श्रद्धापूर्वक मनायी गयी मालवीय जी और अटल जी की जयंती

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श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):

सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय के पं दीनदयाल नगर स्थित भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री अनुरंजन मिश्र के आवास पर देश की दो महान विभूतियों बीएचयू बनारस के संस्थापक भारतरत्न महामना मदनमोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटलबिहारी बाजपेयी की जयंती श्रद्धापूर्वक मनायी गयी। इस अवसर पर आचार्य पं विवेक मिश्र के वैदिक मंत्रोच्चार के बीजेपी नेता अनुरंजन मिश्र, सुरेश सिंह,डॉ सच्चिदानंद गिरि,रघुनाथ शर्मा,राजेश शर्मा आदि ने दोनों विभूतियों के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि कर श्रद्धा निवेदित किया।

इस अवसर पर वक्ताओं ने महामना के विशाल व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मालवीय जी भारतीय आत्मा की जीवंत मूर्ति थे। हिन्दी और भारतीय संस्कृति की शिक्षा के लिए दिया गया उनका अवदान कभी भुलाया नही जा सकता। वे संस्कृत, हिन्दी और अंग्रेज़ी के विश्रुत विद्वान हीं नही, अद्भुत वक़्ता भी थे। वहीं भाजपा नेता श्री मिश्र ने मालवीय जी उदात्त व्यक्तित्व की विद्वता, विनम्रता, सेवा,संघर्ष,बलिदान आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वतंत्रता -संग्राम के वे अमर सिपाही, वस्तुतः भारतीय चेतना और मनीषा के संवाहक थे।

उन्होंने अटल जी के अद्भुत व्यक्तित्व को मुखरित करते हुए कहा कि राष्ट्रीयता को समर्पित, आधुनिक भारत के एक ऐसे महापुरुष थे जिन पर संपूर्ण भारत वर्ष गर्व कर सकता है।उन्होंने कहा कि यह बड़ा अद्भुत संयोग है कि, एक ही दिवस को धरा पर अवतरित हुए इन दोनों ही विभूतियों को भारत की सरकार ने ‘भारत-रत्न’ के सर्वोच्च अलंकरण से विभूषित किया। उन्होंने भाजपा के भीष्म पितामह पूर्व बीजेपी सांसद पं जनार्दन तिवारी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बीजेपी डॉ सच्चिदानंद गिरि ने कहा कि मालवीय जी ने लुप्त हो रहे भारतीय-ज्ञान और संस्कृति के उन्नयन के लिए। वे चार-चार बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। 160 साल पहले 25 दिसंबर, 1861में प्रयागराज में जन्मे मालवीय जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वे चार बार अध्यक्ष रहे। समाज सेवा, राजनीति, शिक्षा, वकालत, समाज सुधार और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी सक्रियता और समर्पण की ऐतिहासिकता रही है।

प्रसिद्ध चौरीचौरा कांड के 156 भारतीय अभियुक्तों को मौत की सजा से बचाने के लिए न्यायालय में उनकी लंबी बहस इतिहास में गर्व के साथ दर्ज है। मालवीय जी ने देश की राजनीतिक आजादी के साथ ही अज्ञान के विरुद्ध संघर्ष के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय की सन 1916 में स्थापना की।

इस मौके पर भाजपा मंडल महामंत्री राजेश गिरि,राजेश शर्मा, धर्म नाथ सिंह,राजकिशोर प्रसाद, विनोद पांडेय, रघुनाथ शर्मा, अशोक मिश्र, हरेंद्र मांझी,रिम्पी मिश्र, अशोक शर्मा,संदीप गुप्ता, फिरोज गांधी, भिखारी प्रसाद, धन्नू चंदेल, प्रेमप्रकाश सोनी ,रामायण गिरि सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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