भाजपा विधायक की एसपी से नोकझोंक के बाद जमीन पर लेटे.

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यूपी में 25 से ज्यादा माफिया सलाखों के पीछे.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रतापगढ़ में शिवगढ़ ब्लॉक की मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए भाजपा के रानीगंज विधायक अभय कुमार ओझा ( धीरज ) ने डीएम कैंप कार्यालय में धरने पर बैठ गए। उन्हें मनाने के लिए एडीएम गए लेकिन नाकाम रहे। इसके बाद पहुंचे एसपी से उनकी नोकझोंक हुई। विधायक ने एसपी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए खुद के कपड़े फाड़कर डीएम आवास के सामने सड़क पर लेट गए। उनके समर्थकों ने भी पुलिस और प्रशासन विरोधी नारे  लगाए।

बुधवार दोपहर बाद डेढ़ बजे रानीगंज विधायक अभय कुमार ओझा अपने कुछ समर्थकों के साथ डीएम कैम्प कार्यालय पहुंचे। इस दौरान डीएम आवास पर नहीं थे तो विधायक ने उनके कैम्प कार्यालय में ही फर्श पर बैठकर समर्थकों संग धरना दे दिया। इसकी सूचना विधायक के समर्थकों के साथ एडीएम शत्रोहन वैश्य को मिली। एडीएम उन्हें मनाने के लिए कार्यालय पहुंचे और बहुत कोशिश की लेकिन विधायक किसी भी हाल में मानने को तैयार नहीं हुए।

इस दौरान समर्थकों की भीड़ पहुंची और डीएम कार्यालय में जबरन घुस गई। सूचना पर डीएम डॉ नितिन बंसल व एसपी आकाश तोमर पहुंचे और विधायक को समझाने लगे। इस बीच विधायक की एसपी से नोकझोंक भी हुई। इस पर आक्रोशित विधायक ने अपने कपड़े फाड़कर डीएम कैम्प आवास से समर्थकों संग बाहर निकले और एसपी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए सड़क पर लेट गए। समर्थक एसपी व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हालात को देख एसपी मौके से चले गए। दूसरी तरफ विधायक व उनके समर्थक डीएम कैम्प आवास पर ही डटे रहे। डीएम उन्हें मनाने में जुटे रहे। डीएम आवास के बाहर समर्थक जुटकर नारेबाजी करते रहे।

सीएम योगी माफियाओं पर कार्रवाई के लिए पूरे एक्शन में है। उनके आदेश के बाद पुलिस ने सिर्फ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद ही नहीं, बल्कि प्रदेश के ऐसे 25 बड़े माफिया को चिह्नित किया, जिनके नाम से लोगों में दहशत थी। पुलिस ने एक-एक कर उनके गैंग के अन्य अपराधियों और सहयोगियों को भी नेस्तनाबूद करना शुरू कर दिया।ये माफिया आज सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं।

पुलिस ने प्रदेश में 25 से ज्यादा माफिया को चिह्नित कर कार्यवाही शुरू की थी। पुलिस चिह्नित माफिया के खिलाफ दर्ज मुकदमो में तेजी से न सिर्फ कार्यवाही कर रही है, बल्कि सरकार की ओर से तगड़ी पैरवी भी कर रही है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके। इसी कड़ी में कोर्ट ने माफिया आकाश जाट को दो मुकदमो में अलग-अलग तीन और सात साल की सजा भी सुनाई है। जबकि उसके गैंग के सहयोगी अमित भूरा को भी दोनों मुकदमो में तीन साल और एक साल की सजा दी गई है।

माफिया का बदला ठौर-ठिकाना, नया पता जेल
गाजीपुर जिले के युसूफपुर मोहम्दाबाद निवासी मुख्तार अंसारी बांदा जेल,

प्रयागराज जिले के खुल्दाबाद निवासी अतीक अहमद सेंट्रल जेल साबरमती गुजरात,

वाराणसी जिले के चौबेपुर निवासी बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह वाराणसी जेल,

लखनऊ जिले के हसनगंज निवासी ओमप्रकाश उर्फ बब्लू श्रीवास्तव बरेली जेल,

बिजनौर जिले के स्योहारा थाना क्षेत्र निवासी मुनीर मंडोली जेल दिल्ली,

अंबेडकरनगर जिले के हंसवार थानाक्षेत्र निवासी खान मुबारक हरदोई जेल,

गाजियाबाद जिले के लोनी निवासी अमित कसाना दिल्ली जेल,

शामली जिले के आदर्श मंडी निवासी आकाश जाट गाजियाबाद जेल,

मेरठ जिले के सरूरपुर निवासी उधम सिंह आजमगढ़ जेल,

मेरठ जिले के सरूरपुर निवासी योगेश भदौड़ा सिद्धार्थनगर जेल,

बागपत जिले के बड़ौत निवासी अजीत उर्फ हप्पू बरेली जेल,

मुजफ्फरनगर जिले के रतनपुर निवासी सुशील उर्फ मूंछ कानपुर जेल,

मुजफ्फरनगर जिले के कोतवाली निवासी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा लखनऊ जेल,

गौतमबुद्धनगर जिले के कासना निवासी सुन्दर भाटी उर्फ नेताजी हमीरपुर जेल,

गौतमबुद्धनगर जिले के बादलपुर निवासी अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर गौतमबुद्धनगर जेल,

गौतमबुद्धनगर जिले के दनकौर निवासी सिंघराज भाटी गोरखपुर जेल,

गौतमबुद्धनगर जिले के जारचा निवासी अंकित गुर्जर महराजगंज जेल,

वाराणसी जिले के कोतवाली निवासी सुभाष सिंह ठाकुर फतेहपुर जेल,

आजमगढ़ जिले के जीयनपुर निवासी ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह बलिया जेल,

गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद उमेश राय उर्फ गौरा राय रामपुर जेल,

गाजीपुर जिले के सैदपुर निवासी त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन कुमार मीरजापुर जेल,

लखनऊ जिले के कैंट निवासी मो. सलीम फतेहगढ़ जेल,

लखनऊ जिले के कैंट निवासी मो. सोहराब फतेहगढ़ जेल और

लखनऊ जिले के कैंट निवासी मो. रुस्तम कानपुर जेल में बंद हैं।

माफिया से ही वसूला जा रहा हर्जाना
योगी सरकार में पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत 25 से ज्यादा माफिया की आपराधिक कृत्य से बनाई गई एक हजार करोड़ से अधिक की चल-अचल अवैध सम्पत्तियों को जब्त किया है। अवैध संपत्तियों को ढहाने और कब्जा खाली कराने का खर्च भी अपराधियों और माफिया से वसूला जा रहा है। इनमें माफिया के सहयोगियों की आपराधिक कार्यों से जुटाई गई सम्पत्तियों की कीमत करीब 537 करोड़ रुपए से अधिक है। इतना ही नहीं, माफिया, उनके परिजनों और सहयोगियों के करीब 190 से अधिक शस्त्र लाईसेंस निरस्त किए गए हैं। पिछले साल दिसंबर तक गैंगेस्टर एक्ट में करीब 11,930 मुकदमे दर्ज कर 3699 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इसके अलावा 534 अभियुक्तों के खिलाफ रासुका लगाई गई है।

इन पर भी कसा शिकंजा
माफिया के खिलाफ शुरू हुई कार्यवाही में अवैध बूचड़खाना और स्लाटर हाउस के ध्वस्तीकरण, पार्किंग ठेके की आड़ में अवैध वसूली पर लगाम, अवैध मछली कारोबार, सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से अवमुक्त कराने के सघन प्रयास, अपराधी शूटरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही, ठेकेदार माफिया के खिलाफ कार्यवाही, कोयला कारोबार से अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति के जब्तीकरण आदि की कार्यवाहियां प्रमुख हैं।

 

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