मूर्ख समझ रही सरकार, लोगों को विद्रोह कर देना चाहिए -चिदंबरम

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कांग्रेस ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के एक बयान को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधा और उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने यह भी कहा कि भारत के सभी लोगों को मूर्ख समझ रही सरकार के खिलाफ जनता को विद्रोह कर देना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ”मैं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के बयान से आक्रोशित हूं। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान से भी आक्रोशित हूं कि प्रदेश में टीके की कोई कमी नहीं है।” चिदंबरम ने कहा कि जनता को उस सरकार के खिलाफ विद्रोह करना चाहिए जो यह मानकर चल रही है कि भारत के सभी लोग मूर्ख हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या सभी टीवी चैनल झूठे व्यूजुअल्स चला रहे हैं? क्या सभी न्यूजपेपर्स की खबरें गलत हैं? क्या सभी डॉक्टर्स झूठ बोल रहे हैं? परिवार के सदस्य क्या गलत बयान दे रहे हैं? सभी तस्वीरें क्या झूठी हैं? वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ”अस्पतालों में उपचार नहीं मिल रहा है। ऑक्सीजन की कमी बरकरार है। लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। श्मशान और कब्रिस्तानों में जगह नहीं बची है। इस स्थिति के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि इस साल स्थिति पिछले साल से बेहतर है।”

उन्होंने आरोप लगाया, ”ऐसा लगता है कि वो मानवता का मूलधर्म भूल चुके हैं। सत्ता के अहंकार में इतने चूर हैं कि वो लोगों की वेदना भूल गए हैं।” सुप्रिया ने कहा, ”हर्षवर्धन के अंदर नैतिकता नहीं है कि इस्तीफा देंगे। इनको तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।” गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन मंगलवार को एक वेबिनार में कहा था कि 2021 में देश पिछले साल की तुलना में महामारी को हराने के लिए अधिक अनुभव के साथ मानसिक और भौतिक रूप से बेहतर तैयार है।

सुप्रिया ने उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को भी चिंताजनक करार दिया और दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार संवेदनशीलता दिखाने की बजाय लोगों को धमका रहे हैं। उन्होंने कहा, ” उत्तर प्रदेश में बार बार फरमान जारी किया जा रहा है। पहले फरमान जारी किया गया कि अस्पताल में भर्ती के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अनुमति चाहिए। फिर फरमान दिया गया कि ऑक्सीजन देने का निर्णय डॉक्टर नहीं, सरकार की समिति करेगी। अब नया फरमान दिया गया कि ऑक्सीजन और दवा की कमी का मुद्दा उठाने वाले के खिलाफ रासुका लगाया जाएगा और संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।” सुप्रिया ने आरोप लगाया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहल लाल खट्टर और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी पिछले कुछ दिनों में असंवेदनशील बयान दिए हैं।

कोरोना संकट के बीच भारत की मदद को आगे आए कई देशों में से एक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से पीएम नरेंद्र मोदी ने बात की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने पुतिन से बातचीत की जानकारी खुद ट्विटर पर दी है। पीएम मोदी ने लिखा, ‘मेरे मित्र व्लादिमीर पुतिन से आज काफी अच्छी बातचीत रही। हमने कोरोना संकट के बढ़ते खतरे को लेकर बात की और उन्हें इस महामारी के दौर में भारत के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।’ रूस की ओर से भारत को कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक- V की सप्लाई का भरोसा दिया गया है। 1 मई से देश में इस वैक्सीन की सप्लाई शुरू होने की बात कही जा रही है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बातचीत के दौरान हमने द्विपक्षीय सहयोग पर भी बात की। खासतौर पर स्पेस मिशन, अक्षय ऊर्जा और हाइड्रोजन इकॉनमी को लेकर भी बात हुई। स्पुतनिक-V वैक्सीन को लेकर हमारा सहयोग मानवता को मजबूत करेगा और कोरोना से जंग को आगे बढ़ाएगा। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस के साथ मंत्रालय स्तर की वार्ता किए जाने का भी ऐलान किया। एक ट्वीट में पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा, ‘अपनी मजबूत रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति पुतिन के साथ 2+2 स्तर की वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है। इसके तहत विदेश और रक्षा मंत्रालय के बीच वार्ता होगी।’

ब्रिटेन से यूएई तक कई देशों ने की मदद की पेशकश
बता दें कि भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के उभार के बीच अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, यूएई, सऊदी अरब समेत कई देशों ने मदद की पेशकश की है। खासतौर पर अमेरिका से वैक्सीन को तैयार करने के लिए जरूरी कच्चे माल की सप्लाई हासिल करने में सफलता हासिल हुई। अपनी घरेलू जरूरतों का हवाला देते हुए अमेरिका की ओर से पहले कच्चे माल की सप्लाई पर रोक हटाने से इनकार कर दिया था।

अजित डोभाल से बात के बाद अमेरिका के भी बदले सुर
हालांकि रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की ओर से अपने अमेरिकी समकक्ष से बात किए जाने के बाद से उसके सुर बदले हैं। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि कोरोना संकट की पहली लहर के दौरान भारत ने हमारी मदद की थी, जो हमें याद है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि हमारे संकट के वक्त में भारत साथ खड़ा था। ऐसे में अब हम उसे मदद करने के लिए तत्पर हैं।

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