पीएम के मन की बात कार्यक्रम के 126वें एपिसोड का प्रसारण किया गया। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने स्वदेशी अपनाने की बात पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों से अपील की है कि हम सभी अधिक से अधिक स्वदेशी सामान खरीदने की कोशिश करें। वहीं, अपने इस मासिक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मशहूर गायक जुबीन गर्ग को भी याद किया। जिनकी पिछले दिनों सिंगापुर में आकस्मिक मौत हो गई थी।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में प्रतिष्ठित असमिया गायक ज़ुबीन गर्ग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें याद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि जुबीन का असम की संस्कृति से गहरा जुड़ाव था।
मशहूर सिंगर को पीएम मोदी ने किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस कार्यक्रम में कहा कि जुबीन गर्ग के असामयिक निधन पर लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं। जुबीन गर्ग एक प्रसिद्ध गायक थे जिन्होंने पूरे देश में अपनी पहचान बनाई। उनका असमिया संस्कृति से गहरा जुड़ाव था। ज़ुबीन गर्ग हमेशा हमारी यादों में रहेंगे और उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा।
19 सितंबर को हुआ था जुबीन का निधन
गौरतलब कि प्रतिष्ठित गायक जुबीन गर्ग का निधन 19 सितंबर को असामयिक निधन हो गया था। जुबीन का देहांत सिंगापुर में हुआ था और उनके शरीर को पहले दिल्ली लाया गया। फिर वहां से असम ले जाया गया था। गर्ग पूर्वोत्तर भारत महोत्सव के लिए सिंगापुर में थे। 23 सितंबर को जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार किया गया था। उनके आकस्मिक निधन की जांच अभी चल रही है।
हम अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं का करें निर्माण: पीएम
मन की बात कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने देशवासियों से स्वदेशी वस्तुओं के अधिक से अधिक निर्माण की अपील की। पीएम मोदी ने नागरिकों से 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर देश के स्वदेशी उत्पादों का समर्थन करने और खादी उत्पादों की अधिक से अधिक खरीदारी को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दो अक्तूबर को गांधी जयंती है। गांधी जी ने हमेशा ही स्वेदेशी अपनाने पर जोर दिया। उनमें से खादी सबसे प्रमुख रही। आजादी के बाद खादी का आकर्षण कम होता गया, लेकिन पिछले 11 वर्षों में देश के लोगों का खादी के प्रति आकर्षण काफ़ी बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में खादी की बिक्री में भारी वृद्धि देखी गई है। मैं आप सभी से 2 अक्टूबर को कोई न कोई खादी उत्पाद जरूर खरीदने का आग्रह करता हूँ। गर्व से कहिए कि ये स्वदेशी हैं। साथ ही, इसे वोकल फॉर लोकल के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर करें।
स्वर कोकिला लता मंगेश्कर को उनकी जयंती पर याद करते हुए उनको नमन किया. उन्होंने लता मंगेश्कर के वीर सावरकर के साथ प्यारे संबंध के बारे में बात की. पीएम मोदी ने बताया कि लता दीदी जिन महान विभूतियों से प्रेरित थीं उनमें वीर सावरकर भी एक हैं, उन्हें वो तात्या कहती थीं, उन्होंने वीर सावरकर जी के कई गीतों को भी अपने सुरों में पिरोया.
पीएम मोदी ने मन की बात में लता मंगेश्कर से अपने संबंध की भी चर्चा की है. उन्होंने बताया कि मुझे याद है मराठी सुगम संगीत की महान हस्ती सुधीर फड़के जी ने सबसे पहले लता दीदी से मेरा परिचय कराया था. मैंने लता दीदी को कहा कि मुझे आपके द्वारा गाया और सुधीर जी द्वारा संगीतबद्ध गीत ‘ज्योति कलश छलके’ बहुत पसंद है.
भगत सिंह के पत्र का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा- अमर शहीद भगत सिंह, हर भारतवासी, विशेषकर देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज है. साथियों, अमर शहीद भगत सिंह, हर भारतवासी, विशेषकर देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज है. निर्भीकता उनके स्वभाव में कूट-कूट कर भरी थी. पीएम मोदी ने फांसी के फंदे पर झूलने से पहले भगत सिंह के पत्र का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि मैं चाहता हूँ कि आप मुझे और मेरे साथियों से युद्धबंदी जैसा व्यवहार करें. इसलिए हमारी जान फांसी से नहीं, सीधा गोली मार कर ली जाए.
पीएम मोदी ने अपने संबोधिन में कहा कि अगर मैं आपसे ये सवाल करूं, क्या आप समंदर में लगातार 8 महीने रह सकते हैं! क्या आप समंदर में पतवार वाली नाव यानी हवा के वेग से आगे बढ़ने वाली नाव से 50 हजार किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं. वो भी तब, जब, समंदर में मौसम कभी भी बिगड़ जाता है! ऐसा करने से पहले आप हजार बार सोचेंगे, लेकिन भारतीय नौसेना की दो बहादुर ऑफसर ने नाविका सागर परिक्रमा के दौरान ऐसा कर दिखाया है. उन्होंने दिखाया है कि साहस और दृढ़ संकल्प होता क्या है.
नेवी की बहादुर बेटियों से बात की
उन्होंने ‘नाविका सागर परिक्रमा’ के तहत पतवार के जरिए समंदर में 50,000 किलोमीटर की यात्रा करने वाली लेफ्टिनेंट कमांडर डिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर कमांडर रूपा की चर्चा करते हुए उनसे बात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरती की चक्कर लगाने वाली इंडियन नेवी की दोनों बहादुर बेटियों से बात की. उन्होंने उनकी आठ महीने की कठिन यात्रा के बारे में चर्चा की. उन्होंने दोनों बहादुर बेटियों की आईएनएस तारिणी (INSV Tarini) से समंद्र की यात्रा को पूरे से रूबरू कराया.
एस. एल. भैरप्पा की चर्चा
पीएम मोदी ने एस. एल. भैरप्पा की चर्चा की. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, कुछ दिन पहले हमारे देश ने एक महान विचारक और चिंतक एस. एल. भैरप्पा जी को भी खो दिया है. मेरा भैरप्पा जी से व्यक्तिगत संपर्क भी रहा और हमारे बीच कई मौकों पर अलग-अलग विषयों पर गहन बातचीत भी हुई. उनकी रचनाएं युवा पीढ़ी के विचारों को दिशा देती रहेंगी. कन्नड़ की उनकी बहुत सारी रचनाओं का अनुवाद भी उपलब्ध है. उन्होंने हमें बताया कि अपनी जड़ों और संस्कृति पर गर्व करना कितना मायने रखता है. मैं एस. एल. भैरप्पा जी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और युवाओं से उनकी रचनाएं पढ़ने का आग्रह करता हूं.
RSS के 100 वर्ष पर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज RSS 100 वर्ष से बिना थके, बिना रुके, राष्ट्र सेवा के कार्य में लगा हुआ है. इसीलिए हम देखते हैं, देश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा आए, RSS के स्वयंसेवक सबसे पहले वहां पहुंच जाते हैं. लाखों लाख स्वयंसेवकों के जीवन के हर कर्म, हर प्रयास में राष्ट्र प्रथम की यह भावना हमेशा सर्वोपरी रहती है. मैं राष्ट्रसेवा के महायज्ञ में स्वयं को समर्पित कर रहे प्रत्येक स्वयंसेवक को अपनी शुभकामनाएं अर्पित करता हूं.’