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साहित्य Archives - Page 7 of 9 - श्रीनारद मीडिया

भोजपुरी समाज के महानायक थे भिखारी ठाकुर,कैसे?

भोजपुरी समाज के महानायक थे भिखारी ठाकुर,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क आज भोजपुरी प्रदेश में ही आपको कई लोग ऐसे मिल जाएँगे, जो भिखारी ठाकुर को नहीं जानते हों। लेकिन, आज के समय में जब अश्लील भोजपुरी गानों और फिल्मों ने भसड़ मचा रखी है, भिखारी ठाकुर का जीवन और उनकी शैली को याद करना…

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अमर गीतकार आ कवि शैलेन्द्र जी के 56वां पुण्यतिथि पर शत शत नमन…विनम्र श्रद्धांजलि

अमर गीतकार आ कवि शैलेन्द्र जी के 56वां पुण्यतिथि पर शत शत नमन…विनम्र श्रद्धांजलि श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क आजु से 55 साल पहिले स्मृतियन के आकाश में विचरत उ जन साधारण के मन के बात कहे वाला कवि आ गीतकार शरीर रूपी पिंजरा के त्याग क के हमेशा खातिर कहीं विलुप्त हो गइल पर दे…

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क्या शिक्षकों की नियुक्ति आवश्यक है?

क्या शिक्षकों की नियुक्ति आवश्यक है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क केंद्रीय विश्वविद्यालयों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) उच्च शिक्षा की श्रेष्ठ एवं आधारभूत संस्थान हैं. देश की प्रगति में इनकी शिक्षा और इनके शोध व अनुसंधान महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. यदि इनमें समुचित संख्या में शिक्षक नहीं होंगे, तो इसका शैक्षणिक…

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पठन-पाठन को बढ़ावा देना क्यों जरूरी है?

पठन-पाठन को बढ़ावा देना क्यों जरूरी है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क यह सच है कि लोगों की पढ़ने-लिखने में दिलचस्पी कम होती जा रही है. पुरानी कहावत है कि किताबें ही आदमी की सच्ची दोस्त होती हैं, लेकिन अब दोस्ती के रिश्ते में कमी आयी है. अब लगभग सभी बड़े शहरों में साहित्य उत्सव आयोजित…

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हिंदी हमारा अधिकार नहीं उत्तरदायित्व है-सुरेंद्र नाथ तिवारी।

हिंदी हमारा अधिकार नहीं उत्तरदायित्व है-सुरेंद्र नाथ तिवारी। भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने के लिए हिंदी एक माध्यम है-डाॅ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव। विश्व में हिंदी को प्रतिष्ठित करने में विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस, विश्व हिंदी सम्मेलन और प्रवासी भारतीय का योगदान है। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय मोतिहारी स्थित हिंदी विभाग…

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चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है–सीवान

चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है–सीवान श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क जब अपने माटी की सुगंध गीत बनकर मस्तिष्क में गूंजती है तब आंखों का रेगिस्तान हरा-भरा मैदान बन जाता है। ऐसा ही कुछ है इस सीवान के साथ जो उत्तर प्रदेश के साथ सटकर बतियाता है, सरयू नदी की कलकल बहती…

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तीन साल बाद पटना पुस्तक मेला का हो रहा है आयोजन

तीन साल बाद पटना पुस्तक मेला का हो रहा है आयोजन ‘मोबाइल छोड़िए, किताब पढ़िए महोदय’ श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क पटना पुस्तक मेले का आयोजन तीन वर्ष के बाद फिर से एक बार होने जा रहा है. सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा शहर के गांधी मैदान में दो से 13 दिसंबर तक इसका आयोजन…

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अमेरिका से तरुण कैलास के विवाह की रजत जयंती पर संस्मरण

अमेरिका से तरुण कैलास के विवाह की रजत जयंती पर संस्मरण श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क मै और स्वस्ति एक ही शहर से हैं – जी, आरा से। गीत-संगीत, भाषा आदि में दोनों की घनी अभिरुचि है, हमेशा साथ-साथ मंच पर होते हैं। लोग मान लेते हैं कि लव मैरेज ही हुआ होगा। पर वास्तविकता इसके…

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फूले फूले चुनि लियै, काल्हि हमारी बार…पुरुषोत्तम अग्रवाल

फूले फूले चुनि लियै, काल्हि हमारी बार…पुरुषोत्तम अग्रवाल   शत-शत नमन ,निधन से साहित्य जगत में शोक श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क गंभीर, विचारोत्तेजक मार्क्सवादी धारा के आलोचनात्मक लेखन के लिए जाने जाते रहे मैनेजर पाण्डेय के निधन से साहित्य जगत में संवेदनाओं की लहर है। बड़ी संख्या में लेखक, पत्रकार, संपादक, भाषा-साहित्य के अकादमिक जगत,…

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नारायणी का एक सूरज हुआ अस्त ,मैनेजर पांडेय नहीं रहे

नारायणी का एक सूरज हुआ अस्त ,मैनेजर पांडेय नहीं रहे श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क हिंदी साहित्य जगत के गम्भीर और विचारोत्तेजक आलोचनात्मक लेखन के लिए मशहूर वरिष्ठ लेखक मैनेजर पांडेय का निधन हो गया है. 82 वर्षीय मैनेजर पांडेय के निधन से हिंदी साहित्य जगत में शोक की लहर है. तमाम लेखक, पत्रकार और प्रकाशन…

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डॉ अर्जुन तिवारी जी अब हमनी का बीच नइखी बाकिर स्मृति शेष बा- राजेश भोजपुरिया

डॉ अर्जुन तिवारी जी अब हमनी का बीच नइखी बाकिर स्मृति शेष बा- राजेश भोजपुरिया श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क स्व.डॉ अर्जुन तिवारी जी के आ उहां के लिखल “भोजपुरी साहित्य के इतिहास” आउर “समकालीन भोजपुरी साहित्य कS समीक्षात्मक अध्ययन” दुनों ग्रन्थन पर। डॉ तिवारी जी पुरनका पीढ़ी के पत्रकार रहीं,ओह समय के पत्रकार मूलतः साहित्यकार…

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हिंदी कथा साहित्य में 19 जनवरी 1990 की महता

हिंदी कथा साहित्य में 19 जनवरी 1990 की महता कश्मीरी पंडितों का निर्वासन क्यों ? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क “बुलबुल न ये वसीयत एहबाब भूल जाएं, गंगा के बदले मेरे झेलम में फूल जाएं।” महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग की ओर से सप्तम शोध परिसंवाद कार्यक्रम में गुरूवार को शोधार्थी सुनंदा गराईन के…

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हम भारतीय समस्या के लिए नहीं बल्कि निराकरण के लिए जाने जाते हैं- प्रो.आनंद प्रकाश,कुलपति,म. ग. केंद्रीय विवि. बिहार।

हम भारतीय समस्या के लिए नहीं बल्कि निराकरण के लिए जाने जाते हैं- प्रो.आनंद प्रकाश,कुलपति,म. ग. केंद्रीय विवि. बिहार। हमारी मौलिक मनीषा का प्रकारान्तर शोध होता है-प्रो. प्रसून दत्त सिंह, अधिष्ठाता, भाषा व मानविकी संकाय। विश्वविद्यालय में शोध से संबंधित नियमावली बिल्कुल स्पष्ट है- प्रो. संतोष त्रिपाठी, अधिष्ठाता,शोध एवं विकास प्रकोष्ठ। मेरे लिए विचार सदैव…

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लोकप्रिय साहित्य वह है जो मर्डर, मिस्ट्री, और सॉफ्ट पोर्न के इर्द-गिर्द घूमता है,क्यों ?

लोकप्रिय साहित्य वह है जो मर्डर, मिस्ट्री, और सॉफ्ट पोर्न के इर्द-गिर्द घूमता है,क्यों ? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क साहित्य का हमने श्रेणी विभाजन किया हुआ है- साहित्य वह, जिसमें स्वभावत: श्रेष्ठता बोध निहित है, जो स्वघोषित रूप से सबको साथ लेकर सहित भाव से चलता है, सबका प्रतिनिधित्व करता है तथा लुग्दी साहित्य, जो…

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स्थानीय भाषाओं को कैसे बढ़ाया जाये,जबकी अंग्रेजी का वर्चस्व है !

स्थानीय भाषाओं को कैसे बढ़ाया जाये,जबकी अंग्रेजी का वर्चस्व है ! श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क संसदीय राजभाषा समिति ने अपनी 11वीं रिपोर्ट में अनुशंसा की है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित सभी तकनीकी एवं गैर तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाई का माध्यम अनिवार्य रूप से हिंदी और स्थानीय भाषाएं होनी चाहिए. इसमें यह भी कहा गया…

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