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भाजपा हार मानने को तैयार नहीं हैं-ममता - श्रीनारद मीडिया

भाजपा हार मानने को तैयार नहीं हैं-ममता

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा का सिलसिला अभी भी जारी है। केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन के काफिले पर गुरुवार सुबह हुए हमले के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला बोला। ममता ने कहा कि चुनाव हो गए, रिजल्ट आ गया, लेकिन भाजपा के मंत्री हार मानने को तैयार नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में गृह मंत्रालय की टीम और केंद्र सरकार के मंत्री दौरे कर रहे हैं। केंद्र सरकार के मंत्री बंगाल में आकर हिंसा फैला रहे हैं। भाजपा के नेता इधर-उधर घूम रहे हैं। वे लोगों को भड़का रहे हैं। नई सरकार को आए अभी 24 घंटे भी नहीं हुए और वे चिट्ठियां भेज रहे हैं। भाजपा अभी भी जनता के फैसले को स्वीकार नहीं कर पा रही है।

भाजपा से हार नहीं पच रही
ममता ने कहा कि भाजपा चुनाव के बाद भी जनादेश को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। मेरा उनसे आग्रह है कि वे जनता के फैसले को स्वीकार करें। ममता यहीं नहीं रुकी, उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक टीम आई थी। उन्होंने चाय पी और वापस चले गए। उनका इशारा केंद्रीय टीम पर था, जो राज्य में हिंसा के बाद की स्थिति देखने पहुंची थी।

CM ममता ने कहा कि अब अगर केंद्रीय मंत्री आते हैं तो उन्हें स्पेशल फ्लाइट्स के लिए RTPCR निगेटिव रिपोर्ट भी लानी पड़ेगी। नियम सभी के लिए समान होना चाहिए। भाजपा नेताओं के बार-बार यहां आने के कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है।

ममता ने मृतकों के परिजन को दी नौकरी और सहायता राशि
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूच बिहार जिले में फायरिंग में मारे गए लोगों के परिजन को होम गार्ड की नौकरी देने की घोषणा की है। साथ ही चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए 16 लोगों को 2-2 लाख रुपए सहायता राशि देने का निर्णय लिया है।

ममता ने गुरुवार को ऐलान किया कि चुनाव बाद प्रदेश में हुई इस हिंसा में मृतकों के परिजन को बिना किसी भेदभाव के मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था जब चुनाव आयोग के हाथ में थी, उस दौरान हिंसा में 16 लोग मारे गए। इनमें से आधे TMC के थे और आधे भाजपा के। इसके अलावा एक कार्यकर्ता संयुक्त मोर्चा का था।

केंद्रीय टीम से मिले दिलीप घोष
इस बीच, बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में 10 सदस्यीय डेलिगेशन ने राज्य के दौरे पर आई गृह मंत्रालय की टीम से कोलकाता स्थित BSF ऑफिस में मुलाकात की। बता दें कि राज्य में चुनाव के बाद जारी राजनीतिक हिंसा में भाजपा ने अपने 11 वर्कर्स के मारे जाने का दावा किया है। गृह मंत्रालय की टीम इस मामले की जांच कर रही है।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखा था और राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। केंद्र ने कहा था कि राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट नहीं भेजने की सूरत में इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।

बंगाल में भाजपा की हार पर मेघालय और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता तथागत रॉय ने तल्ख बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय, बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और अन्य भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का नाम कीचड़ में घसीटा है। दुनिया के सामने सबसे बड़ी पार्टी के नाम पर धब्बा लगाया।

तथागत रॉय ने कहा- इन्हीं नेताओं ने बंगाल में भाजपा चुनाव मुख्यालय और 7 सितारा होटलों में बैठकर तृणमूल से आए कचरे को टिकट बांटा। अब जब कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट रहा है तो भी ये वहीं बैठकर तूफान के गुजरने का इंतजार कर रहे हैं। इन्हीं लोगों ने पार्टी की विचारधारा और 1980 से पार्टी की सेवा कर रहे सच्चे स्वयंसेवकों की छवि की सबसे बड़ी आलोचना की है।

आठवीं तक पढ़े स्वार्थी लोगों से क्या उम्मीद करेंगे : रॉय
बंगाल में चुनाव के बाद हो रही हिंसा पर उन्होंने कहा, ‘अब जब भाजपा के कार्यकर्ता तृणमूल के जुल्मोसितम का शिकार हो रहे हैं तो ये कैलाश-दिलीप-शिव-अरविंद (KDSA) उन्हें बचाने के लिए नहीं जा रहे हैं। ये लोग तो यह भी नहीं कर रहे हैं कि कार्यकर्ता तृणमूल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ संघर्ष करें। ये लोग तो बस इसी बात से सुकून हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा की टैली 3 से 77 तक पहुंच गई है।’

उन्होंने कहा, ‘घटिया, निराश और स्वार्थी लोगों का ऐसा समूह, जिनके पास राजनीतिक समझ नहीं है, आकलन करने की क्षमता नहीं है और न ही बंगाली संवेदनाओं का कोई आभास है। ऐसे लोगों से क्या उम्मीद कर सकते हैं, जो आठवीं तक पढ़े हैं और जिनके पास मिस्त्री का सर्टिफिकेट है।’

रॉय बोले- चुनाव के बाद दो आशंकाएं, जिनसे भाजपा खत्म होगी
उन्होंने कहा- कुछ लोग पूछते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व को जिम्मेदार क्यों न ठहराया जाए? 130 करोड़ की आबादी वाले देश के केंद्रीय नेतृत्व को राज्य की लीडरशिप की तरफ से ब्रीफ किया जाना समझ के परे है। अब मुझे दो चीजों की आशंका नजर आ रही है। पहली- जो कचरा तृणमूल से आया है, वो वापस जाएगा। दूसरा- हो सकता है भाजपा के कार्यकर्ताओं को अगर पार्टी के भीतर बदलाव नजर नहीं आया तो वो भी चले जाएंगे और यह बंगाल में भाजपा का अंत होगा।

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