सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर फडणवीस की नसीहत

सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर फडणवीस की नसीहत

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे के मराठी लोगों पर दिए बयान पर बवाल मचा हुआ है। मामले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार (08 जुलाई, 2025) को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका मानना है कि टिप्पणी मराठी समुदाय के लिए नहीं बल्कि कुछ संगठनों के लिए थी, जिन्होंने इस विवाद को हवा दी।

इसके साथ ही उन्होंने दुबे को नसीहत देते हुए कहा कि मेरा मानना है कि निशिकांत दुबे का बयान पूरी तरह से सही नहीं है। इसके अलावा उन्होंने देश के विकास में महाराष्ट्र के योगदान को याद करते हुए कहा कि देश के विकास में महाराष्ट्र के योगदान को कोई नकार नहीं सकता या भूल नहीं सकता, अगर कोई ऐसा करता है तो यह पूरी तरह से गलत होगा। सीएम फडणवीस ने आगे कहा, मेरे विचार में इस तरह के बयान देना ठीक नहीं है, क्योंकि इसका जो मतलब निकलता है वो लोगों के मन में भ्रम पैदा करता है।

क्या है मामला?

देवेंद्र फडणवीस का ये स्पस्टीकरण एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे की हालिया टिप्पणी पर निशिकांत दुबे की प्रतिक्रिया पर आया है, जिसने महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। राज ठाकरे ने मराठी में बात करने के लिए तैयार नहीं लोगों का जिक्र करते हुए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को निर्देश देते हुए कहा था कि मारें लेकिन वीडियो न बनाएं।

निशिकांत दुबे ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

इस पर बीजेपी सांसद ने कहा, “क्या कह रहे हो? किसकी रोटी खा रहे हो? तुम लोग हमारे पैसे से जी रहे हो। तुम्हारे पास किस तरह के उद्योग हैं? झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में सारी खदानें हमारी हैं। तुम्हारे पास कौन सी खदाने हैं? सारी सेमीकंडक्टर रिफाइनरियां गुजरात में हैं। अगर आपमें हिंदी बोलने वलों को पीटने की हिम्मत है तो उनको भी पीटने की हिम्मत होनी चाहिए जो उर्दू, तमिल और तेलुगु बोलते हैं। अगर आप इतने ही बड़े बॉस हैं तो महाराष्ट्र से बाहर आएं- बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु। तुमको पटक-पटक के मारेंगे।”

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मराठी ना बोलने वालों के साथ मारपीट के कई वीडियो सामने आए हैं। कुछ लोगों ने आरोप लगाए हिंदीभाषी लोगों के साथ एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की है। इस पूरे मामले पर देश भर में राजनीति गरमा गई है।

तमाम राजनीतिक दलों के नेता MNS और राज ठाकरे पर निशाना साध रहे हैं। इस कड़ी में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी राज ठाकरे पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे में इतनी ही हिम्मत है, तो वह बिहार आकर दिखाएं। पटक-पटकर मारा जाएगा। अब उनके बयान पर शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने पलटवार किया है। आइए आपको बताते हैं उन्होंने क्या कहा?

आदित्य ठाकरे का निशिकांत दुबे पर पलटवार

मुंबई में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मराठी भाषा विवाद पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह बिल्कुल भाजपा की मानसिकता है, जो महाराष्ट्र विरोधी है। हमने सभी से ऐसे गंदे दिमागों पर प्रतिक्रिया न करने को कहा है क्योंकि वे महाराष्ट्र में भय और अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं। ये वही लोग हैं जो महाराष्ट्र में विभाजन पैदा करना चाहते हैं, और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.

उन्होंने आरोप लगाया कि फूट डालो और राज करो भाजपा की चाल है। यह शुद्ध राजनीति है, भाजपा के सांसद की यह मानसिकता पूरी भाजपा का प्रतिनिधित्व करती है, यह उत्तर भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करती। पूरे देश से लोग सपने और उम्मीदें लेकर महाराष्ट्र आते हैं… हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ है, किसी भाषा के खिलाफ नहीं, निशिकांत दुबे उत्तर भारत के प्रतिनिधि नहीं हैं।

हम हिंदी के खिलाफ नहीं: उद्धव ठाकरे

वहीं, संवाददाताओं से बात करते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, वे मराठी लोगों की तुलना पहलगाम के आतंकवादियों से कर रहे हैं, वे असली मराठी हत्यारे हैं, वे हिंदुओं को भी नहीं बचा सकते, वे उन लोगों का साथ दे रहे हैं जो मराठी के साथ अन्याय करते हैं।

निशिकांत दुबे ने क्या कहा था?

गौरतलब है कि भाषा विवाद के बीच निशिकांत दुबे ने MNS अध्यक्ष निशिकांत दुबे पर जुबानी हमला बोला था। बीजेपी सांसद ने कहा था कि हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वाले यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ, अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है। कौन कुत्ता और कौन शेर, खुद ही फैसला कर लो।

उन्होंने कहा कि आप किसकी रोटी खा रहे हैं। टाटा, बिरला, रिलायंस की महाराष्ट्र में यूनिट तक नहीं है। टाटा ने पहली फैक्ट्री तब के बिहार में बनाई। हमारे पैसे पर पल रहे हो, तुम कौन सा टैक्स दे रहे हो। कौन सी इंडस्ट्री आपके पास है, सारे माइंस हमारे पास हैं या फिर झारखंड के पास हैं या फिर अन्य राज्यों के पास के हैं।

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