स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक जीवंत न्यायपालिका और न्याय की गुणवत्ता जरूरी-मुख्य न्यायाधीश.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India, CJI) एनवी रमना ने शनिवार को कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक जीवंत न्यायपालिका आवश्यक है। लोकतंत्र की गुणवत्ता न्याय की गुणवत्ता पर भी टिकी हुई है। सीजेआई ने न्यायपालिका में रिक्तियों को भरने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि इन नियुक्तियों की वजह से कुछ हद तक लंबित मामलों में कमी आएगी।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में वर्चुअल कांफ्रेंसिंग सुविधाओं की कमी की ओर भी इशारा किया और कहा कि महामारी ने कुछ गहरी समस्याओं को उजागर किया है।
मुख्य न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि देश के लोगों को यह महसूस करना चाहिए कि कानून और संस्थान सभी के लिए हैं और लोगों का विश्वास लोकतांत्रिक देश में संस्थानों को मजबूत करता है। लोकतंत्र की गुणवत्ता न्याय की गुणवत्ता पर टिकी हुई है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) का महत्वाकांक्षी छह हफ्ते के कार्यक्रम का यह लक्ष्य होना चाहिए कि यदि जरूरतमंद हम तक नहीं पहुंच सकते हैं तो वे जरूरतमंदों तक पहुंचें।
मुख्य न्यायाधीश ‘पैन इंडिया लीगल अवेयरनेस एंड आउटरीच कैंपेन’ के शुभारंभ पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए एक जीवंत न्यायपालिका बेहद जरूरी है। मई से हमने उच्च न्यायालयों में 106 से अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार को धन्यवाद दिया क्योंकि उसने कुछ सिफारिशों को मंजूरी दे दी है।
वहीं केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कानूनी ज्ञान की कमी लोगों के लिए कानूनी सेवाओं तक पहुंचने में बाधा है। लोगों के दरवाजे तक न्याय प्रदान करने में एक अनुकरणीय भूमिका निभाने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की सराहना की। इस कार्यक्रम में जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के कई न्यायाधीश और बार एसोसिएशन के सदस्य मौजूद थे।
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