ट्रक चालकों से वसूली करते धराए फर्जी DTO-MVI

ट्रक चालकों से वसूली करते धराए फर्जी DTO-MVI

महीने में 4.50 लाख की थी कमाई

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पुलिस ने चोरी की स्कॉर्पियो के साथ तीन को किया  गिरफ्तार

श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

औरंगाबाद में फर्जी DTO और MVI बनकर ट्रक चालकों से अवैध वसूली करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। बारुण थाने की पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी की स्कॉर्पियो, हैंड माइक, बैटरी से जुड़ा नीला-लाल सायरन, डंडा और 5,300 कैश बरामद किया है।पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने बताया कि ‘जहानाबाद, सासाराम सहित अन्य जगहों पर घूम-घूमकर ट्रक चालकों से अवैध वसूली करते थे।

 

स्कॉर्पियो में नीला-लाल लाइट जलने और पुलिस का लोगो लगे होने के कारण ट्रक चालक पुलिस की गाड़ी समझकर रोक देते थे।”इसके बाद स्कॉर्पियो में बैठे लोग फर्जी DTO और MVI बनकर कागजात जांच के नाम पर वसूली करते थे। प्रतिदिन 10 से 15 हजार रुपए कमाई होती थी। यानी महीने का 4 लाख 50 हजार रुपए तक की वसूली करते थे। तीनों छपरा के रहने वाले हैं बारुण थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव के नेतृत्व में शनिवार रात ब्लॉक के पास यह कार्रवाई की गई।

 

गिरफ्तार आरोपियों में छपरा जिले के मधौरा थाना क्षेत्र के कोजी भुवालपुर गांव निवासी अभिषेक कुमार, दिघवारा थाना क्षेत्र के विशनपुर गांव निवासी सूरज कुमार और विवेक कुमार शामिल हैं। NH पर कर रहे थे वसूली पुलिस को सूचना मिली थी कि NH पर पुलिस की लोगो वाली स्कॉर्पियो में सवार कुछ लोग ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। सूचना की पुष्टि के लिए SI करण को भेजा गया। पुलिस की गाड़ी देखकर आरोपी भागने लगे, लेकिन पुलिस ने पीछा कर उन्हें गिरफ्तार किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।

 

2 लाख रुपए में खरीदा था स्कॉर्पियो पूछताछ में स्कॉर्पियो चालक अभिषेक ने बताया कि ‘स्कॉर्पियो हाजीपुर के कबीर सिंह से दो लाख रुपए में खरीदे है, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर मेरे पिता अखिलेश्वर प्रसाद यादव के नाम पर है।’कबीर सिंह ने बताया था कि ‘दूसरे वाहन का इंजन और चेसिस नंबर इस तरह से पंच किया गया है, जिसे कोई पकड़ नहीं पाएगा।’दरभंगा पुलिस ने बीते शनिवार (25 जनवरी) को फर्जी ADM समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।

 

फर्जी ADM पर आरोप है कि वह अपने 6 साथियों के साथ एक रिसॉर्ट में धौंस जमा रहा था। सभी नशे की हालत में थे, जिसकी वजह से रिसॉर्ट के मालिक को उन लोगों पर शक हो गया। इसके बाद रिसॉर्ट के मालिक ने फर्जी ADM से पूछताछ शुरू की। जैसे रिसॉर्ट के मालिक ने उसे अपनी आईडी दिखाने को कहा, वहां से उसके 3 साथी फरार हो गए

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