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क्या वक्फ संपत्ति को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता रही है? - श्रीनारद मीडिया

क्या वक्फ संपत्ति को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता रही है?

क्या वक्फ संपत्ति को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता रही है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

वक्फ संपत्ति को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता रही है। ज्यादातर संपत्ति का लेखा-जोखा नहीं है। अगर किसी का रिकॉर्ड है तो कागज में कुछ, जबकि धरातल पर कुछ और संपत्ति मिल रही है। बरेली के आंवला के पक्का कटरा में वक्फ नंबर 610444 में संपत्ति के रूप में एक मकान दर्ज है, लेकिन मौके पर 21 दुकान, दो मकान और एक मस्जिद मिली। हाथरस में वक्फ की जमीन तहसील में निजी रूप में दर्ज हाथरस के सिकंदराराऊ में वक्फ की जमीन तहसील में निजी रूप में दर्ज है। यह तो सिर्फ बानगी है। जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने बिल पेश करने से पहले ही अलग-अलग एजेंसियों से देशभर में वक्फ संपत्तियों का सर्वे कराया था।
85 से अधिक सर्वेयर की टीम लगाई गईं.

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में सर्वे के लिए एएमयू इंटरडिसिप्लिनरी डिपार्टमेंट आफ रिमोट सेंसिंग को नोडल एजेंसी बनाया था। जिसके लिए 85 से अधिक सर्वेयर की टीम लगाई गईं। इसमें आइआइटी कानपुर व जामिया मिलिया विश्वविद्यालय की टीम ने सहयोग किया। उत्तर प्रदेश में प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर प्रो. खुर्शीद अहमद ने बताया कि वक्फ की संपत्तियों का बुरा हाल है।

उत्तर प्रदेश वक्फ की जमीन का होगा सर्वे

उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड ने सर्वे को अभी तक सत्यापित नहीं किया है। यह होने के बाद ही केंद्र सरकार को फाइनल रिपोर्ट दी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। बताया कि प्रदेश के 27 जिलों की 87,735 संपत्तियों का सर्वे हुआ था और इसकी रिपोर्ट भारतीय वक्फ प्रबंधन प्रणाली(वामसी) पोर्टल पर फोटो सहित अपलोड है, लेकिन दो वर्ष पहले भेजी गई इस रिपोर्ट का उप्र वक्फ बोर्ड (सुन्नी/शिया) ने सत्यापन नहीं कराया है।

विरोध के बाद सर्वे भी रोक दिया गया था। सर्वे में हजारों वक्फ संपत्तियां ऐसी पाई गई थीं दर्ज तो मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान के रूप में हैं लेकिन कहीं दुकान तो कहीं मकान बना लिए गए हैं।

इन शहरों में चला था सर्वे

अलीगढ़ के अलावा आजमगढ़, हरदोई, जौनपुर, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बिजनौर, गोंडा, खीरी, मुजफ्फरनगर, रामपुर, शाहजहांपुर, कानपुर देहात, सीतापुर, वाराणसी, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, बुलंदशहर, लखनऊ, मथुरा व पीलीभीत में सर्वे 2022 तक चला।

सर्वेयर को मौलाना ने धमकाया

रामपुर में सर्वेयर अजेंद्र और जिकर उल्ला को एक मौलाना ने पकड़ लिया था। धमकी भी दी। महिलाएं भी विरोध में आ जाती थीं। सर्वेयर राहिल अली को तो एक घंटे बिठाए रखा। मथुरा में भी टीम को बंधक बना लिया। डीएम के हस्तक्षेप पर छोड़ा गया था।

छग में पांच हजार करोड़ से अधिक वक्फ की संपत्ति, आमदनी पांच लाख भी नहीं

छत्तीसगढ़ में राज्य वक्फ बोर्ड की संपत्ति की अनुमानित कीमत पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है। रायपुर में ही संपत्तियों की कीमत 1,380 करोड़ है। इसके बावजूद बोर्ड को सालाना पांच लाख रुपये की आमदनी भी नहीं हो रही है। अनेक संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री भी हो चुकी है। रायपुर में ही 24 फर्जी रजिस्ट्री के मामले चल रहे हैं। इनमें से करीब 10 रजिस्ट्री को शून्य घोषित किया जा रहा है।

वक्फ की जमीन पर प्रभावशाली लोगों ने दुकान, शोरूम खोल ली

राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीमराज ने बताया कि प्रदेशभर की पांच हजार करोड़ की संपत्ति में से लगभग 90 प्रतिशत पर रसूखदारों का कब्जा है। रायपुर में जीई रोड पर ईओडब्ल्यू कार्यालय के समीप मस्जिद की जगह पर कब्जा किया जा चुका है। शहर के सबसे व्यस्ततम मालवीय रोड स्थित वक्फ बोर्ड की अनेक संपत्तियों की अवैध रजिस्ट्री करवाकर प्रभावशाली लोगों ने दुकान, शोरूम खोल ली हैं।

वक्फ बोर्ड की अनियमितता की जांच कराएगी राजस्थान सरकार

राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार प्रदेश के वक्फ बोर्ड में हुई अनियमितताओं की जांच कराएगी। गृह, राजस्व एवं अल्पसंख्यक मामलों के विभाग के अधिकारियों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री को बताया था कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड में काफी अनियमितताएं हुई हैं और वक्फ के पैसों व संपतियों का दुरुपयोग किया गया है।

706 संपत्तियों पर अतिक्रमण

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने यह जानकारी दी। राज्य में वक्फ बोर्ड के पास 19044 संपत्तियां पंजीकृत हैं। इनमें 17415 संपत्तियां राजस्थान राजपत्र में प्रकाशित एवं 1629 राजपत्र के प्रकाशन के बाद दर्ज हुई हैं। इनमें से 706 संपत्तियों पर अतिक्रमण है।
बिहार में वक्फ अरबों की संपत्ति का मालिक पर कमाई कुछ लाख

फुलवारीशरीफ संवाददाता के अनुसार, बिहार राज्य शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड अरबों की संपत्ति के मालिक हैं, परंतु इनसे कमाई कुछ लाख ही होती है और उसमें से आधा हिस्सा मुकदमों की पैरवी में खर्च हो जाता है। जो शेष रकम बचती है, उससे मौलाना, मोतव्वली, इमाम का वेतन, कौम की कुछ गरीब युवतियों के निकाह, स्कूल संचालन, छात्रावास और जाड़े में गरीबों के बीच कंबल वितरण आदि किया जाता है। वक्फ की संपत्तियों में कई विवादों के घेरे में हैं और मामला ट्रिब्यूनल, सिविल एवं हाई कोर्ट में चल रहा है। सारे मामलों की निगरानी बोर्ड स्वयं करता है।

शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अफजल अब्बास ने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड की राज्य में 327 संपत्तियां हैं। इनमें 138 का मामला ट्रिब्यूनल और 38 पटना उच्च न्यायालय में लंबित है। आमदनी का बड़ा हिस्सा केस में खर्च हो जाता है।

बिहार में कुल 2900 संपत्तियां, हजारों पर अतिक्रमण

सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादउल्लाह ने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास राज्य में कुल 2900 संपत्तियां हैं, जिनमें अधिकतर परती जमीन व दरगाह हैं। सैकड़ों दुकानें भी हैं। कुल 350 मामले विभिन्न न्यायालयों में चल रहे हैं। किराए से होने वाली आमदनी को सामाजिक कार्यों में खर्च किया जाता है।

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