ज़िले का पहला फाइलेरिया क्लिनिक सीएचसी डंडखोरा में हुआ शुरू, स्थानीय मरीजों को होगी सहूलियत:

ज़िले का पहला फाइलेरिया क्लिनिक सीएचसी डंडखोरा में हुआ शुरू, स्थानीय मरीजों को होगी सहूलियत:

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फाइलेरिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए फ़िल्म अभिनेता द्वारा दिया गया संदेश: सिविल सर्जन
परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से फैलता है फाइलेरिया: डॉ जेपी सिंह
ज़िले में 2993 फाइलेरिया मरीज़ों को किया गया चिन्हित: सलाहकार
सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक फाइलेरिया क्लिनिक रहेगा कार्यरत: एमओआईसी

 

श्रीनारद मीडिया, कटिहार, (बिहार):

राज्य को फाइलेरिया बीमारी से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से ज़िले का पहला फाइलेरिया क्लिनिक (एमएमडीपी) डंडखोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में शुरू हुआ। जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह, स्थानीय सीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार एवं वीबीडी सलाहकार जेपी महतो ने संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह के दौरान दर्जनों मरीज़ों को एमएमडीपी किट प्रदान किया गया। इस अवसर पर बीएचएम अनवर आलम, बीसीएम पूजा राय, केबीसी अनुजीत रॉय, भीबीडी रूपेश कुमार, एएनएम आशा कुमारी, आशा फेसिलेटर कुमारी छंदा आशा कार्यकर्ता अनुराधा देवी एवं जिगछि सहित दर्जनों फाइलेरिया मरीज उपस्थित थे।

 

फाइलेरिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए फ़िल्म अभिनेता द्वारा दिया गया संदेश: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ जितेन्द्र नाथ सिंह ने कहा कि ज़िले के फाइलेरिया मरीजों को बेहतर सुविधाएं एवं क्लीनिकल ट्रीटमेंट उपलब्ध कराने को लेकर राज्य सरकार द्वारा सदर अस्पताल सहित ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मार्डीबिलिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी (एमएमडीपी) प्रीवेंशन क्लिनिक खोलने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया था। इसके आलोक में ज़िले का पहला फाइलेरिया क्लिनिक का शुभारंभ सीएचसी डंडखोरा में किया गया है। इसके बाद ज़िले के सभी अस्पतालों में जल्द ही फाइलेरिया क्लिनिक खोला जाएगा। एमडीए कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगों को नि:शुल्क दवा का सेवन करने के उद्देश्य से बिहार के प्रसिद्ध अभिनेता मनोज वाजपेयी के द्वारा वीडियो बनाया गया है। ताकि फाइलेरिया बीमारी के प्रति आम जनमानस को जागरूक किया जा सके।

 

परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से फैलता है फाइलेरिया: डॉ जेपी सिंह
जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरपी मंडल ने बताया कि फाइलेरिया (हाथीपांव) मरीजों की देखभाल के लिए सीएचसी डंडखोरा के ओपीडी में ज़िले का पहला रुग्णता प्रबंधन एवं विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) फाइलेरिया क्लिनिक का शुभारंभ किया गया है। जिसके माध्यम से फाइलेरिया से बचाव, उपचार तथा लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही एमडीए कार्यक्रम के तहत दवा सेवन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से फाइलेरिया बीमारी फैलता है। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के माध्यम से उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। लेकिन ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चल पाता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है।

 

ज़िले में 2993 फाइलेरिया मरीज़ों को किया गया चिन्हित: सलाहकार
ज़िला वैक्टर वॉर्न डिजीज सलाहकार जय प्रकाश महतो ने बताया कि ज़िले में अभी तक 2 हजार 993 फाइलेरिया मरीज़ों की पहचान की गई है। इसमें 2 हजार 528 फाइलेरिया एवं 465 हाइड्रोसील के मरीज़ों को चिन्हित किया गया है। ज़िले के अमदाबाद प्रखण्ड में 112, आजम नगर में 96, बलरामपुर में 40, बरारी में 343, बारसोई में 118, डंडखोरा में 305, फ़लका में 201, हसनगंज में 174, कदवा में 285, कटिहार ग्रामीण में 124, शहरी क्षेत्र में 251, कोढ़ा में 352, कुरसेला में 46, मनिहारी में 98, मनसाही में 101, प्राणपुर में 185 जबकि समेली प्रखंड में 162 फाइलेरिया (हाथी पांव एवं हाइड्रोसील) के मरीजों की पहचान करने के बाद दवा सेवन कराया जा रहा है।

 

सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक फाइलेरिया क्लिनिक रहेगा कार्यरत: एमओआईसी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि फाइलेरिया क्लिनिक का उद्घाटन होने से स्थानीय मरीजों  को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने में कोई परेशानी नहीं होगी। हालांकि पहले भी दवा दिया जाता था लेकिन क्लिनिक नहीं होने से थोड़ी परेशानी होती थी। लेकिन अब यहां के मरीजों को किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होगी। फाइलेरिया क्लिनिक का संचालन प्रतिदिन सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगा। इसमें हाथीपांव के मरीज सलाह, उपचार एवं सफाई को लेकर प्रतिनियुक्त प्रशिक्षित स्टाफ़ नर्स (जीएनएम) अमीषा पटेल से जानकारी ले सकते हैं।

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