखते हुए लिया गया है, ताकि सरकारी वित्त पर दबाव कम किया जा सके।”

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग

बता दें कि यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब 8वें वेतन आयोग को लेकर अटकलें बढ़ रही हैं, जिसे जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। हालांकि, पैनल का औपचारिक रूप से गठन होना अभी बाकी है। गठन के बाद, आयोग हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगा और एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, जिसमें आमतौर पर एक वर्ष से अधिक समय लगेगा। रिपोर्ट केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर और सभी सैलरी स्ट्रक्चर में सुधार की सिफारिश करेगी। गौरतलब है कि जब नया वेतन आयोग लागू होता है, तो स्टैंडर्ड प्रोसेस के अनुसार, डीए कंपोनेंट को शून्य कर दिया जाता है। वर्तमान में, सातवें वेतन आयोग के तहत, डीए मूल वेतन का 55% है।

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