डेंगू व चिकनगुनिया के क्लीनिकल मैनेजमेंट से हुए रूबरू डॉक्टर, दिया गया प्रशिक्षण

डेंगू व चिकनगुनिया के क्लीनिकल मैनेजमेंट से हुए रूबरू डॉक्टर, दिया गया प्रशिक्षण
• डेंगू एवं चिकनगुनिया नियंत्रण के लिए अस्पताल में बेड आरक्षित
• सभी अस्पतालों में जांच की सुविधा उपलब्ध
• पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था सभी अस्पतालों में उपलब्ध

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):

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डेंगू एवं चिकनगुनिया के इलाज के लिए जिला अंतर्गत सभी चिकित्सा पदाधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सदर अस्पताल में किया गया। कार्यक्रम में सभी प्रखंडो के एक-एक एमबीबीएस चिकित्सक और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा पदाधिकारियों को डेंगू एवं चिकनगुनिया के क्लीनिकल मैनेजमेंट से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण की शुरूआत सिविल सर्जन डॉ. सगार दुलाल सिन्हा ने की। इस दौरान उपस्थित चिकित्सकों को डेंगू के मरीज को प्रारंभिक अवस्था में ही चिन्हित कर समुचित इलाज के गुर बताये, ताकि चिकित्सक ससमय सही उपचार प्रारंभ कर सके और जटिलताओं को रोका जा सके।

निदान के साथ ही रोगियों को प्रतिवेदित करने और व्यापक निरोधात्मक कार्रवाई प्रारंभ करने पर भी बल दिया, ताकि डेंगू के प्रसार को रोका जा सके। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू फैलाने वाले एडिस मच्छर घरों के आसपास बिखरे टूटे फूटे बर्तनों, गमलों, टायर, छोटे छोटे प्लास्टिक या कागज के डिस्पोजेबल कप, नारियल के खोपरे आदि में जमा बारिश के पानी में अंडे देते हैं, जो एक सप्ताह में मच्छर बन जाते हैं। इसे रोकने के लिए घरों के आस पास, छतों पर या घर के अन्दर पानी जमा न होने दें और सप्ताह में दो बार पानी को बदलते रहें। एडिस मच्छर साफ पानी मे पनपता है और दिन मे ही काटता है।


डेंगू एवं चिकनगुनिया नियंत्रण के लिए अस्पताल में बेड आरक्षित :

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि डेंगू एवं चिकनगुनिया नियंत्रण के लिए सदर अस्पताल में 10 बेड सभी अनुमंडलीय अस्पतालों में 4 बेड तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2-2 बेड डेंगू वार्ड के लिए सुरक्षित किया गया है। सभी बेड को मेडिकेटेड मच्छरदानी युक्त किया गया है, साथ ही संबंधित मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था सभी अस्पतालों में उपलब्ध है। जिला में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है, तथा एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। जिला में डेंगू नियंत्रण के लिए नोडल चिकित्सा पदाधिकारी एवं फॉगिंग तथा लार्विसाइडल स्प्रे के लिए नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।

कंफर्मेटरी डेंगू जांच के लिए एलिजा किट एवं एलिजा रीडर मशीन उपलब्ध :
जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू की जांच के लिए एनएस 1 एंटीजन किट उपलब्ध है। सदर अस्पताल में कंफर्मेटरी डेंगू जांच के लिए एलिजा किट एवं एलिजा रीडर मशीन उपलब्ध है। डेंगू के मरीज के पुष्टि होने पर मरीज के निवास स्थान के 500 मीटर क्षेत्रों मे जिला मलेरिया कार्यालय द्वारा टेक्निकल मालाथियोन द्वारा फागिंग तथा लार्विसाइडल का छिड़काव कराया जाता है, साथ ही इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा एक्टिव सर्विलांस कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि नए मरीजों की खोज की जा सके। वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने कहा कि डेंगू से बचाव के लिए सतर्कता सहित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जन समुदाय से उचित योजना के तहत डेंगू की रोकथाम एवं गतिविधि में सहभागिता ली जाएगी। इस मौके पर जिला वेक्टर रोग सलाहकार सुधीर कुमार, वीडीसीओ पंकज तिवारी समेत अन्य मौजूद थे।

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