छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की निर्मम हत्या पर सभी पत्रकारों ने जताई कड़ी नाराज़गी, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की निर्मम हत्या पर सभी पत्रकारों ने जताई कड़ी नाराज़गी, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरिक्ष तिवारी ने छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर और संतोष कुमार टोपो की हत्या पर गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने इसे सत्ता के संरक्षण में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर कायराना हमला करार दिया। अंतरिक्ष तिवारी ने कहा कि यह घटनाएं न केवल पत्रकारिता पर हमला हैं, बल्कि सच बोलने की आज़ादी को कुचलने का प्रयास भी हैं।

प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में पांच सूत्रीय मांगें रखी गईं:

1. पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए: पूरे देश में पत्रकार सुरक्षा कानून को तुरंत लागू किया जाए, ताकि पत्रकारों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय पूर्ण सुरक्षा मिल सके।

2. मुआवजा व सरकारी नौकरी: दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर और संतोष कुमार टोपो के परिवारों को ₹1 करोड़ मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।

3. विशेष न्यायिक आयोग: दोषियों को त्वरित सजा दिलाने हेतु एक विशेष न्यायिक आयोग का गठन किया जाए।

4. राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा नीति: राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकार सुरक्षा नीति तैयार की जाए, जिसमें नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण, कार्यस्थल पर पुलिस सुरक्षा और आपातकालीन हेल्पलाइन सेवा का प्रावधान हो।

5. निष्पक्ष जांच: पत्रकारों के खिलाफ हिंसा और धमकी के मामलों में त्वरित व निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।

 

वरिष्ठ पत्रकारों की प्रतिक्रियाएँ:

अजय श्रीवास्तव:
“मुकेश चंद्राकर और संतोष कुमार टोपो की हत्या लोकतंत्र के लिए एक काला अध्याय है। सरकार को पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना चाहिए।”

आकाश सोनी:
“पत्रकारों पर हो रहे हमले यह दर्शाते हैं कि सच बोलना कितना जोखिम भरा हो चुका है। सरकार को जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए।”

शंकर श्रीवास्तव:
“पत्रकारों की सुरक्षा लोकतंत्र का अहम हिस्सा है। दोषियों को कठोरतम सजा दी जानी चाहिए।”

राकेश तिवारी:
“पत्रकारों का शोषण और उनकी हत्याएं लोकतंत्र के लिए कलंक हैं।”

साजिद हुसैन:
“यह हमला सिर्फ दो पत्रकारों पर नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र पर है। पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए।”

रवि मौर्य:
“पत्रकारिता का कार्य सत्य को सामने लाना है। ऐसे हमलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”

तुफैल अहमद:
“पत्रकारों की हत्याएं लोकतंत्र पर सीधा हमला हैं। निष्पक्ष जांच और कठोर दंड आवश्यक हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।”

वरिष्ठ पत्रकार वनवीर सिंह को गांधी पार्क में विनम्र श्रद्धांजलि

पत्रकार सुरक्षा कवच की बैठक के दौरान वरिष्ठ पत्रकार वनवीर सिंह के आकस्मिक निधन का समाचार प्राप्त होते ही गांधी पार्क में गहरा शोक व्यक्त किया गया। उपस्थित सभी पत्रकारों ने उनके सम्मान में दो मिनट का मौन धारण कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरिक्ष तिवारी ने कहा, “वनवीर सिंह जी का निधन पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता को सशक्त किया। उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।”

इस अवसर पर शिवेंदे सिंह, संजय यादव, रवि मौर्य, पंचम मौर्य, प्रशांत शुक्ला, अरविंद यादव, अमित कुमार, अंकित श्रीवास्तव, अर्चना तिवारी, अचल, संदीप श्रीवास्तव, पूजा, तुफैल अहमद, अनूप श्रीवास्तव सहित कई अन्य वरिष्ठ और युवा पत्रकार उपस्थित रहे।

सभी पत्रकारों ने उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

 

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