26 जनवरी को आनंद मोहन हो सकते हैं रिहा,क्यों?

26 जनवरी को आनंद मोहन हो सकते हैं रिहा,क्यों?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के बाहुबली नेता और पिछले 15 सालों से जेल की सजा काट रहे आनंद मोहन 26 जनवरी को बाहर आ सकते हैं। 3 जनवरी को राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में 26 जनवरी को व्यवहार कुशल कैदियों की रिहाई का फैसला लिया गया है। राजनीति गलियारों में ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इसमें आनंद मोहन का भी नाम है।

लगातार आनंद मोहन के लिए परिहार की मांग चल रही है। पिछले दिनों आनंद मोहन पैरोल पर बाहर निकले थे, इस दौरान उन्होंने अपनी बेटी सुरभि आनंद की सगाई की थी।

उस समारोह में बिहार सरकार का पूरा अमला शामिल हुआ था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर तेजस्वी यादव सहित सत्तारूढ़ दल के कई नेता शामिल हुए थे। आनंद मोहन की बेटी की शादी फरवरी महीने में है। उसके बाद आनंद मोहन के बड़े बेटे और विधायक चेतन आनंद की शादी अप्रैल-मई में है। ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है आनंद मोहन 26 जनवरी को जेल से रिहा हो जाएंगे।

आनंद मोहन की बेटी सुरभि और दामाद राजहंस के साथ CM और डिप्टी सीएम।
आनंद मोहन की बेटी सुरभि और दामाद राजहंस के साथ CM और डिप्टी सीएम।

कैबिनेट की बैठक में मुहर

दरअसल, 3 जनवरी को हुए कैबिनेट की बैठक में परिहार पर मुहर लगा दी गई। माना जा रहा है कि इस परिहार में आनंद मोहन का भी नाम हो सकता है।

सत्तारूढ़ दल के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की अनुरोध पर बताया कि राज्य सरकार की तरफ से आनंद मोहन को छोड़ने की पूरी तैयारी हो चुकी है। जो कुछ प्रक्रियाएं हैं वह पूरी हो रही है। सरकार के हावभाव से ये हो चुका है आनंद मोहन की रिहाई संभव है। अब बस 26 जनवरी का इंतजार है।

सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली थी

दरअसल, गोपालगंज के पूर्व डीएम जी. कृष्णैया की हत्या में लोअर कोर्ट ने आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई थी। लोअर कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट ने उम्र कैद में बदल दिया था।

हालांकि पूर्व सांसद आनंद मोहन ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था।

पिछले साल के 17 मई को आनंद मोहन कि उम्र कैद की सजा समाप्त हो गई थी। लेकिन, बिहार सरकार ने उन्हें रिहा नहीं किया।

तब बिहार सरकार ने कहा था कि आजीवन कारावास पाए बंदियों को छोड़ने के मानदंड तय हैं। जेल से छोड़ा जाना उम्र कैद के दोषियों का अधिकार नहीं है। आईएएस की हत्या के मामले में आनंद मोहन दोषी हैं, इसलिए उन्हें परिहार नहीं दिया जा सकता।

नीतीश के पास कई बार आया था मामला

आनंद मोहन की रिहाई को लेकर कई बार नीतीश कुमार के सामने बात रखी जा चुकी है। 2020 में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर जब मुख्यमंत्री पहुंचे थे तो वहां क्षत्रिय समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मांग की थी।

जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जितनी चिंता आप लोगों को है उतनी चिंता मुझे भी है। मेरे हाथ से जो संभव है वह मैं करूंगा।

हालांकि इस बात को ढाई साल बीत गए, लेकिन आनंद मोहन रिहा नहीं हुए। अपने पूरे उम्र कैद की सजा में आनंद मोहन ने कभी पैरोल की मांग नहीं की थी। वहीं, आनंद मोहन की राजनीति पूरी तरह से बीजेपी के खिलाफ रही है ऐसे में आनंद मोहन महागठबंधन के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे बताते हैं कि आनंद मोहन लगातार जेल में बंद रहे हैं। उनकी सजा जरूर पूरी हो गई है। लेकिन, उनके जेल में से बाहर निकालने पर अंतिम मुहर बिहार सरकार की लगानी है। बिहार सरकार जब चाहेगी तब आनंद मोहन जेल से बाहर आ सकते हैं।

जिस तरह से उनकी बेटी सुरभि आनन्द की सगाई में बिहार सरकार के सभी नेता-मंत्री और मुख्यमंत्री खास तौर पर पहुंचे थे जाहिर सी बात है आनंद मोहन के लिए यह सब कुछ ठीक हुआ है।

दूर हो सकती है राजपूत नेताओं की क्राइसिस

अरुण पांडेय ने बताया कि भले आनंद मोहन आने वाले समय में चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, लेकिन महागठबंधन में राजपूत नेताओं की चल रही क्राइसिस को आनंद मोहन दूर कर सकते हैं।

रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन, प्रभुनाथ सिंह के जेल में जाने के बाद राजपूत वोटरों को साधने के लिए आनंद मोहन का सहारा महागठबंधन ले सकता है। आनंद मोहन एक समय यूथ आइडल थे।

ऐसे में बिहार सरकार यदि उन्हें परिहार देती है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है। चूंकि आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद आरजेडी से विधायक हैं उनकी पत्नी आरजेडी में है। बिहार आरजेडी-जेडीयू की सरकार चल रही है ऐसे में आनंद मोहन की रिहाई संभव है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!