दुलारचंद यादव की हत्या के आरोप में अनंत सिंह गिरफ़्तार

दुलारचंद यादव की हत्या के आरोप में अनंत सिंह गिरफ़्तार

श्रीनारद मीडिया, सेंट्र्रल  डेस्‍क:

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बिहार में हमेशा से चर्चा में रहा मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हुई दुलारचंद की हत्या के आरोप में बाहुबली अनंत सिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया है. पटना पुलिस ने शनिवार देर रात उनकी गिरफ़्तारी की है.

इस गिरफ़्तारी के संबंध में पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया, “तारतर गांव के दो पक्षों का काफ़िला आ रहा था. दोनों के बीच झड़प हुई “

“घटनास्थल की जांच के सिलसिले में गवाहों के बयान लिए गए और घटनास्थल से जो वीडियो फुटेज मिले, उसकी जांच की गई. इस मामले में जो सबूत मिले हैं उसके आधार पर अनंत सिंह को बाढ़ इलाक़े के बेढना गांव से गिरफ़्तार किया गया है.”

कार्तिकेय शर्मा ने बताया, “जांच में पता चला है कि जिस वक़्त ये घटना हुई, उस वक़्त अनंत सिंह घटनास्थल पर मौजूद थे, जो इस हत्या के मुख्य अभियुक्त भी हैं. उनके अलावा मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम नाम के दो अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया है. ये दोनों भी घटनास्थल पर मौजूद थे.”

दुलारचंद की हत्या 30 अक्तूबर को हुई थी, जिसके बाद पूरे इलाक़े में तनाव फैला हुआ था.

इस हत्या के ख़िलाफ़ घोसवरी थाने में अनंत सिंह समेत पांच लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई गई थी.

मोकामा सीट पटना ज़िले की 14 विधानसभा सीटों में से एक है और इसे अनंत सिंह का गढ़ माना जाता है.

जेडीयू ने  बाहुबलीअनंत सिंह को मोकामा से उम्मीदवार बनाया है तो आरजेडी ने बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को टिकट दिया है. जनसुराज ने इस सीट से पीयूष प्रियदर्शी को अपना उम्मीदवार बनाया है.

दुलारचंद यादव, जनसुराज पार्टी के पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे.

अनंत सिंह की गिरफ़्तारी से पहले मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट पर नज़र रखने के लिए पटना पुलिस ने मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे तीन प्रमुख उम्मीदवारों को लेकर अहम फ़ैसला लिया था.

पुलिस के मुताबिक मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के आदर्श आचार संहिता को सुनिश्चित करने के लिए तीनों उम्मीदवारों के साथ एक-एक मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी, सशस्त्र बल और वीडियोग्राफर की तैनाती की गई थी.

जाने क्या है पूरा मामला

गंगा के दक्षिणी छोर पर बसे पटना ज़िले के 14 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है मोकामा विधानसभा सीट.

इस सीट से बाहुबली अनंत सिंह जीतते रहे हैं. पटना की सड़कों पर बग्घी दौड़ाने वाले बाहुबली अनंत सिंह के इंटरव्यू और मीम्स सोशल मीडिया का बहुत वायरल कॉन्टेंट हैं.

जेडीयू ने उन्हें मोकामा से उम्मीदवार बनाया है तो आरजेडी ने बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को टिकट दिया है. जनसुराज ने इस सीट से पीयूष प्रियदर्शी को अपना उम्मीदवार बनाया है.

दुलारचंद यादव जनसुराज के पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे. 30 अक्तूबर की दोपहर तकरीबन तीन बजे तारतर गांव और बसावनचक नाम की जगह के बीच जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह के काफ़िले और पीयूष प्रियदर्शी के समर्थकों के बीच झड़प हुई.

पटना एसएसपी कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “साढ़े तीन बजे भदौर थानाध्यक्ष को सूचना मिली कि अनंत सिंह के काफ़िले पर हमला हुआ है. अनंत सिंह के काफ़िले के पास पहुंचने पर ये सूचना मिली कि जनसुराज के समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया है.”

“इसी बीच घोसवरी थानाध्यक्ष को भी सूचना मिली कि तारतर गांव के पास दो पक्षों में मारपीट हुई है. पुलिस जब वहां पहुंची तो दो-तीन चार चक्का वाहनों का शीशा टूटा हुआ था और एक व्यक्ति का शव वाहन में था. इस व्यक्ति की पहचान दुलारचंद यादव के तौर पर की गई है.”

“पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है, एफ़एसएल टीम घटना स्थल की जांच कर रही है. मृतक की मौत संदेहास्पद है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, सीसीटीवी कैमरा फ़ुटेज, अनुसंधान में एकत्रित साक्ष्य के विश्लेषण के बाद ही कारण स्पष्ट हो पाएगा.”

इस मामले में घोसवरी थाने में अनंत सिंह सहित पांच पर नामज़द एफ़आईआर दर्ज हुई है.

अधिकारियों के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग की कार्रवाई

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में दुलारचंद की हत्या के बाद कई अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है.

इस सिलसिले में चुनाव आयोग ने शनिवार शाम को आदेश जारी किया.

इसके तहत बाढ़-1 क्षेत्र के एसडीओ और मोकामा विधानसभा सीट के रिटर्निंग ऑफ़िसर चंदन कुमार को हटा दिया गया. उनकी जगह पटना नगर निगम के एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर आशीष कुमार को भेजा गया है.

बाढ़ के एसडीपीओ (सब डिविज़नल पुलिस ऑफ़िसर) राकेश कुमार की जगह पर पटना सीआईडी के डीएसपी आनंद कुमार सिंह को भेजने का निर्देश दिया है.

जबकि बाढ़-2 क्षेत्र के एसडीपीओ की जगह पटना से एटीएस के डीएसपी आयुष श्रीवास्तव को भेजने को कहा गया है.

चुनाव आयोग ने कहा है कि हटाए गए तीनों अधिकारियों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है और बाढ़-2 के एसडीपीओ अभिषेक सिंह को फ़ौरन सस्पेंड किया जा सकता है.

आयोग ने पटना (ग्रामीण) के एसपी विक्रम सिहाग का ट्रांसफ़र कर, उनकी जगह पर संभावित नए अधिकारियों के नाम की सूची भी मांगी है.

चुनाव आयोग ने इस मामले पर 2 नवंबर दोपहर बारह बजे तक कार्रवाई करने को कहा है.

कौन थे दुलारचंद यादव

75 साल के दुलारचंद यादव तारतर गांव के रहने वाले थे. मोकामा टाल के इलाके में उनका बहुत प्रभाव था. उन्होंने खुद भी कई बार विधानसभा चुनाव लड़ा.

वरिष्ठ पत्रकार सुरूर अहमद बताते हैं, “साल 1995 के चुनाव के वक़्त उन्होंने चुनाव लड़ा था जिसकी कवरेज करने हम गए थे. ये बृजनंदन यादव के ख़िलाफ़ चुनाव लड़े थे. उस वक़्त उन्होंने कहा था कि लालू यादव बिहार के चीफ़ मिनिस्टर होंगे लेकिन टाल का चीफ़ मिनिस्टर मैं हूं.”

“उस चुनाव में बृजनंदन जीत गए थे लेकिन वो वक़्त दुलारचंद का प्राइम टाइम था. उनकी इमेज एक ऐसे डकैत की थी जो लाल झंडा लेकर डकैती करता था. अब इसका मतलब क्या था, ये बताया नहीं जा सकता.”

पटना पुलिस के मुताबिक़ दुलारचंद पर हत्या और आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं.

आरजेडी के एक नेता नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं, “नीतीश कुमार जब बाढ़ से 1990 में लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे तो उन्होंने दुलारचंद से मदद मांगी थी. इनका पिछड़ों और अति पिछड़ों पर बहुत प्रभाव था. ये पैसों से लोगों की मदद करते थे. तारतर में हुए एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने इन्हें बुलाया था और उसी कार्यक्रम से ये मोकामा की राजनीति में एक नए नाम के तौर पर जुड़ गए.”

दुलारचंद इलाक़े में ‘पहलवान जी’ के नाम से मशहूर थे. उनके गांव तारतर में भी लालू यादव ने चरवाहा विद्यालय खुलवाया था.

पटना से निकलने वाली न्यूज़ब्रेक नाम की पत्रिका में पत्रकार कमल किशोर विनीत ने दुलारचंद यादव की राजनीति पर साल 2001 में एक लेख लिखा था.

कमल किशोर के इस लेख में लिखा था, “इस बाहुबली पर लालू की कृपा थी. विधायक न होते हुए भी इन्हें पटना में फ़्लैट, टेलीविज़न और गाड़ी मिली थी. सत्ता की ओट में कई नामी-गिरामी मार्केट से रंगदारी वसूलने का अधिकार भी मिल गया था.”

हालांकि, बाद के दिनों में वो लालू प्रसाद यादव से दूर हुए, लेकिन फिर आरजेडी के नज़दीक भी आ गए.

दुलारचंद यादव हाल के दिनों तक आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव को ही मुख्यमंत्री बनाने की बात दोहराते रहे. ऐसे में सवाल उठता है कि उन्होंने जनसुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी का प्रचार क्यों किया?

बांका के रहने वाले 30 साल के पीयूष प्रियदर्शी का नाम पहली बार मोकामा टाल में साल 2022 में सुनाई दिया. जब उन्होंने मोकामा से विधानसभा उपचुनाव लड़ने की घोषणा की.

धानुक जाति से आने वाले पीयूष प्रियदर्शी ने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था. दुलारचंद यादव चाहते थे कि इस बार आरजेडी पीयूष प्रियदर्शी को टिकट दे लेकिन आरजेडी ने वीणा देवी को टिकट दिया. पीयूष प्रियदर्शी ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़ से मास्टर इन सोशल वर्क किया है.

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