पहले चरण के 18 जिलों की 121 सीटो पर 1314 उम्मीदवार होंगे
315 नामांकन रद्द हो गए हैं, जबकि 61 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया है
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की चुनावी लड़ाई की तस्वीर साफ हो गयी है। नामांकन वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद अब 18 जिलों की 121 सीटों पर 1314 उम्मीदवार बच गए हैं, जिनके बीच अंतिम मुकाबला होगा। निर्वाचन विभाग के अनुसार, इन सीटों पर कुल 1690 उम्मीदवारों ने 2496 सेट में नामांकन दाखिल किया था। इनमें 315 नामांकन संवीक्षा के दौरान रद्द हुए, जबकि 61 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस ले लिया। नामांकन वापसी के बाद मुजफ्फरपुर और कुढ़नी विधानसभा में सबसे अधिक 20-20 उम्मीदवार शेष बचे हैं।
इनके अलावा महनार में 18, डुमरांव में 16 और सिमरी बख्तियारपुर, महुआ, उजियारपुर, जमालपुर, तरारी और बक्सर में 15-15 उम्मीदवार चुनावी मैदान में डटे हैं। भोरे, परबत्ता और अलौली विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम पांच-पांच उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला होगा। इनके अलावा सोनवर्षा, दरौली, रोसड़ा और मटिहानी से छह-छह,
जबकि बिहारीगंज, औराई, बैकुंठपुर, कुचायकोट, रघुनाथपुर, दरौंदा और दानापुर से सात-सात उम्मीदवार शेष बच गए हैं। मालूम हो कि पहले चरण के लिए 10 से 17 अक्तूबर तक नामांकन लिए गए। 18 को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की गयी, जबकि 20 अक्तूबर तक नामांकन वापसी का अंतिम दिन था। मतदान छह नवंबर को होगा।
दूसरे चरण के मतदान को लेकर भी नामांकन की समय सीमा 20 अक्तूबर को समाप्त हो चुकी है। मंगलवार को निर्वाची पदाधिकारी के स्तर पर उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की संवीक्षा की गयी। इसमें कई नामांकन पत्र वैध नहीं पाए जाने पर रद्द कर दिये गए। इस चरण के उम्मीदवार 23 अक्तूबर तक नामांकन वापस ले सकेंगे। मतदान 11 नवंबर को होगा।
नामांकन वापस लेने वालों में लालगंज से कांग्रेस उम्मीदवार आदित्य कुमार और तारापुर से वीआईपी उम्मीदवार सकलदेव बिंद शामिल रहे। आदित्य कुमार ने महागठबंधन से राजद उम्मीदवार शिवानी शुक्ला, जबकि सकलदेव बिंद ने भाजपा उम्मीदवार सम्राट चौधरी के समर्थन में अपना नामांकन वापस लिया। दानापुर में निर्दलीय टिंकु कुमार यादव ने अपने भाई रीतलाल राय के समर्थन, डुमरांव में निर्दलीय करतार सिंह यादव ने अपने पिता ददन सिंह यादव के समर्थन और पटना साहिब में निर्दलीय शिशिर कुमार और डॉ. अजय प्रकाश ने भाजपा उम्मीदवार रत्नेश कुशवाहा के समर्थन में नामांकन वापस लिया।
नामांकन वापस लेने अन्य उम्मीदवारों में बरौली से बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामप्रवेश राय, खगड़िया से रालोजपा उम्मीदवार रहीं पूर्व विधायक पूनम देवी यादव, बक्सर से निर्दलीय अमरेंद्र पांडेय, गोपालगंज से जनसुराज के शशिशेखर सिन्हा, ब्रह्मपुर से जनसुराज के सत्यप्रकाश तिवारी, रघुनाथपुर से बसपा के अवधेश भगत, बछवाड़ा से बसपा के दिलीप कुमार और सिंहेश्वर से आप के नंदन कुमार शामिल रहे।
पहले चरण में किसका क्या दांव पर लगा है?
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से तय हो जाएगा कि किसके सिर सत्ता का ताज सजेगा. दोनों की साख दांव पर लगी है. इस पहले फेज की 121 विधानसभा सीटों पर पिछली बार हुए चुनाव के नतीजे देखें तो महागठबंधन और एनडीए में कांटे की टक्कर रही थी. महागठबंधन ने 61 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि एनडीए को 59 सीटें मिली थीं. एलजेपी अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी और उसे सिर्फ एक सीट मिली थी. इस तरह भले ही 2020 में मुकाबला बराबरी का रहा हो, लेकिन इस बार सीन बदल गया.
पहले चरण की जिन 121 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें सबसे ज्यादा सीटें आरजेडी ने जीती थीं और उसके बाद बीजेपी ने. आरजेडी ने 42 सीटों पर जीत का परचम फहराया था, जबकि 32 सीटें बीजेपी ने जीती थीं. जेडीयू के 23 विधायक जीतकर आए थे और कांग्रेस के 8 विधायक थे. इसके अलावा माले के 7, वीआईपी के चार, सीपीआई और सीपीएम के दो-दो विधायक जीते थे. इसके अलावा एलजेपी एक सीट जीती थी.
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