Breaking

किशनगंज जिले में नवनियुक्त जीएनएम का चार दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण शुरू

 

किशनगंज जिले में नवनियुक्त जीएनएम का चार दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण शुरू

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

प्रशिक्षण का उद्देश्य मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना:
ट्रेनिंग में मिले ज्ञान को शालीनतापूर्वक ग्रहण करने के बाद कार्य रूप में उतारें जीएनएम नर्सें: सिविल सर्जन

श्रीनारद मीडिया, किशनगंज, (बिहार):


किशनगंज जिले में नवनियुक्त जीएनएम के लिए चार दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन के द्वारा की गयी। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सुरक्षित एवं स्वस्थ प्रसव को लेकर सदर अस्पताल में केयर इंडिया के सहयोग से कराया जा रहा है। जिसमें सामान्य प्रसव से स्वस्थ्य बच्चे के जन्म से लेकर उचित देखभाल के तरीकों के बारे में बताया जा रहा है। इसमें जिले के पोठिया, छतरगाछ सामुदायिक अस्पताल एवं सदर अस्पताल के जीएनएम को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण केयर की ट्रेनर गुंजन छेत्री एवं डॉ सनोज दे रहे हैं। सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया प्रशिक्षण मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को नवनियुक्त जीएनएम के कार्यकौशल में बढ़ोतरी व क्षमता संवर्द्धन में सहायक सिद्ध होगा। इससे जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने व प्रसव के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने व प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा के सही देखरेख को बढ़ावा मिल सकेगा। उन्होंने प्रशिक्षण में भाग लेने व इससे प्राप्त अनुभव को कार्य के दौरान बेहतर इस्तेमाल करने के लिये प्रतिभागियों को प्रेरित किया। इस क्रम में अस्पताल प्रबंधक ने कहा कि नवनियुक्त जीएनएम के सेवा में आने से अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना आसान होगा। इससे मरीजों की जांच व उपचार बेहतर तरीके से हो सकेगा। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन के अलावा डीपीएम डॉ मुनाजिम, सदर अस्पताल के अस्पताल उपाधीक्षक डॉ.अनवर आलम और जीएनएम नर्स मौजूद थी।

प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को कम करना होगा: डीपीएम
जिला कार्यक्रम प्रबन्धक डॉ मुनाजिम ने बताया प्रशिक्षण में बतायी जा रही विधियों को अमल में लाकर सुरक्षित प्रसव कराना स्वास्थ्यकर्मियों के लिए आसान होगा। प्रशिक्षण में एएनएम और जीएनएम को प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं की जानकारी देकर उन्हें इतना सशक्त करना है कि आकस्मिक स्थिति में वे किसी भी परिस्थिति को संभाल सकें। साथ ही मातृत्व और शिशु मृत्यु दर को कम करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो। उन्होंने बताया कि बुनियादी प्रशिक्षण की शुरुआत प्रार्थना के साथ हुई और चार दिनों तक चलने वाले इस बुनियादी प्रशिक्षण के दौरान जीएनएम नर्स को रोल्स एंड रेस्पोंसबलिटी, जॉब डिस्क्रिप्शन, नर्सिंग एथिक्स एंड प्रोफेशनल कंडक्ट के साथ -साथ कॉम्युनिकेशन यूसिंग एसबीएआर, हैंडलिंग डिफिकल्ट सिचुएशन/प्रॉब्लम सॉल्विंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।

 

मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा एवं मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है प्रशिक्षण का उद्देश्य:
इंडक्शन ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनर द्वारा बताए गए ज्ञान को शालीनता पूर्वक ग्रहण करने के बाद जीएनएम नर्सें इसे कार्यरूप में उतारें। तभी इस ट्रेनिंग की सार्थकता सिद्ध हो सकती है। उक्त बातें मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर में आयोजित जीएनएम इंडक्शन ट्रेनिंग कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए किशनगंज के सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने कही। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार के स्वास्थ्य निदेशालय के निदेशक प्रमुख डॉ. कौशल कुमार के निर्देशानुसार 23 से 26 अगस्त तक नई जीएनएम नर्स के लिए चार दिवसीय जीएनएम इंडक्शन ट्रेनिंग का आयोजन किया जा रहा है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों का गैर संचारी रोग तथा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधित विषयों पर स्किल प्रशिक्षण करवाने के आलोक में जिला के सभी प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित जीएनएम का मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधित स्किल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जीएनएम को सुरक्षित प्रसव को लेकर सैद्धांतिक बात बताई गयी। साथ ही प्रशिक्षण के दौरान नवजात शिशु के पुनर्जीवन प्रक्रिया जन्म के 15 मिनट बाद कैसे की जाती है इसकी भी जानकारी दी गयी।

 

यह भी पढ़े

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के आदेश को नहीं मान रहे भरतपुरा विद्यालय के एच एम

समानता के अधिकार के सिद्धांत पर ही,सैनिक स्कूलों में पढ़ेंगी बेटियां.

क्या दिमागों की एकता लड़ाई के मैदान में दिल की एकता में भी बदलेगी?

*तीज व कजरी पर जलेबा खाकर महिलाएं गाएंगी कजरी, रखेंगी अखंड सौभाग्य और संतान के लि‍ये निर्जला व्रत*

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!