क्या जाति प्रथा को उखाड़ फेंकने की जरूरत है ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने भारतीय समाज से यह अपील की है कि जाति प्रथा के कारण समाज में विघटन और अन्य बुराइयों को दूर करने हेतु जाति प्रथा को उखाड़ फेंकने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वर्ण और जाति को पूरी तरह से नकार दिया जाना चाहिए क्योंकि आज इस व्यवस्था की कोई प्रासंगिकता नहीं बची है. उन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक समानता भारतीय परंपराओं का हिस्सा रही है, लेकिन अब इस विशेषता को भुला दिया गया है,

जिसके हानिकारक परिणाम निकल रहे हैं. प्रारंभ में वर्ण और जाति व्यवस्था के अंतर्गत भेदभाव नहीं होता था और इसका लाभ था. लेकिन अब यह मात्र एक इतिहास बन कर रह गया है. जाति प्रथा के कारण आयीं बुराइयों के बारे में उन्होंने कहा कि पिछली पीढ़ियों ने कुछ गलतियां की हैं और भारत भी अपवाद नहीं है, लेकिन आज जो भी व्यवस्था समाज में भेदभाव का कारण बने, उसे जड़ से मिटाने की जरूरत है.

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