राज्यों के जल मंत्रियों का अखिल भारतीय सम्मेलन हुआ

राज्यों के जल मंत्रियों का अखिल भारतीय सम्मेलन हुआ

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित राज्य के जल मंत्रियों का दूसरा अखिल भारतीय सम्मेलन राजस्थान के उदयपुर में संपन्न हुआ, जिसमें जल प्रबंधन के मुद्दों के लिये कई पहलों का सुझाव दिया गया।

इस सम्मेलन का विषय था “इंडिया@2047 – एक जल सुरक्षित राष्ट्र”।

नोट: भोपाल में आयोजित राज्य के जल मंत्रियों का पहला अखिल भारतीय सम्मेलन (जनवरी 2023) पाँच प्रमुख क्षेत्रों अर्थात जल सुरक्षा, जल उपयोग दक्षता, शासन, जलवायु अनुकूलन और जल गुणवत्ता पर केंद्रित था

राज्य के जल मंत्रियों के दूसरे अखिल भारतीय सम्मेलन में शामिल की गई प्रमुख पहल क्या हैं?

  • कृषि जल प्रबंधन: ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई जैसी सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को अपनाना, प्रेसराइज़ सिंचाई नेटवर्क (PIN) का विस्तार करना, कृषि में जल दक्षता में सुधार के लिये इवैपोट्रांसपाइरेशन (ET) आधारित सिंचाई प्रणाली का मूल्यांकन करना।
    • ET से मृदा वाष्पीकरण और पौधों के वाष्पोत्सर्जन को संयोजित कर यह आकलन किया जाता है कि फसलों को इष्टतम विकास के लिये पर्याप्त जल प्राप्त हो रहा है या नहीं।
  • नदी का नवोन्मेषण: बाढ़ से प्रभावित मैदानों के क्षेत्रीकरण करने, नदी के प्रवाह को बढ़ाने के लिये झरनों जैसे जल स्रोतों का नवोन्मेषण करने, तथा जल उपभोग के परिमाणीकरण को बढ़ावा देने से  नदी नवोन्मेषण परियोजनाओं को बढ़ावा मिल सकता है।
  • पेयजल आपूर्ति में सुधार: ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (VWSC) के माध्यम से जल जीवन मिशन (JJM) को बनाए रखना।
    • अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग के लिये स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अंतर्गत ग्रे वाटर प्रबंधन को बढ़ावा देते हुए जल आपूर्ति बुनियादी ढाँचे में सुधार कर AMRUT के माध्यम से शहरी जल सुरक्षा का वर्द्धन करना।

 

  • जल भंडारण में सुधार: जल भंडारण प्रणालियों के विस्तार, नवीनीकरण और आधुनिकीकरण (ERM) को प्राथमिकता देना ताकि दक्षता और जीवनकाल को अधिकतम तथा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उपलब्धता बढ़ाने के लिये छोटे जल निकायों को बहाल किया जा सके।
    • जल भंडारण और वितरण के बेहतर प्रबंधन के लिये स्वचालित जलाशय संचालन को लागू करना।
  • जल प्रशासन को सुदृढ़ बनाना: राज्य-विशिष्ट समाधानों के साथ एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन (IWRM) को लागू करना और जल प्रशासन में ज़मीनी स्तर पर भागीदारी को मज़बूत करना।
    • समुदाय-संचालित जल संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने के लिये देश भर में ‘ जल संचय जनभागीदारी’ पहल को बढ़ावा देना।

 

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