चीन में भारतीयों पर हमले:बीजिंग-शंघाई में निशाना बनाकर हो रही मारपीट

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चीन की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में 30 हजार से ज्यादा भारतीय स्टूडेंट रजिस्टर्ड हैं

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

चीन के ग्वांगझू शहर की मेट्रो ट्रेन में भीड़ थी, इसलिए लोग खड़े होकर सफर कर रहे थे। इसी बीच कुछ पैसेंजर्स में बहस होने लगी। देखते-देखते माहौल गर्म हो गया और कई लोग मिलकर दो लड़कों को पीटने लगे। ट्रेन स्टेशन पर खड़ी थी, गेट खुले थे, पिट रहे दोनों लड़कों को बाहर की तरफ धकेल दिया गया। वे लोग प्लेटफॉर्म पर भी इन दोनों लड़कों को लात-घूंसों से पीटते रहे। पास ही मेट्रो स्टेशन का गार्ड खड़ा था, लेकिन उसने हमलावरों को रोका नहीं।

ये मामला अक्टूबर 2022 का है। चीनी सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हुआ। पीट रहे लोग चीनी थे और पिट रहे दोनों लड़के भारतीय। कहासुनी क्यों हुई, मारने वालों पर क्या कार्रवाई हुई, पिटने वाले दोनों लड़कों का क्या हुआ, कुछ नहीं पता।

चीन में पढ़ाई कर रहे रितेश (बदला हुआ नाम) इस वीडियो को देखकर चुप हो जाते हैं। फिर कहते हैं- ‘चीनी मीडिया भारतीयों पर हो रहे ऐसे हमलों से जुड़े केसों को लगातार दबा रही है, पुलिस भी इन्हें सामने नहीं आने देती। मेरे एक दोस्त के साथ भी पिछले दिनों ऐसा हुआ, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। हम कर भी क्या सकते हैं।’

चीन में मौजूद हमारे सोर्सेज के मुताबिक हाल के महीनों में चीनी शहरों में भारतीयों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। सोर्सेज में यूनिवर्सिटीज के प्रोफेसर और रिसर्च स्कॉलर और स्टूडेंट्स शामिल हैं। उन्होंने अपना नाम न देने की ताकीद की है।

घर लौटते वक्त या मार्केट में ज्यादा हमले
सूत्रों के मुताबिक चीन में मौजूद भारतीय दूतावास के अधिकारी भी मानते हैं कि डोकलाम के बाद से चीन में भारतीयों पर हमले बढ़े हैं। यहां तक कि भारतीय दूतावास ने इन हमलों के आंकड़ों को इकट्‌ठा करना भी शुरू किया है और एक रिपोर्ट तैयार की है। इसी रिपोर्ट के मुताबिक एकेडमिक ईयर की शुरुआत यानी सितंबर के बाद से चीन में भारतीय स्टूडेंट पर हमले और डकैती के 50 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

ये वीडियो बीजिंग का बताया गया है। मेट्रो ट्रेन में झगड़ा होने पर एक चीनी लड़की भारतीय लड़के से कहती है कि चीन से चले जाओ, ये तुम्हारा देश नहीं है। इस पर लड़का कहता है कि मैं क्यों जाऊं। वीडियो कब का है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई।

ये हमले चीन के अलग-अलग शहरों में हुए हैं। ज्यादातर केस बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू में रिपोर्ट किए गए हैं। निशाने पर स्टूडेंट या नौकरीपेशा यंग लोग हैं। उन पर कॉलेज या ऑफिस से घर लौटते वक्त हमला किया गया, कई लोगों को मार्केट में निशाना बनाया गया।

हालांकि, भारतीय दूतावास इन्हें नस्लीय हमले नहीं मान रहा है। सूत्रों के मुताबिक चीन में क्राइम बढ़ा है और ये घटनाएं उसी का नतीजा हैं। कई स्टूडेंट्स और उनके परिवारों ने सुरक्षा के बारे में चिंता जताई है और दूतावास से सिक्योरिटी बढ़ाने की गुजारिश भी की है।

भारतीय दूतावास के लोगों की सलाह- अकेले सफर न करें, रात में क्लब न जाएं
चीन की एक यूनिवर्सिटी से PhD कर रहे रितेश बताते हैं कि उनके दोस्त पर हुए हमले के बाद उन्होंने भारतीय दूतावास से भी मदद मांगी थी। दूतावास के अधिकारी चीन में मौजूद भारतीयों से लगातार ओपन और क्लोज डोर मीटिंग्स के जरिए संपर्क में रहते हैं।

ऐसे हमलों की शिकायतों के बाद उन्होंने अक्टूबर 2022 में ही स्टूडेंट्स को ‘वर्चुअल ओपन हाउस मीटिंग’ में अकेले यात्रा करने से बचने, अच्छी रोशनी और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रहने, सेफ्टी अलार्म रखने, देर रात क्लब नहीं जाने, धर्म और राजनीति पर बहस से बचने और लोकल लोगों से मिलजुल कर रहने जैसी सलाह दी थी। साथ ही ऐसी घटना होने पर दूतावास को तुरंत जानकारी देने के लिए भी कहा था।

भारतीयों पर ज्यादातर हमले मार्केट या मेट्रो में हुए हैं। आमतौर पर इसकी शुरुआत कहासुनी से होती है। भारतीय समुदाय का आरोप है कि चीनी पुलिस ऐसे मामलों को दबा देती है।

रितेश कहते हैं कि लगातार हमलों से चीन में मौजूद भारतीय समुदाय में गुस्सा है। वे स्टूडेंट्स की सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाने की मांग कर रहे हैं। इंडियन स्टूडेंट्स यूनियन भी कई बार इस मामले में विरोध दर्ज करा चुकी है। यूनियन की मांग है कि चीन सरकार विदेशी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करे।

हमलों से जुड़े मामले विदेश मंत्रालय तक पहुंचे हैं। उन्होंने छात्रों और उनके परिवारों को भरोसा दिया है कि वह इस मुद्दे को हल करने के लिए काम कर रहे हैं।

पाकिस्तानी और बांग्लादेशी स्टूडेंट्स पर भी हमले
चीन में न सिर्फ भारतीय, बल्कि पाकिस्तानी और बांग्लादेशी स्टूडेंट्स के साथ भी बुरा बर्ताव हो रहा है। इनमें से ज्यादातर मेडिकल की पढ़ाई करने चीन आते हैं। कुछ महीने पहले ही शान्शी प्रांत के यांग्लिंग में नॉर्थ-वेस्ट एग्रीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी के साउथ कैंपस में एक चीनी स्टूडेंट ने बांग्लादेशी स्टूडेंट को चाकू मार दिया था।

इसी तरह नानजिंग यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक पाकिस्तानी लड़के को बीते साल चाकू मार दिया गया था। उसकी एक चीनी लड़की से दोस्ती थी। वह उसके साथ सड़क पर कैब का इंतजार कर रहा था। तभी एक शख्स उसे चाकू मारकर भाग गया।

ये CCTV फुटेज नानजिंग यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले पाकिस्तानी लड़के की है। इसी जगह उस पर चाकू से हमला किया गया था।

चीन में रह रहीं ऊषा कुमारी (बदला हुआ नाम) बताती हैं कि ऐसा ही एक मामला शेनजांग में भी सामने आया था। यहां एक पाकिस्तानी स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया था। बाद में पता चला कि जिस अपार्टमेंट में वह रहता था, वहां के लोग उससे मारपीट करते थे, धमकी देते थे। इससे वह परेशान रहने लगा और आखिर में खुदकुशी कर ली। हालांकि, इस तरह की खबरें चीनी मीडिया उजागर नहीं करती।

चीन में पढ़ने वाले भारतीयों की तादाद बढ़ी
बीते कुछ साल में चीन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। चीनी शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक चीन की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में 30 हजार से ज्यादा भारतीय स्टूडेंट रजिस्टर्ड हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने स्टूडेंट्स का डेटा तैयार किया है और उनसे समय-समय पर समस्याओं की जानकारी ली जाती है।

हालांकि, 2017 के बाद भारत के 400 PhD स्टूडेंट को डिग्री नहीं मिली है। इनमें से करीब 250 स्टूडेंट्स को गाइड ने सपोर्ट करना बंद कर दिया है। इसके बावजूद वे वहां रुके हैं, क्योंकि उन्हें अच्छा काम और सैलरी मिल जाती है।

अक्टूबर में भारतीय स्टूडेंट की मौत, जनवरी में बताया
झेंगझू यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक भारतीय स्टूडेंट की छठी मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। लड़की की उम्र करीब 18 साल थी। वह यहां मेडिकल की पढ़ाई करने आई थी। ये हादसा अक्टूबर 2022 में हुआ था, लेकिन इसे अभी ओपन किया गया है। हॉस्पिटल के पेशेंट रिकॉर्ड के मुताबिक, लड़की का नाम अनिवलेखा था। वह भारत में कहां की रहने वाली थी, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। उसकी हेल्थ कंडीशन बताने वाला कॉलम खाली रखा गया था।

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