अविरल गंगा-निर्मल गंगा ः मनुष्यों को अपने संस्कार में उत्पन्न हुए भ्रम को दूर कर गंगा को प्रदूषित करने वाले कारकों को खत्म करना होगा : लल्लू भैया

अविरल गंगा-निर्मल गंगा ः मनुष्यों को अपने संस्कार में उत्पन्न हुए भ्रम को दूर कर गंगा को प्रदूषित करने वाले कारकों को खत्म करना होगा : लल्लू भैया

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# गंगा में ना फेंके कचरा, गंगा समग्र संस्थान ने गंगा को स्वच्छ रखने को लिया संकल्प

श्रीनारद मीडिया‚ मनोज तिवारी‚ छपरा (बिहार)


छपरा  शहर के तेलपा में रविवार को गंगा बचाओ अभियान से संबंधित सेमिनार व विचार गोष्ठी आयोजित किया गया। जिसमें
देश व राज्य के कोने-कोने से आए दर्जनों वक्ताओं ने अपने अपने रखे विचार एवं दिए सुझाव। बताते चलें कि गंगा बचाओ-अभियान के तहत छपरा शहर के तेलपा स्थित जेके पब्लिक स्कूल के प्रांगण में भव्य विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गंगा समग्र संस्थान के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में देश व राज्य के कोने कोने से संस्थान के पदाधिकारी पहुंचे थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई।
उत्तर बिहार सह संयोजक श्री राम तिवारी ने अतिथियों का परिचय कराया साथ ही गंगा गीत प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि व संस्थान के प्रांत संयोजक व प्रांत समरसता प्रमुख सह पूर्व विभाग संघचालक अमरेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ लल्लू भैया ने कहा कि सबसे पहले हमें अपने संस्कार में उत्पन्न हुए भ्रम को दूर करना पड़ेगा ताकि गंगा को प्रदूषित करने वाले कारकों को खत्म किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हर जगह सरकार न तो पहुंच सकती है और ना ही डंडा चला सकती है । इस कार्य को बेहतर रूप से करने के लिए लोगों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए 15 आयामों पर काम करना होगा। सभी आयामों की चर्चा की और उसके लिए समितियों का गठन करने पर बल दिया । उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति के बारे में जानकारी लेना हो तो प्राइड ऑफ इंडिया नामक पुस्तक को पढ़ें जिसमें भारत के तमाम कालों की चर्चा है और भारत में विज्ञान पहले कैसा था इसकी जानकारी मिलेगी। विज्ञान में आज जो कुछ भी हो रहा है ।

वह सब भारतीय पुरातन संस्कृति का ही देन है। गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए आम लोगों से अपील की और कहा कि घर में पूजा पाठ हो या फिर नदियों के किनारे शव जलाने की प्रक्रिया हर समय यह ध्यान रखना होगा की गंगा अस्वच्छ ना हो। उन्होंने गीता, गंगा, गाय और गुरु का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि इन्हीं चार चीजों पर पूरा संस्कृति टिकी हुई है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि व भारत विकास परिषद के जिलाध्यक्ष व पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर केके द्विवेदी ने कहा की गंगा को अविरल व निरंतर बहते देखना यदि चाहते हैं तो हम सबको आगे आना होगा और गंगा को स्वच्छ रखने के लिए कदम उठाना होगा। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष राम दयाल शर्मा ने कहा कि भारत संस्कृतियों का देश है। यहां गंगा से बेहतर साक्ष्य और कुछ नहीं हो सकता। आज गंगा जिस तरह से अस्वच्छ हो रही है उसके उत्तरदाई हम सभी हैं। भारत सरकार लगातार गंगा की स्वच्छता के लिए कई योजनाएं चला रही हैं ।

अब जरूरत है उन योजनाओं को अपनाने की और उस पर चलने की । हम सभी चाहें तो गंगा को अविरल और निश्छल बना सकते हैं। खगड़िया से आए संस्था के प्रांत समिति सदस्य डॉक्टर सलिल ने कहा कि गंगा को स्वच्छ रखने के लिए जो योजनाएं केंद्र सरकार चला रही हैं उसे गांव गांव के लोगों तक पहुंचाना जरूरी है। कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में अंबिका आईटीआई के निदेशक गंगा समग्र के प्रांतीय समिति सदस्य जयराम सिंह, राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के विद्वत परिषद के अध्यक्ष राकेश मिश्र, युवा ब्राह्मण चेतना मंच के विमलेश कुमार मिश्र, डॉ कृष्ण कुमार मिश्र समेत अन्य ने संबोधित किया।

इस अवसर पर जिला संयोजक डॉक्टर किरण सिंह ने कहा कि प्रयास किया होगा कि जिले के हर गांव तक इस अभियान को पहुंचाया जाए और एक बड़ी टीम खड़ी की जाए, जो गंगा स्वच्छता अभियान में अपने अहम योगदान दे। इस दौरान एक संकल्प लिया गया कि नवरात्र के दौरान पूजा सामग्री के अवशेषों को गंगा में प्रवाहित नहीं किया जाएगा और ना ही प्रतिमा को गंगा में प्रवाहित किया जाएगा अवशेषों को गंगा में प्रवाहित करने से गंगा नदी अस्वस्छ होती हैं और प्रतिमा विसर्जित किए जाने से उसमें मौजूद पेंट से जलीय जि को नुकसान पहुंचता है जल भी प्रदूषित होता है। कार्यक्रम में अनिल कुमार सिंह, राशेश्वर सिंह ,राजेश तिवारी, मनोज कुमार पांडे ,अपर्णा मिश्र, शंकर चौधरी सुधांशु दुबे, शारदा देवी ,सुषमा देवी समेत अन्य लोग लोगों ने अपने विचार रखें और सुझाव दिए।

 

 

 

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