Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
श्रीराम के आचरण में प्रबंधन के उत्तम गुण  - श्रीनारद मीडिया

श्रीराम के आचरण में प्रबंधन के उत्तम गुण 

श्रीराम के आचरण में प्रबंधन के उत्तम गुण
कामधेनू है श्री राम का चरित्र गायन ।आचार्य अरविंद मिश्र
जनता दुखी तो राजा नरक का भागी ।

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, जीरादेई, सीवान (बिहार):

सीवान जिले के जीरादेई प्रखंड क्षेत्र के भरौली मठ परिसर में श्री सीताराम महा यज्ञ के दूसरे दिन शनिवार को आचार्य अरविंद मिश्र ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के गुणों को गिनना असंभव है ,परंतु उनके गुण प्रोत्साहन ,रणनीति श्रीराम को मैनेजमेंट गुरु की संज्ञा दिलाता है ।

आचार्य ने कहा कि प्रभु श्रीराम का सबसे बड़ा गुण दूसरों को प्रोत्साहित करना था ।ये कार्य उन्होंने बचपन से ही किया ।अपने दोस्तों ,भाइयों ,अयोध्यावासीयों को समय- समय पर प्रोत्साहित किया ,तभी तो बानर व भालू जैसे मामूली से समझे जाने वाले जीवों ने भी लंका की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई ।साथ ही एक नन्हीं सी गिलहरी ने भी सेतु निर्माण में सहयोग दिया ।

श्री अरविंद ने बताया कि यदि श्रीराम चाहते तो क्षणभर में लड़ाई को खत्म कर सकते थे ,परन्तु वे जनमानस को इतना ताकतवर बनाना चाहते थे ताकि वे रक्षकों से न डरें ।इसलिये उन्होंने हर एक को युद्ध में पराक्रम दिखाने का मौका दिया ।दया के सागर श्रीराम ने हर अच्छे कार्य का श्रेय दूसरों को दिया ।रावण वध ,लंका विजय का श्रेय गुरु वशिष्ठ व भालू एवम बानरों की सेना को देते है ।

भगवान श्रीराम दोस्त एवम दुश्मन दोनों के मूल्य को समझे तभी तो मृत्यु शैय्या के निकट रावण के पास लक्ष्मण को ज्ञान की बातें सीखने के लिये भेजे।आचार्य मिश्र ने कहा कि भगवान श्रीराम दूरदृष्टि रखते थे ।वे जानते थे कि जनसमुदाय के लिये राक्षस जाति का समूल नाश जरूरी है ।उनके राज्य में शेर बकरी एक घाट पर पानी पीते थे ।

श्रीराम का विचार था कि जिस देश की जनता दुखी होगी वहाँ का राजा नरक का भागी होगा । परम गुरु रामनारायण दास जी महाराज ने कहा कि राम राष्ट्रवाद के परिचायक है तथा इनका जीवन शांति व अमन का पैगाम दिलाता है और श्रीराम कथा तो कामधेनु है ।इस मौके यज्ञ यजमान कुलदीप सिंह ,मुखिया नागेंद्र सिंह, पूर्व मुखिया वलिंद्र सिंह,रामेश्वर सिंह, डॉ विजय सिंह ,जितेंद्र सिंह ,हरिकांत सिंह ,विकास सिंह आदि उपस्थित थे ।

यह भी पढ़े

पढ़ाई के साथ खेल भी आवश्यक: बीडीओ

साहित्यकार की श्रेष्ठता इसमें है कि वह हजम न किया जा सके-शंभुनाथ

सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र की कलाकृति को उप मुख्यमंत्री ने की सराहना

बगैर अनुमति के जुलूस निकालना एवं पुलिस से दुर्व्यवहार पड़ा महंगा

बी एस टी ए राज्य संघ के चुनाव में  वोट चतुर्वेदी एवं संजय कुमार के पक्ष में उतरे नियोजित शिक्षक

Leave a Reply

error: Content is protected !!