बिहार के 29 जिलों में आयोजित होगा बाल दरबार, बच्‍चे जनप्रतिनिधियों से मांगेगे अपना अधिकार

बिहार के 29 जिलों में आयोजित होगा बाल दरबार, बच्‍चे जनप्रतिनिधियों से मांगेगे अपना अधिकार

श्रीनारद मीडिया, रोहित मिश्रा,स्टेट डेस्क

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समाज कल्याण विभाग और यूनिसेफ़ बिहार के गया, पटना, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, शेखपुरा सहित 29 जिलों में बच्‍चों के लिए ‘बाल दरबार, हमारा दरबार’ आयोजित करेगा। इसे बाल अधिकार सप्ताह (14 नवंबर से 20 नवंबर) के दौरान आयोजित किया जाएगा। खास बात यह है कि बाल दरकार में राज्य के सभी 34 बाल/बालिका गृहों से भी बच्चे-बच्चियां शामिल होंगे। यह बातें यूनिसेफ बिहार की कम्‍यूनिकेशन स्‍पेशलिस्‍ट निपुण गुप्ता ने बताई।

उन्‍होंने कहा कि बाल दरबार के आयोजन से बच्‍चे, किशोर व किशोरियां खुद से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय व सुझाव अभिव्‍यक्‍त कर सकेंगे।  वे सीधे अधिकारी वर्ग और जन प्रतिनिधियों तक अपनी बात पहुंचा सकेंगे। जब अधिकारी व जन प्रतिनिधि उनकी बात सुनेंगे, बच्‍चों से संवाद करेंग, उन्‍हें समझेंगे तब  बच्‍चों से जुड़े मुद्दों पर प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी। उनसे जुड़ी समस्‍याओं का निराकरण हो सकेगा। साथ ही बच्‍चों के विकास से संबंधति पॉलिसी आदि बनाने में भी काफी मदद मिलेगी। कहा कि सरकार द्वारा स्कूलों व बाल गृहों में बाल संसद, किशोरी समूह, बाल सभा आदि के साथ-साथ नेहरु युवा केंद्र संगठन और पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत वार्ड, ब्लॉक एवं ज़िला स्तर पर स्थापित समितियों में बच्चों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया गया है। जिन्हें और मज़बूत किए जाने की आवश्यकता है।

समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक आलोक रंजन ने कहा कि बाल दरबार के आयोजन के ज़रिए बच्चे-बच्चियों व किशोर-किशोरियों को एक प्रभावी मंच मुहैया करवाना है, जहां उन्हें अपने मुद्दों, समस्याओं और सरोकारों के बारे में ज़िला एवं राज्यस्तरीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से खुलकर संवाद करने का मौक़ा मिलेगा। संवाद के दौरान मिले बच्चों के सुझावों के आधार पर तैयार किए गए चार्टर ऑफ़ डिमांड्स को नीतिनिर्धारकों को सौंपा जाएगा, जो बच्चों के बेहतर भविष्य हेतु और कारगर नीतियां बनाने में सहायक सिद्ध होंगी।

बता दें कि बाल दरबार के तहत हर ज़िले में अलग-अलग सामाजिक समूहों से 14 से 19 वर्ष के 30-40 बच्चों व किशोर-किशोरियों द्वारा ज़िला मुख्यालय में स्वयं से जुड़े विभिन्न मुद्दों, योजनाओं एवं अपने सरोकारों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। इसके बाद इन्हीं में से कुछ बच्चों का दल हर ज़िले से प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार मांग पत्र को लेकर ज़िलाधिकारी से भेंट करेगा।

इसके पश्चात हर ज़िले से एक लड़का या लड़की 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस पर आयोजित होने वाले राज्य स्‍तरीय बाल दरबार में भाग लेंगे। बच्चों व किशोर-किशोरियों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा सुझावों एवं मांगों का संकलित चार्टर समाज कल्याण विभाग एवं अन्य संबद्ध विभागों के मंत्री एवं अधिकारियों को सौंपा जाएगा।

कोविड महामारी के दौरान बच्चों ने क्या खोया, क्या पाया और उनके लिए एक बेहतर दुनिया कैसे बने, इससे जुड़े सुझावों को भी चार्टर ऑफ़ डिमांड्स में शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम में सेव द चिल्ड्रेन, एक्शन एड, प्रथम ,  उदयन केयर, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस इन ऑल्टरनेटिव केयर भी सहयोग करेंगे

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